By Kaushal Kishore MishraEdited By: Mukul Kumar
Updated: Wed, 08 Nov 2023 05:01 PM (IST)
भागलपुर में पिछले पांच माह में साइबर ठगी के 32 मामले दर्ज किए गए हैं। वहीं अब तक इसमें से एक भी मामले का निष्पादन नहीं हुआ है। थाने की स्थिति आपको चौंका देगी। दरअसल इंस्पेक्टर अवकाश पर हैं। डीएसपी का फोन नॉट रिचेबल बताता है। साइबर थाने में सिर्फ मिला कंप्यूटर आपरेटर जिसने कहा कि वह कुछ भी बोलने के लिए अधिकृत नहीं है।
जागरण संवाददाता, भागलपुर। सिल्क सिटी में भले ही साइबर ठगी के मामलों के लिए थाना खुल गया, लेकिन मामलों का निष्पादन शून्य है। इससे अच्छा तो तब था जब साइबर थाना नहीं था, लेकिन ठगी के मामलों का निष्पादन ज्यादा हो रहा था।
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पुलिस केंद्र परिस्थिति साइबर थाने को कंप्यूटर आपरेटरों के भरोसे ही छोड़ दिया गया है। वहां डीएसपी रौशन गुप्ता, इंस्पेक्टर राजेश्वर प्रसाद की तैनाती है, लेकिन फरियादी उन्हें ढूंढते रह जाते हैं। दैनिक जागरण की टीम जब वहां का पहुंची तो सिर्फ कंप्यूटर आपरेटर ही कार्यालय में मौजूद था।
कंप्यूटर ऑपरेटर ने पूछने पर बताया कि डीएसपी सर छुट्टी पर हैं... फिर संभलते हुए कहा कि अरे भाई, गलती से बोल गए... छापेमारी करने गए हैं। दोनों इंस्पेक्टर साहब भी छुट्टी पर हैं। इंस्पेक्टर मैडम कुछ देर पूर्व ही थाने से कहीं निकली हैं। इतना बोलते-बोलते वह संभल गया।
फिर पूछा, कहां से आए हैं सर, हमलोग कुछ बोलने को अधिकृत नहीं हैं। हम तो ठहरे बेलट्रान कंपनी के लोग। डीएसपी साहब से मोबाइल पर बात कर लीजिए। डायल करने पर डीएसपी का फोन आउट आफ रेंज, नाट रिचेबल बता रहा था।
फिर इंस्पेक्टर राजेश्वर प्रसाद को लगाया तो छुट्टी पर हूं। घर आ गया हूं। उसी समय रिटायर्ड शिक्षिका सावित्री देवी पहुंच गईं। उनके साथ डेढ़ लाख रुपये की साइबर ठगी हुई थी।
शिकायत दर्ज कराने आई थीं, लेकिन आपरेटर ने कहा कि साहब या मैडम के आने के बाद ही कुछ हो सकता। हम अर्जी भी नहीं ले सकते। फिर निराश सावित्री देवी वहां से चली गईं।
पांच महीने में 32 केस दर्ज, निष्पादन शून्य नौ जून से 31 अक्टूबर 2023 तक पांच महीने में साइबर थाने में कुल 32 केस दर्ज किए गए हैं, लेकिन उसमें से एक का भी निष्पादन नहीं हो पाया है।
हां, खाते से मनी ट्रांसफर से जुड़े साइबर केस में अबतक खाते बंद कराने की कवायद ऐसे सभी केस में पूरी की जा चुकी है। पीड़ित पक्ष के खाते में रकम वापसी की कवायद एक दर्जन केस में की जा चुकी है।
साइबर थाने के आरंभ होने से पूर्व हुई इन साइबर ठगों की गिरफ्तारी
साइबर थाने के आरंभ होने से पूर्व बीते एक साल में 21 साइबर ठगों की गिरफ्तार हुई थी। उनमें पांच मई 2023 को केंद्रीय मंत्री अश्विनी कुमार चौबे के पुत्र अर्जित शाश्वत चौबे से फार्चूनर कार की नीलामी में कस्टम अधिकारी बनकर नौ लाख रुपये की साइबर ठगी में मुंगेर के बमबम सिंह, पश्चिम बंगाल के सुरेश प्रमाणिक और निर्मल मंडल की गिरफ्तारी हुई थी।
साइबर थाना आरंभ होने के पूर्व एक साल में जिले के थानों में साइबर क्राइम के 41 मामले दर्ज हुए थे, जिनमें कुल 21 गिरफ्तारियां हुई थीं। तीन केसों का निष्पादन भी हुआ था।
साइबर थाने की दौड़ लगाते रिटायर्ड प्रोफेसर के घिस गए जूते
सितंबर माह 2023 में रिटायर्ड प्रोफेसर तुलसीनगर बैंक कालोनी निवासी अनिरुद्ध ठाकुर से नौ लाख 52 हजार रुपये की साइबर ठगी हुई थी। साइबर ठग ने काल कर उन्हें झांसा दे ओटीपी मांग उनके खाते से यह राशि ट्रांसफर करा ली थी।
साइबर थाने में शिकायत दर्ज कराने में प्रोफेसर साहब के जूते घिस गए। उन्हें रोज बुलाकर साइबर थाने में कुछ देर बैठा फिर वापस कर दिया जाता था। इस तरह बुजुर्ग अनिरुद्ध ठाकुर ने जब एसएसपी आनंद कुमार से मिलकर शिकायत की तब एसएसपी के निर्देश पर एक माह बाद केस दर्ज हुआ था\
रेंज के भागलपुर, बांका, नवगछिया के एसपी को साइबर थाने में सभी संसाधन उपलब्ध कराने का निर्देश दिया जा रहा है। आर्थिक अपराध इकाई में पुलिसकर्मियों को पालियों में प्रशिक्षण दिलाया जा रहा है, ताकि केसों के निष्पादन में तेजी आ सके।
विवेकानंद, रेंज डीआइजी, भागलपुर
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