बिहार के नवगछिया में ध्वस्त हुआ एक और पुल... 15 मीटर तक गंगा में विलिन, निचले इलाके में घटने लगा बाढ़ का पानी
Bihar News बिहार में प्राय पुल ढहने-बहने की खबरों के बीच अबकी भागलपुर के नवगछिया में गंगा में उफान आने से इस्माईलपुर प्रखंड के विनोबा से बसगाढ़ा गांव जाने वाली सड़क पर बना पुल बाढ़ की तेज धारा के कारण ध्वस्त हो गया। फ्लड फाइटिंग टीम ने पुल को बचाने का प्रयास किया लेकिन जलस्तर अधिक होने के कारण यह बाढ़ में ध्वस्त हो गया।

जागरण टीम, भागलपुर। Bihar News नवगछिया में गंगा में उफान आने से इस्माईलपुर प्रखंड के विनोबा से बसगाढ़ा गांव जाने वाली सड़क पर बना पुल बाढ़ की तेज धारा के कारण ध्वस्त हो गया। विनोबा से बसगाढ़ा के बीच दो-तीन वर्ष पहले बाबा कंस्ट्रक्शन के माध्यम से सड़क एवं पुल-पुलिया का निर्माण किया गया था। पिछले दो वर्षों से उस पर पानी का दबाव पड़ रहा था। इस बार का दबाव पुल नहीं झेल पाया और बह गया।
विभाग के अभियंताओं ने बताया कि यह पुल 12 से 15 मीटर लंबा था। उसके आगे एवं पीछे का हिस्सा पानी के दबाव के कारण बह गया है। विभाग की ओर से फ्लड फाइटिंग के तहत इसे बचाने का प्रयास किया गया था। लेकिन जलस्तर अधिक होने के कारण उसके बचाव का कार्य नहीं किया जा सका। स्थानीय लोगों ने बताया कि पुल की स्थिति को लेकर कई बार स्थानीय जनप्रतिनिधियों एवं विभाग के अधिकारियों का ध्यान आकर्षित कराया गया था।
लोगों का कहना है कि समय रहते विभाग के द्वारा पुल पर ध्यान नहीं दिया गया। उसके कारण पुल दोनों ओर से बहकर ध्वस्त हो गया। पुल के ध्वस्त होने की सूचना पर ग्रामीण कार्य विभाग के कार्यपालक अभियंता द्वारा सहायक अभियंता एवं कनीय अभियंता को मौके पर भेजकर पूरी रिपोर्ट मांगी गई है।
कहलगांव में स्थिर हुई गंगा, भागलपुर में घट रहा जलस्तर
बाढ़ से जूझ रहे लोगों के लिए राहत भरी खबर है। बुधवार को अजगैवीनाथ धाम और कहलगांव में गंगा स्थिर हो गई जबकि भागलपुर में जलस्तर के घटने का क्रम शुरू हो गया है। भागलपुर में दोपहर बाद से शाम तक गंगा का जलस्तर दो सेंटीमीटर घटकर 33.89 मीटर पर पहुंच गया है। हालांकि नदी अभी भी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। बाढ़ आपदा प्रबंधन के कार्यपालक अभियंता आदित्य प्रकाश ने बताया कि गुरुवार से जलस्तर में तेजी से कमी आने की संभावना है। ऊपर के इलाकों से पानी का दबाव कम हो रहा है। इधर, शहर और आसपास के निचले इलाकों में जलभराव की स्थिति बरकरार है। कई मोहल्लों में लोग पानी के बीच रह रहे हैं।
अजगैवीनाथ धाम : तटवर्ती क्षेत्र के लोगों ने ली राहत की सांस
अजगैवीनाथ धाम प्रखंड क्षेत्र में जलस्तर स्थिर होने से तटवर्ती क्षेत्र के ग्रामीणों ने राहत की सांस ली है। हालांकि दर्जनों गांवों में अभी भी बाढ़ की स्थिति बनी हुई है। गनगनियां पंचायत के फतेहपुर निवासी अमित कुमार ने बताया कि महादलित टोला के सैकड़ों घरों में बाढ़ का पानी प्रवेश कर चुका है। मोतीचक निवासी दिलीप मंडल ने बताया कि लगभग दो हजार आबादी वाले इस गांव के लोगों को हर साल बाढ़ का दंश झेलना पड़ता है। गांव में प्रवेश करने वाली इकलौती कच्ची सड़क साल में चार माह से अधिक जलमग्न रहती है। इस दौरान अगर किसी की तबीयत बिगड़ जाए तो डाक्टर तक पहुंचना मुश्किल हो जाता है।
कहलगांव में गंगा अभी भी खतरे के निशान से 1.21 मीटर ऊपर
कहलगांव में गंगा खतरे के निशान से 1.21 सेंटीमीटर ऊपर पहुंचकर स्थिर हो गई है। गुरुवार से जलस्तर में कमी होने का अनुमान है। इस वर्ष दोबारा आई बाढ़ से करीब आधा दर्जन गांव प्रभावित हुए हैं। सैकड़ों घरों में बाढ़ का पानी प्रवेश कर चुका है। चारों ओर पानी ही पानी दिखाई दे रहा है। नंदगोला तोफिल पथ, कहलगांव-ओगरी पथ, चांय टोला-एनटीपीसी पथ पर भी बाढ़ का पानी बह रहा है। हालांकि गंगा के साथ-साथ कुआ, घोघा, गेरूआ, भयाना नदी का जलस्तर भी स्थिर हो गया है। इससे ग्रामीणों ने राहत की सांस ली है। केंद्रीय जल आयोग के अनुसार कहलगांव में बुधवार शाम तक गंगा का जलस्तर 32 मीटर 30 सेंटीमीटर पर था। जो अभी भी खतरे के निशान से 1 मीटर 21 सेंटीमीटर ऊपर है।
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