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    Bihar: पंचायत सेवक सरकारी नौकरी से बर्खास्त... 20 करोड़ की बनाई संपत्ति, पत्नी और पिता के खाते में भेजा मनरेगा के लाखों रुपये

    Updated: Wed, 06 Aug 2025 02:02 AM (IST)

    Bhagalpur News पदीय दायित्व उल्लंघन करने वाले जगदीशपुर के पीआरएस को सरकारी नौकरी से बर्खास्त कर दिया गया है। उसने निशांत ट्रेडर्स नाम की कंपनी बनाकर अपने और पत्नी के खाते में सरकारी राशि जमा करा ली। पंचायत रोजगार सेवक ने अपने नाबालिग बेटों के नाम पर जमीन खरीदने के साथ 11 वर्षों में वेतन से पांच सौ गुना अधिक संपत्ति अर्जित की।

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    Bhagalpur News: पदीय दायित्व उल्लंघन करने वाले जगदीशपुर के पीआरएस को सरकारी नौकरी से बर्खास्त कर दिया गया है।

    जागरण संवाददाता, भागलपुर। Bhagalpur News भागलपुर के जगदीशपुर प्रखंड के सैनो पंचायत में कार्यरत पंचायत रोजगार सेवक छट्टू दास को उपविकास आयुक्त प्रदीप कुमार सिंह ने अनुबंध को तत्काल प्रभाव से रद करते हुए बर्खास्त कर दिया है। ईशाकचक के संतोष कुमार ने छट्टू दास पर आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने, मनरेगा योजना में अपने पिता कैलाश दास के नाम पर फर्जी वेंडर निशांत ट्रेडर्स बनाकर योजनाओं में अनियमितता बरतने और 20 करोड़ से अधिक की राशि अवैध तरीके से अर्जित करने का आरोप लगाया था। इस मामले को दैनिक जागरण ने 29 अप्रैल को प्रमुखता से प्रकाशित किया था।

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    उपविकास आयुक्त ने मामले की जांच डीआरडीए निदेशक और कार्यपालक अभियंता मनरेगा से कराई। साथ ही, कार्यक्रम पदाधिकारी जगदीशपुर के खिलाफ की गई शिकायत की जांच वरीय कोषागार पदाधिकारी और डीआरडीए निदेशक द्वारा की गई। दोनों जांच रिपोर्ट में पाया गया कि छट्टू दास ने 13 स्थानों पर जमीन खरीदने से संबंधित आरोपों की पुष्टि की गई।

    जांच में यह भी सामने आया कि कई डीड उनके माता-पिता और पत्नी के नाम पर हैं, जबकि कुछ डीड उनके नाबालिग बेटों के नाम पर हैं। कुल मिलाकर, इन संपत्तियों की कीमत 59,06,000 रुपये है। निशांत ट्रेडर्स से प्राप्त राशि छट्टू दास और उनकी पत्नी सुनीता देवी के संयुक्त खाते में जमा की गई।

    छट्टू दास ने स्वीकार किया कि निशांत ट्रेडर्स के मालिक उनके पिता हैं। जांच के दौरान, दास और उनके परिवार द्वारा खरीदी गई जमीनों के आय के स्रोतों का कोई साक्ष्य प्रस्तुत नहीं किया गया। नाबालिग बेटों के नाम पर खरीदी गई जमीनें भी जांच का विषय बनीं।

    इन तथ्यों के आधार पर, उपविकास आयुक्त ने छट्टू दास के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की है। उनके द्वारा प्रस्तुत स्पष्टीकरण को अस्वीकृत किया गया है, जिससे स्पष्ट होता है कि उन्होंने अपने पदीय दायित्वों का उल्लंघन किया है। इस कारण उन्हें सेवा से मुक्त कर दिया गया है।