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    बच्चों का निवाला गटकने वाले हेडमास्टरों पर एक्शन, 1.92 करोड़ रुपये की होगी वसूली

    Updated: Wed, 24 Dec 2025 02:02 PM (IST)

    बिहार के भागलपुर में बच्चों के निवाले पर डाका डालने वाले हेडमास्टरों पर कार्रवाई की जा रही है। इन हेडमास्टरों से 1.92 करोड़ रुपये की वसूली की जाएगी। य ...और पढ़ें

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    मध्याह्न भोजन करते छात्रा। फाइल फोटो

    अभिषेक प्रकाश, भागलपुर। पूर्वी बिहार कोसी–सीमांचल क्षेत्र के 13 जिलों में मध्याह्न भोजन (एमडीएम) योजना में गंभीर अनियमितताओं का मामला सामने आया है। इन जिलों के प्रधानाध्यापकों पर बच्चों के हिस्से का एमडीएम का निवाला गटकने का आरोप है।

    मध्याह्न भोजन निदेशालय के स्पष्ट निर्देशों के बावजूद अब तक पूरी राशि जमा नहीं कराई गई, जिसके बाद निदेशालय ने सख्त रुख अपनाया है। निदेशालय की रिपोर्ट के अनुसार भागलपुर, बांका, जमुई, लखीसराय, मुंगेर सहित कोसी–सीमांचल के सहरसा, मधेपुरा, सुपौल, अररिया, किशनगंज, कटिहार, पूर्णिया और खगड़िया जिलों में कुल चार करोड़ 54 लाख 24 हजार 104 रुपये की वसूली होनी थी।

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    इसमें से अब तक केवल दो करोड़ 61 लाख 75 हजार 256 रुपये की ही वसूली हो सकी है। शेष एक करोड़ 92 लाख 45 हजार 893 रुपये अब भी बकाया हैं।

    एमडीएम निदेशक विनायक मिश्रा ने इस मामले को गंभीर मानते हुए राज्य के सभी 36 जिलों के जिला शिक्षा पदाधिकारी, डीपीओ (एमडीएम) और स्थापना शाखा को पत्र जारी कर शत-प्रतिशत वसूली के निर्देश दिए हैं।

    विभागीय सूत्रों के मुताबिक अनियमितताओं में चावल की हेराफेरी, छात्रों के गलत आंकड़े दिखाना, राशन सामग्री में गड़बड़ी और कई जगहों पर एमडीएम नहीं बनाए जाने जैसे मामले शामिल हैं। निदेशालय ने वसूली गई राशि को अविलंब एमआईएस पोर्टल पर सही तरीके से अपडेट करने को कहा गया है।

    निदेशालय ने स्पष्ट कर दिया है कि अब किसी भी स्तर पर लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। आंकड़ों के अनुसार सबसे अधिक बकाया राशि सहरसा में है। सहरसा में 51 लाख 35 हजार रुपये जबकि अररिया में 51 लाख 28 हजार 327 रुपये की वसूली होनी है। इसके अलावा पूर्णिया में 47 लाख 51 हजार, मधेपुरा में 37 लाख 43 हजार और खगड़िया में 20 लाख 38 हजार रुपये बकाया हैं।

    वहीं, सबसे कम वसूली सुपौल जिले में निर्धारित की गई है, जहां 3 लाख 54 हजार रुपये ही बकाया हैं। कटिहार में 2 लाख 39 हजार, किशनगंज में 3 लाख 43 हजार, मुंगेर में 4 लाख 7 हजार, बांका में 4 लाख 25 हजार 509, लखीसराय में 5 लाख 14 हजार और भागलपुर में 18 लाख 56 हजार रुपये की वसूली होनी है।

    भागलपुर में 54 एचएम पर 18 लाख 56 हजार 506 रुपया बकाया

    भागलपुर जिले में प्रधानाध्यापकों द्वारा 2014 से 2022 तक 30 लाख 93 हजार 477 रुपये के एमडीएम गबन का मामला सामने आया था। इसमें से अब तक 12 लाख 36 हजार 971 रुपये की राशि रिकवर की जा चुकी है, जबकि शेष 18 लाख 56 हजार 506 रुपये अब भी बकाया हैं। यह राशि सीधे तौर पर 54 प्रधानाध्यापकों पर जिम्मेदारी के रूप में तय की गई है। हालांकि इन 54 प्रधानाध्यापकों ने डीईओ के सामने खुद को निर्दोष बताने के लिए अपील भी की है।

    बच्चों के निवाला गटकने में राज्य के सभी जिलों के हेड मास्टर आगे

    राज्य के 38 जिलों में जांच के बाद एमडीएम में अनियमितता पाए जाने पर वहां के प्रधानाध्यापकों पर कुल 11 करोड़ 59 लाख 93 हजार 58 रुपये का जुर्माना लगाया गया। हैरानी की बात यह है कि अब तक सिर्फ शेखपुरा और शिवहर जिलों के शिक्षकों ने शत प्रतिशत पूरी राशि जमा कराई है। बाकी 36 जिलों के प्रधानाध्यापकों ने अब तक केवल 6 करोड़ 21 लाख 15 हजार 962 रुपये ही आंशिक रूप से जमा कराए हैं।

    अभी भी करीब पांच हजार एचएम ऐसे हैं, जिन पर 5 करोड़ 38 लाख 77 हजार 96 रुपये बकाया है और वे राशि जमा कराने में आनाकानी कर रहे हैं। इनमें से 624 एचएम ने जिला शिक्षा पदाधिकारी के समक्ष और 616 एचएम ने सीधे विभाग को आवेदन देकर खुद को बेगुनाह साबित करने की कोशिश की है।

    प्रधानाध्यापकों से एमडीएम की राशि वसूलने को लेकर निर्देश प्राप्त हुए हैं। इसको लेकर अब प्रखंड स्तर पर सूची तैयार कर बकाया राशि की वसूली सुनिश्चित की जाएगी। जो प्रधानाध्यापक राशि जमा करने में टालमटोल करेंगे, उनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई होगी। -बबीता कुमारी डीपीओ एमडीए