Bihar Flood: उफनाई गंगा ने लांघ दीं सीमाएं... बाढ़ से जूझ रहा भागलपुर, गांव के गांव जलमग्न; NH 80-नवगछिया चपेट में, किशनपुर में रिंग बांध टूटा
Bihar Flood Latest News गंगा में आई बाढ़ ने विकराल रूप धारण कर लिया है। भागलपुर में गांव के गांव जलमग्न हो गए हैं। नवगछिया में गंगा नदी में हर घंटे एक सेंटीमीटर पानी बढ़ रहा है। इससे स्परों और सुरक्षा तटबंधों पर दबाव बढ़ गया है। सुल्तानगंज में राष्ट्रीय राजमार्ग 80 के बेहद करीब बाढ़ का पानी पहुंच गया है।

संवाद सूत्र, नवगछिया। Bihar Flood ALERT इस्माइलपुर बिंद टोली में गंगा नदी का जलस्तर पिछले तीन दिनों से लगातार बढ़ रहा है। बुधवार को 12 घंटे में 13 सेंटीमीटर की वृद्धि के साथ गंगा नदी का जलस्तर 32.85 मीटर पर पहुंच गया है। इससे विभिन्न स्परों और तटबंधों पर पानी का दबाव बढ़ गया है। तटबंध के निकट गंगा का पानी पहुंचने के कारण सिपेज से तटबंध की दूसरी तरफ पानी फैलने लगा है।
बुधवार की सुबह छह बजे इस्माईलपुर-बिंद टोली में गंगा का जलस्तर 32.72 मीटर था, जो शाम छह बजे 32.85 मीटर पर पहुंच गया। जलस्तर बढ़ने के बाद जल संसाधन विभाग ने तुरंत हाईलाइट घोषित कर दिया है। कटिहार के मुख्य अभियंता अनवर जमील ने बताया कि गंगा का जलस्तर प्रति घंटे एक सेंटीमीटर बढ़ रहा है। अगले कुछ दिनों में जलस्तर में और वृद्धि की संभावना है। उन्होंने बताया कि गुरुवार की शाम तक गंगा नदी वर्ष 2021 के अधिकतम जलस्तर 33.50 मीटर के आसपास पहुंच सकती है।
फ्लड फाइटिंग की व्यवस्था में जुटा विभाग
गंगा के बढ़ते जलस्तर को देखते हुए फ्लड फाइटिंग की पूरी व्यवस्था पहले से ही की गई है। पचास हाथी पांव, एक लाख बालू भरी बोरियां और पर्याप्त मात्रा में बालू, एनसी और बोरियों का भंडारण किया गया है। सभी संवेदनशील स्थानों पर कड़ी निगरानी का निर्देश कनीय अभियंताओं को दिया गया है। तटबंध और स्परों पर 24 घंटे निगरानी रखने का आदेश दिया गया है।
प्रभारी अधीक्षण अभियंता जयप्रकाश पासवान ने बताया कि रंगरा चौक प्रखंड के ज्ञानी दास टोला में कुछ स्थानों पर बोल्डर क्रेटिंग के बैठने की जानकारी मिलने पर एनसी में बालू भरी बोरियां डालने का निर्देश दिया गया है। इस्माइलपुर अंचल में बाढ़ की तैयारी पूरी कर ली गई है। अंचलाधिकारी ने बताया कि बाढ़ के दौरान पंद्रह नाव, तेरह प्रशिक्षित गोताखोर, दो हजार पालीथीन शीट और पांच चिह्नित शरण स्थली बनाई गई हैं।
गंगा नदी के जलस्तर में भारी वृद्धि के बाद इस्माइलपुर और गोपालपुर प्रखंड में बाढ़ का दायरा लगातार बढ़ रहा है। इस्माइलपुर अंचल कार्यालय के तीन तरफ बाढ़ का पानी पहुंच गया है। बाढ़ के कारण इस्माइलपुर प्रखंड के चार विद्यालयों में पठन-पाठन बंद हो गया है। गोपालपुर प्रखंड में भी बाढ़ का पानी तेजी से बढ़ रहा है, जिससे जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। जल संसाधन विभाग से मिली जानकारी के अनुसार जलस्तर में वृद्धि के संकेत हैं, जिससे बाढ़ की विभीषिका की संभावना प्रबल हो गई है।
किशनपुर में रिंग बांध टूटा, कई गांव जलमग्न
गंगा नदी के जलस्तर में लगातार वृद्धि से अकबरनगर के किशनपुर गांव में रिंग बांध मंगलवार को देर रात ध्वस्त हो गया। इससे बहियार के खेतों और रिहायशी इलाकों में पानी घुस गया है। देखते ही देखते किसनपुर सहित कई गांव जलमग्न हो गए। ग्रामीणों के घरों में तीन से पांच फीट तक पानी भर गया है, जिससे जनजीवन पूरी तरह अस्त-व्यस्त हो गया है। लोग ऊंचे स्थानों और बांधों पर शरण लिए हुए हैं।
प्रभावित किसानों की मक्का, धान व सब्जी की फसलें पूरी तरह बर्बाद हो गई हैं, जिससे आर्थिक क्षति भी भारी हुई है। स्थानीय लोगों का आरोप है कि कुछ दिन पहले कटाव निरोधी कार्यो की गुणवत्ता सही नहीं थी। कुछ दिन पहले बाढ़ से बांध को बचाने के लिए जिओ बैग डालकर बांध की मरम्मत की गई थी। लेकिन पानी के तेज बहाव के कारण बांध टूट गया।
इधर, गंगा का पानी तेजी से बढ़ते हुए भागलपुर-सुल्तानगंज मुख्य मार्ग एनएच-80 की ओर बढ़ रहा है। भवनाथपुर से सुल्तानगंज के बीच एनएच के करीब पानी आ गया। अगर जलस्तर इसी तरह बढ़ता रहा, तो जल्द ही यह मुख्य मार्ग जलमग्न होकर पूरी तरह आवागमन बाधित कर सकता है। खेरेहिया दियारा जाने वाली सड़क पर पानी बह रहा है। कन्या मध्य विद्यालय में भी बाढ़ का पानी प्रवेश कर गया है।
अजगैवीनाथ की दो पंचायतों में घुसा बाढ़ का पानी
अजगैवीनाथ धाम क्षेत्र में लगातार दूसरी बार गंगा के जलस्तर में हो रही बढ़ोतरी के कारण कई पंचायतों में बाढ़ की स्थिति फिर से बिगड़ने लगी है। निचले स्तर के कुछ गांवों में फिर से बाढ़ का पानी घुसने की वजह से लोग घर छोड़कर सुरक्षित स्थानों पर पलायन करने को मजबूर हो गए हैं। खासकर प्रखंड के महेशी के कल्याणपुर मोतीचक व पुरानी मोतीचक तथा गनगनियां पंचायत के निचले हिस्से के सैकड़ों घर पानी की चपेट में आ गये हैं। लेकिन अभी तक अंचल व जिला प्रशासन की तरफ से जरूरत के अनुरूप राहत व बचाव कार्य शुरू नहीं किया जा सका है। लोग टीन से बनी नाव से जान जोखिम में डालकर आवश्यक कार्य व रोगियों को अस्पताल पहुंचाने के लिए आवागमन कर रहे हैं।
ग्रामीण रमेश शर्मा, जयदेव मंडल, सुबोध साह ने बताया कि बाढ़ के कारण गांव के निचले हिस्से में चारों तरफ फिर से बार का पानी फैल गया है। जिससे घरों में राशन व सब्जियों को लेकर परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। बच्चों को जान जोखिम में डाल कर स्कूल जाना पड़ रहा है। खेतों में पानी भरे होने के कारण पशुओं के चारे की व्यवस्था करने में भी लोगों को दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है। लेकिन हमारी सुधि लेने वाला कोई नहीं है।
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