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    Bhagalpur Police की खाकी दागदार... Bihar EOU के खुलासे से नीचे से ऊपर तक हड़कंप: जाली दस्तखत से लाखों की हेराफेरी

    Updated: Thu, 31 Jul 2025 01:27 AM (IST)

    Bihar News भागलपुर पुलिस लाइन स्थित परिवहन शाखा में सार्जेंट अभिषेक के जाली दस्तखत से लाखों की हेराफेरी हुई। उनकी अनुपस्थिति में वाहनों की मरम्मत और ईंधन कूपन में बड़े पैमाने पर अनियमितता बरती गई थी। आर्थिक अपराध इकाई की जांच में कई पुलिस पदाधिकारी और कर्मियों पर गाज गिरना तय माना जा रहा है।

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    Bihar News: भागलपुर पुलिस लाइन के परिवहन शाखा में सार्जेंट अभिषेक के जाली दस्तखत से लाखों की हेराफेरी हुई।

    कौशल किशोर मिश्र, भागलपुर। Bihar News पुलिस केंद्र की परिवहन शाखा में तत्कालीन सार्जेंट और परिवहन शाखा प्रभारी अभिषेक कुमार के जाली दस्तखत से लाखों रुपये की हेराफेरी का मामला सामने आया है। यह गड़बड़ी तब उजागर हुई जब अभिषेक कुमार को इस मामले की जानकारी मिली। 28 नवंबर 2023 को वह पुलिस केंद्र के रक्षित डीएसपी संजीव कुमार के आवास पर गए थे, जहां से लौटने के बाद उनका शव रहस्यमय परिस्थितियों में फंदे पर लटकता मिला।

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    डीजीपी विनय कुमार के निर्देश पर आर्थिक अपराध थाना, पटना में दर्ज मामले की जांच तेज हो गई है। इस मामले में परिवहन शाखा में तैनात सिपाही अर्जुन कुमार बिंद और उसके सहयोगी सरकारी वाहनों के चालक, तत्कालीन अवर निरीक्षक मुकेश कुमार, संजय कुमार और अन्य पदाधिकारियों को आरोपित बनाया गया है। जांच में कई महत्वपूर्ण साक्ष्य मिले हैं, जिससे इन सभी के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की संभावना है।

    आर्थिक अपराध शाखा की जांच में यह भी सामने आया है कि अभिषेक कुमार की अनुपस्थिति में वाहनों के मरम्मत और ईंधन कूपन में अर्जुन कुमार बिंद और अन्य पदाधिकारियों ने अनियमितता बरती थी। फ्यूल पंप के मैनेजरों ने अभिषेक कुमार के दस्तखत वाले कूपनों को भिन्न बताया है, जिससे यह स्पष्ट होता है कि फर्जी दस्तखत का खेल चल रहा था।

    जांच में यह भी पाया गया कि अर्जुन बिंद के बैंक खाते में 13 अप्रैल 2023 को 10,65,000 रुपये और 17 अक्टूबर 2023 को 11,33,000 रुपये का संदिग्ध लेनदेन हुआ था। एसएसपी भागलपुर के निर्देश पर गठित जांच टीम ने पुलिस केंद्र जाकर जांच की, जिसमें यह बात सामने आई कि अभिषेक कुमार के अवकाश के दौरान अवर निरीक्षक संजय कुमार ने समिति पंजी पर हस्ताक्षर किए थे।

    जांच रिपोर्ट में यह भी उल्लेख किया गया है कि परिवहन शाखा के पंजियों और बही खातों में कई विसंगतियां पाई गई हैं। तीन सदस्यीय जांच कमेटी ने दस्तखत के मिलान के लिए भी जांच की है, जिससे यह स्पष्ट हो सके कि परिवहन शाखा में किस प्रकार की गड़बड़ियां हो रही थीं। इस मामले में आगे की कार्रवाई की जाएगी।