Bihar Flood Alert: बिहार में गंगा-कोसी-बूढ़ी गंडक में उफान, गांवों में घुसने लगा बाढ़ का पानी; जानें ताजा हाल
Floods in Bihar बिहार के पूर्वी और उत्तरी इलाके में बाढ़ की स्थिति बिगड़ती जा रही है। भागलपुर खगड़िया आदि जिले के कई गांवों में बाढ़ का पानी घुस गया है। यहां गंगा कोसी और बूढ़ी गंडक नदियां उफान पर हैं। कुछ इलाकों में लोगों को अपना घर छोड़कर सुरक्षित स्थानों पर भेजा गया है।

संवाद सूत्र, अजगैवीनाथ धाम। Floods in Bihar लगातार हो रही बारिश से गंगा उफान पर है। गंगा का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है। इसका उदाहरण अजगैवीनाथ धाम में भी देखने को मिल रहा है।
नमामि गंगे घाट के तीन तरफ गंगा का पानी भर आया है। यहां तक कि गंगा चौक से नमामि गंगे घाट जाने वाली पीसीसी सड़क पर भी ऊपर पानी बह रहा है।
देश के विभिन्न प्रांतो से लाखों कांवरिया प्रत्येक दिन नमामि गंगे घाट पहुंचकर जल संकल्प लेकर कांवर में गंगाजल बांधकर निरंतर देवघर के लिए प्रस्थान कर रहे हैं।
नेपाल से आए हुए कांवरिया चंद्र मुरारी भंडारी, अंगद पासवान, विभा देवी आदि ने बताया कि यह भगवान की भक्ति है इसमें सुगंध क्या और दुर्गंध क्या।
बढ़ते जलस्तर से थोड़ी परेशानी भले ही है लेकिन बाबा की भक्ति के आगे यह कुछ नहीं है। वहीं दूसरी ओर गंगा का जलस्तर बढ़ने से कांवरिया अजगैवीनाथ मंदिर घाट के समीप बनी सीढ़ियों व पुरानी सीढ़ी घाट पर स्नान कर रहे हैं।
गंगा का यह वर्तमान परिदृश्य चार दशक पीछे की याद दिलाता है। वर्ष 1985- 86 तक गंगा अजगैवीनाथ मंदिर की पहाड़ी को चारों ओर से घेरे रहती थी।
बुजुर्गों ने कभी कल्पना भी नहीं की थी कि अजगैवीनाथ पहाड़ी कभी सूखी धरती पर भी दिखेंगी। अब तो केवल बाढ़ के दिनों में ही वैसा दृश्य दिखता है। अभी चारों तरफ गंगा का पानी फैल गया है।
अजगैवीनाथ मंदिर उत्तर वाहिनी गंगा के बीचोंबीच होने से भव्य व अलौकिक दिखने लगा है। देश के विभिन्न प्रांतों से आए कांवरिया इस अलौकिक दृश्य को अपने कमरे में कैद कर रहे हैं।
जर्मन हैंगर टेंट में घुसा पानी
नमामि गंगे घाट के सामने कांवरियों को बेहतर सुविधा प्रदान करने के लिए आधुनिक सुविधाओं से युक्त जर्मन हैंगर टेंट का निर्माण कराया गया था।
लगातार जल स्तर बढ़ने के कारण जर्मन हैंगर टेंट में भी बाढ़ का पानी प्रवेश करने लगा है। जिससे कांवरियों को ठहरने में परेशानी हो रही है। जर्मन टेंट के ऊपरी हिस्सों में लगे चौकियों पर कांवरिया विश्राम कर रहे हैं।
कपड़ा बदलने में महिलाओं को हो रही परेशानी
गंगा का जलस्तर बढ़ने से जिला प्रशासन द्वारा कांवरियों के लिए की गई व्यवस्था अस्त व्यस्त हो गई है। सबसे ज्यादा परेशानी महिलाओं को कपड़ा बदलने में हो रही है।
महिला श्रद्धालुओं की सुविधा को देखते हुए गंगा घाटों पर कपड़ा बदलने के लिए चेंजिंग रूम बनाया गया था। पानी का जलस्तर बढ़ने से चेंजिंग रूम पानी में डूब चुका है।
लेकिन इसे अन्य जगह व्यवस्थित नहीं किया जा सका है। जिस कारण कपड़े बदलने में महिलाओं को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
गांवों में घुसने लगा बाढ़ का पानी, गंगा-बूढ़ी गंडक में उफान
खगड़िया में भारी वर्षा के बीच बड़ी तेजी से गंगा और बूढ़ी गंडक के जलस्तर में वृद्धि हो रही है। दोनों खतरे के निशान को पार कर गई हैं।
गंगा खगड़िया के खारा धार जलद्वार के पास खतरे के निशान से 18 सेंटीमीटर ऊपर बह रही है। बूढ़ी गंडक खगड़िया एनएच 31 ब्रिज के पास खतरे के निशान से 15 सेंटीमीटर ऊपर है। दोनों जगह नदी की प्रवृत्ति बढ़ने की बताई गई है।
सोमवार सुबह छह बजे खगड़िया के खारा धार जलद्वार के पास गंगा का जलस्तर 34.25 मीटर दर्ज किया गया। रविवार संध्या यहां जलस्तर 34.13 मीटर था।
12 घंटे में गंगा के जलस्तर में 12 सेंटीमीटर की वृद्धि हुई है। गंगा एक सेंटीमीटर प्रतिघंटे के हिसाब से बढ़ रही है। बूढ़ी गंडक का भी बढ़ना जारी है।
सोमवार सुबह छह बजे खगड़िया एनएच 31 ब्रिज (अघोरी स्थान के समीप) के पास बूढ़ी गंडक का जलस्तर 36.75 मीटर दर्ज किया गया।
रविवार संध्या छह बजे यहां का जलस्तर 36.67 मीटर था। 12 घंटे के दौरान जलस्तर में आठ सेंटीमीटर की वृद्धि हुई है।
बौरना में चार सौ एकड़ में लगी फसल डूबी
गंगा और बूढ़ी गंडक का पानी बाढ़ प्रवण क्षेत्र के गांवों की ओर तेजी से बढ़ रहा है। गोगरी पंचायत के कई गांवों में पानी पहुंच चुका है। कई एकड़ फसल डूब गई है।
बौरना पंचायत के मुखिया प्रतिनिधि मु. नासिर इकबाल ने बताया कि बहियार में चारों तरफ बूढ़ी गंडक की बाढ़ का पानी भर गया है। 400 एकड़ फसल डूब गई है।
बौरना पंचायत के वार्ड नंबर आठ, नौ और 10 को बाढ़ का पानी घेरने लगा है। अगर यही स्थिति रही, तो जल्द ही घरों में पानी प्रवेश कर जाएगा। पिछले वर्ष भी इस पंचायत में बाढ़ से परेशानी हुई थी।
मुखिया प्रतिनिधि मु. नासिर इकबाल ने बताया कि 2024 की बाढ़ में रिंग बांध टूट गया था। मरम्मत नहीं हुई। इस होकर ही बाढ़ का पानी घुसा है। बाढ़ नियंत्रण विभाग इस रिंग बांध को अपने जिम्मे नहीं मानता है।
बांध-तटबंधों की 24 घंटे निगरानी
गंगा और बूढ़ी गंडक के बढ़ते जलस्तर को देखते हुए बांधों-तटबंधों की 24 घंटे निगरानी रखी जा रही है। निगरानी को लेकर पूर्व से बांध श्रमिक नियुक्त हैं।
विभागीय अधिकारी लगातार स्थिति पर नजर रखे हुए हैं। बाढ़ नियंत्रण प्रमंडल-एक, खगड़िया के कार्यपालक अभियंता राजीव भगत ने बताया कि सभी बांध-तटबंध सुरक्षित हैं।
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