Bihar Election में 'पटाखा' बने ये नेता, कोई हाइड्रो बम जैसा फट रहा, कोई सुतली-फुलझड़ी सा चिंगारी छोड़ रहा
Bihar Election: बिहार चुनाव में कुछ नेताओं का व्यवहार 'पटाखा' जैसा हो गया है। कुछ नेता हाइड्रो बम की तरह तीखे बयान दे रहे हैं, जिससे माहौल में गर्मी है। वहीं, कुछ नेता सुतली और फुलझड़ी की तरह धीरे-धीरे अपनी बात रख रहे हैं। चुनावी माहौल में नेताओं के बयानों ने एक विस्फोटक रूप ले लिया है। कई उम्मीदवारों और बागियों के तेवर हाइड्रोजन बम की तरह सबको चौंका रहा है।

Bihar Election: बिहार चुनाव में कुछ उम्मीदवारों का व्यवहार 'पटाखा' जैसा हो गया है।
कौशल किशोर मिश्र, भागलपुर। Bihar Election बिहार विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण का नामांकन आज दीपावली के दिन समाप्त हो रहा है। स्वभाविक है चुनावी मैदान में कूदने वाले प्रत्याशी भी इस दिवाली अपनी ताकत उसी अनुरुप झोंक रहे हैं। कौन किस पर कितना भारी है, यह तो वक्त बताएगा। लेकिन चुनावी मैदान में चुस्ती का दम भरने वाले नेता खुद को आंकने में खुशफहमी के शिकार हो रहे हैं।
मतदाता की नजर में हर नेता को दिवाली के नजरिये से देखें तो इस चुनाव में कोई शक्तिशाली बम, अनार, राकेट, सुतली बम तो कोई छुड़छुड़ी साबित हो सकता है। कहलगांव विधानसभा सीट पर हाइड्रोजन बम सरीखे दो प्रत्याशी मैदान में हैं। एनडीए प्रत्याशी इंजीनियर शुभानंद मुकेश और लंदन से पढ़कर आए महागठबंधन प्रत्याशी रजनीश मैदान में हैं।
एक सदानंदी बयार बहाने वाले दिग्गज नेता रहे स्वर्गीय सदानंद सिंह के सुपुत्र हैं तो दूसरे बांका ढाका निवासी झारखंड सरकार के मंत्री संजय यादव के पुत्र हैं। चुनावी मैदान में अपनी जोरदार उपस्थिति दर्ज कराने को प्रचार से वोटिंग तक दोनों हाइड्रोजन बम के मानिंद फटेंगे। किसके ऊपर कौन धमाकेदार जीत दर्ज कराएगा यह वोटर ही तय करेंगे। इस विधानसभा में घात के लिए दोस्ताना संघर्ष कर रहे कांग्रेस प्रत्याशी प्रवीण सिंह कुशवाहा के रूप में एक राकेट भी तैयार है, जिसकी मारक क्षमता को किसी मायने में कम नहीं आंका जा सकता।
गोपालपुर विधानसभा क्षेत्र से दबंग काया के गोपाल मंडल जदयू से बेदखल कर दिये गए।सो, उनका लहसुनिया बम चुनावी मैदान में बीड़ी पटाखा बनकर रह गया। आंख से झर-झर आंसू बहा अपने लोगों की चेतना जगाने की कोशिश तो की लेकिन ये सफल होगी इसमें संदेह है। इस सीट पर जदयू से बुलो मंडल और वीआइपी से डब्ल्यू यादव चुनावी मैदान में हैं। दीपावली के पावन दिनों में बमों की भरमार वाले इस विधानसभा सीट पर किसका धमाका कितना गूंजेगा, यह तो मतदाता ही तय करेंगे। पीरपैंती सीट पर भाजपा ने मुरारी पासवान के जरिये धुआंधार बमबारी की तैयारी की है। लेकिन यहां ग्रीन दीपावली, यानी प्रदूषण मुक्त दीपावली की संभावना प्रबल है।
बिहपुर में अपने जदयू सांसद अजय मंडल ने त्याग पत्र का ताकतवर हाइड्रोजन बम फोड़ा, लेकिन उसका असर फुस्स हो गया। उन्हें न खुदा मिला न विशाल-ए- सनम। अजय के कड़कबीम की फुसफुसाहट न भाई अनुज मंडल और न ही करीबी नातेदार अपर्णा कुमारी को जदयू का टिकट दिला सकी।25 से 30 फिर से नीतीश स्लोगन वाले बैनरों से गोपालपुर को पाट देने वाली अपर्णा वर्तमान में वीआइपी बन बिहपुर सीट से चुनावी मैदान में उतरी हैं। वहीं टिकट गया कि बचा की टकटकी में फंसे एनडीए प्रत्याशी इंजीनियर कुमार शैलेंद्र लहसुनिया बम फोड़ रहे हैं। जबकि अपर्णा और जन सुराज के पवन चौधरी मैदान में राकेट लिए डंटे हैं।
भागलपुर सीट पर एनडीए प्रत्याशी रोहित पांडेय और महागठबंधन प्रत्याशी अजीत शर्मा चुनाव मैदान में हैं। यहां चुनाव मैदान में एकदूसरे को धूल चटाने के लिए ताबड़तोड़ कई अनार फोड़े जाने की तैयारी है। अनार बम मतलब पहले चटख रंग-बिरंगी रोशनी के साथ उजाला और फिर अचानक तेज धमाका। ये अनार किसे बीमार कर देंगे, किसे चंगा, यह तो मालिक जनता ही तय करेगी।
यहां अश्विनी चौबे के बेटे अर्जित के रूप में एक फुस्सी बम तो ठीक से फट तक नहीं पाया। आग लगने से पहले ही इस पर भाजपा आलाकमान ने ऐसा पानी उड़ेला कि बम और उसके कारखाने दोनों की सिट्टी-पिट्टी गुम हो गई। ताजा हाल यह है कि माया मैडम की छुड़छुड़ी भी रोशनी फैलाने को तैयार है, लेकिन ये फुलझड़ी जल भी जाए तो बहुत बड़ी बात होगी। बहरहाल मतदाता के हाथों में फैसले की ताकत है। अनार, लहसुनिया, राकेट, फुलझड़ी किसको पसंद करते हैं, यह नतीजे के दिन पता चलेगा। डा सलाहउद्दीन अहसन के रूप में कांग्रेस के खेमे में आलू बम के साथ पलीता लगाने को तैयार बैठे हैं।
नाथनगर सीट पर एनडीए से लोजपा के टिकट की आस लगाए विजय यादव निराशा हाथ लगते ही अब यार गद्दार का नारा दे रहे। महागठबंधन खेमे में प्रशासनिक नौकरी त्याग कर आए जियाउल हसन उर्फ जिया भाई अंदर ही अंदर हाइड्रोजन बम धधकाने की फिराक में हैं। मौका मिला तो किसी पर भी अपना धमाकेदार बम दाग देंगे। अमर सिंह कुशवाहा के आगमन से राजद और कांग्रेस के बीच नाथनगर और सुल्तानगंज में रार जैसी स्थिति बन सकती है। दोनों सीटों पर खतरनाक हाइड्रोजन बम, टॉमहॉक मिसाइल, तो कोई महाविध्वंसक सरमत मिसाइल लेकर मैदान में तैयार हैं, कि कब मौका मिले कि अपना मिसाइल लांच कर दें।
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