Bihar: BUIDCO को सीवरेज प्लांट के लिए देने होंगे 9 करोड़... वन विभाग ने दी गंगा किनारे पाइपलाइन बिछाने की अनुमति
Bihar News बिहार के भागलपुर में सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट की बाधाएं दूर हो गई हैं। बुडको को गंगा किनारे पाइपलाइन बिछाने की विन विभाग से अनुमति मिल गई है। डाल्फिन अभ्यारण्य क्षेत्र होने के कारण बुडको को 9 करोड़ की क्षतिपूर्ति राशि देनी होगी। गंगा में पानी घटते ही दिसंबर में पाइपलाइन का कार्य शुरू होगा। साहेबगंज और कहलगांव में प्लांट पूरी तरह से तैयार है।

जागरण संवाददाता, भागलपुर। Bihar News भागलपुर के साहेबगंज और कहलगांव में निर्माणाधीन सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट की बाधाएं दूर हो गई हैं। वन विभाग ने नदी किनारे पाइपलाइन बिछाने के लिए बुडको को अनुमति दे दिया है। इसके लिए बुडको को क्षतिपूर्ति राशि के रूप में वन विभाग को नौ करोड़ से अधिक राशि देना होगा। दरअसल, डाल्फिन अभ्यारण्य क्षेत्र होने के कारण वाइल्ड लाइफ सेंच्युरी एक्ट के तहत पाइपलाइन बिछाने का काम डेढ़ से वर्ष से अटका था। वर्तमान में प्लांट पूरी तरह से तैयार है। प्लांट का ड्राई एंड रन भी पूरा हो चुका है। बिजली कनेक्शन भी मिल गया है।
बरारी से साहेगबंज स्थित सीवरेज ट्रीटमेंट के बीच गंगा नदी के किनारे पाइपलाइन का कार्य होना है। इस कार्य में वन विभाग ने डेढ़ वर्ष पहले रोक लगा दिया था। वाइल्ड लाइफ सेंच्यूरी एक्ट के तहत बुडको ने अनुमति नहीं लिया था। जिससे 385 करोड़ रुपये की लागत से सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट की योजना पर ग्रहण लग गया था। बुडको के परियोजना निदेशक अखिलेश प्रसाद ने बताया कि तीन सितंबर को राज्यस्तरीय बैठक में वन विभाग से पाइपलानइ बिछाने के लिए हरी झंडी मिल गई।
इसके लिए बुडको को क्षतिपूर्ति की राशि जमा करना होगा। भागलपुर में सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट के लिए 8.26 करोड़ और कहलगांव के प्लांट के लिए 96 लाख रुपये जमा करना होगा। सितंबर के अंत तक विन विभाग को क्षतिपूर्ति की राशि जमा कर दी जाएगी। गंगा का जलस्तर घटते ही दिसंबर माह में पाइप बिछाने का कार्य शुरू हो जाएगा। साहेबगंज से बरारी पुल घाट तक 11 किलोमीटर पाइप बिछाया जाना है। जिसमें अभी छह किलोमीटर पाइप बिछाया जाना शेष है। पाइप बिछाने के बाद संख्या एक से पांच पंपिंग स्टेशन जुड़ जाएगा। जिससे शहर के नाले का पानी सीधे सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट में शोधन कार्य के लिए पहुंचेगा। जिसके बाद गंगा में पानी को प्रवाहित किया जाएगा।
नालियों के पानी से मैली हो रही गंगा
अडानी कंपनी ने साहेबगंज स्थित पुराने सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट को तोड़कर नए ट्रीटमेंट प्लांट का निर्माण किया है। शहरी क्षेत्र से होकर गुजरने वाली गंगा की धारा नालियों के पानी से मैली हो रही है। 80 से अधिक छोटी व बड़ी नालियां सीधे गंगा में प्रवाहित हो रही हैं। साथ ही 10 पंपिंग स्टेशन का भी निर्माण होना है। जिसमें से चार पंपिंग स्टेशन का कार्य पूरा हो गया है। शेष का कार्य गंगा के तटवर्ती क्षेत्र में किया जाना है।
10 जगहों पर बनेंगे पंपिंग स्टेशन
बरारी से नाथनगर व अलीगंज क्षेत्र का पानी अंडरग्राउंड आरसीसी पाइप के माध्यम से पंपिंग स्टेशन तक पहुंचना है। तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय परिसर, नया बाजार चौक, मंसूरगंज, कोयला घाट, काली घाट, कुप्पा घाट, बरारी पुल घाट, चंपा पुल घाट, बागबाड़ी व सूर्यलोक कालोनी में पंपिंग स्टेशन बनाया जाना है।
ऐसे करेगा पंपिंग स्टेशन कार्य
गंगा में गिरने वाले नाले के मुहाने को मोड़ा जाएगा। इन नालों को 10 पंपिंग स्टेशन में पहुंचाने की योजना है। इन पंपिंग स्टेशन के सहारे सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट तक पानी पहुंचाया जाएगा। इन स्टेशन पर जेनरेटर की भी सुविधा रहेगी। वहीं इलेक्ट्रो मैकेनिकल आनलाइन पैनल लगाया जाएगा, जिससे नाले से मिलने वाले पानी और प्लांट तक पानी पहुंचाने का आटोमैटिक सिस्टम से रिकार्ड मिलता रहेगा।
प्लांट से जुड़ेंगे 43 नाले
ट्रीटमेंट प्लांट की क्षमता 45 एमएलडी की होगी। प्लांट तक नाले का पानी पहुंचाने के लिए 43 नाले का निर्माण किया जाना है। 13.7 किलोमीटर राइजिंग मेन पाइप बिछाया जाना है, जबकि 10.1 किलोमीटर ट्रंक सीवर लाइन का कार्य होगा। 6.3 किलोमीटर के नाले से शहर की छोटे व बड़े नालों को जोड़ा जाएगा।
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