Bihar Cabinet Expansion: पहली बार विधायक बने जयंत राज पर नीतीश ने किया भरोसा, बना दिए मंत्री
Bihar Cabinet Expansion अमरपुर विधानसभा से पहली बार जदयू की टिकट पर चुनाव जीते जयंत राज बिहार सरकार में मंत्री बन गए। वे पूर्व विधायक जर्नादन मांझी के पुत्र हैं। उन्होंने ग्रामीण अर्थशास्त्र से स्नातकोत्तर की डिग्री हासिल की है। राजनीति का ज्ञान उन्हें घर से ही मिला है।

बांका [डॉ राहुल कुमार]। Bihar Cabinet Expansion जदयू ने जयंत राज को जिला का पहला मंत्री बनाया है। वे पहली बार विधायक बनने के साथ ही मंत्री भी बन गए हैं। उन्हें ग्रामीण कार्य विभाग की जिम्मेदारी सौंपी गई है। पांच सीट में एक से सफर शुरू कर 2005 से ही तीन-तीन विधायक जीत रहे थे। 2020 के चुनाव में भी बेलहर और अमरपुर से उसके दो विधायक जीते। इसके पहले भूदेव चौधरी, जनार्दन मांझी, गिरिधारी यादव, मनीष कुमार, मनोज यादव जदयू के विधायक बन चुके हैं। लेकिन, जदयू विधायकों में मंत्री बनने का पहला मौका जयंत राज कुशवाहा को ही मिला। वे मंत्रीमंडल के सबसे युवा चेहरों में हैं। उनकी उम्र केवल 35 साल है। उनके पिता जनार्दन मांझी दो बार अमरपुर और एक बार बेलहर से विधायक रहे हैं। इस बार उनकी जगह उनके बेटे जयंत राज को अमरपुर का टिकट दिया गया था। चुनाव में उन्होंने कांग्रेस प्रत्याशी जितेंद्र सिंह को तीन हजार वोटों के मामूली अंतर से पराजित किया था। इस जीत की खास बात यह रही कि लोजपा प्रत्याशी बने भाजपा नेता मृणाल शेखर के 40 हजार वोट हासिल करने के बाद भी जदयू को जीत हासिल हुई थी। इस लिहाज से अमरपुर में जदयू की जीत कठिन परिस्थितियों में होने का लाभ उन्हें मिला।
उपेंद्र की बात उलझने पर खुला रास्ता
जयंत राज के मंत्री बनने की राह उपेंद्र कुशवाहा का जदयू में विलय रूकने के बाद बन गया। नीतीश कुमार के पास कुशवाहा चेहरे का संटक था। तारापुर विधायक मेवालाल चौधरी पर उनकी बाजी पहले ही गलत पड़ गई थी। ऐसे में भाजपा द्वारा सम्राट चौधरी को मंत्री बनाकर आगे करने पर, जदयू को इस इलाके में दूसरा कुशवाहा युवा चेहरा सामने लाना पड़ा। अगर उपेंद्र कुशवाहा की रालोसपा में विलय की बात बन जाती तो, जयंत का रास्ता बंद समझा जा रहा था। लेकिन कुशवाहा से बिगड़ी बात ने उनके लिए सफलता का नया द्वार खोल दिया।
जयंत राज का प्रोफाइल
जन्म- सिंघेश्वरी, बौंसी, जिला बांका
शिक्षा- ग्रामीण अर्थशास्त्र में स्नातकोत्तर, 2012
स्नातक- मारवाड़ी कॉलेज भागलपुर, बीबीए, 2010, तिमांविवि
मैट्रिक-सीएनडी बौंसी
शोधार्थी- तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय, ग्रामीण अर्थशास्त्र विभाग
पिता- जनार्दन मांझी, पूर्व विधायक
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