बिहार: अधिकारी का फर्जी हस्ताक्षर कर डाटा आपरेटर ने ठग लिए 16 लाख रुपये, लखीसराय के ACMO कार्यालय का मामला
Bihar News लखीसराय में एक हैरात करने वाली खबर सामने आई है। अधिकारी का फर्जी हस्ताक्षर कर डाटा आपरेटर ने 16 लाख से अधिक रुपये ठग लिए। मामला एसीएमओ कार्यालय का है। डाटा आपरेटर उसी दफ्तार में पदस्थापित है। इसको लेकर...

संवाद सहयोगी, लखीसराय। Bihar News: स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी के फर्जी हस्ताक्षर से प्रखंडों में यूआइडीआइ केंद्र संचालित करने के नाम पर करीब 16 लाख, 27 हजार रुपये की ठगी कर लेने का मामला सामने आया है। स्थानीय मेघराय नगर के अशोक कुमार सिंह के पुत्र रवि कुमार ने मामला उजागर किया है।
उन्होंने अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी कार्यालय के अंतर्गत संचालित आइडीएसपी कार्यालय के डाटा इंट्री आपरेटर पद पर पदस्थापित तेतरहट थाना क्षेत्र अंतर्गत शरमा के जयकांत सिंह के पुत्र सौरभ कुमार पर जिले के सभी प्रखंड में यूआइडीआइ केंद्र संचालित करने के नाम पर 16 लाख 27 हजार रुपये ठगी करने का आरोप लगाया है।
रवि कुमार ने जिलाधिकारी एवं सिविल सर्जन को आवेदन देकर मामले की जांच कर कार्रवाई करने की मांग की है। ठगी के शिकार रवि कुमार ने बताया कि सौरभ कुमार ने उसे बताया कि अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी सभी प्रखंड में निजी व्यक्ति के माध्यम से यूआइडीआइ केंद्र स्थापित की जानी है। यूआइडीआइ केंद्र संचालित करने वाले व्यक्ति को कमीशन के रूप में काफी कमाई होगी।
प्रत्येक प्रखंड में यूआइडीआइ केंद्र संचालित कराने के एवज में दो लाख 32 हजार 428 रुपये जमा करना होगा। सौरभ कुमार के झांसे में आकर उसने जिले के सातों प्रखंड में यूआइडीआइ केंद्र संचालित करने के लिए कुल 16 लाख 27 हजार रुपये उसे दे दिया। सभी प्रखंड मुख्यालय में सारी सुविधाओं से लैस कार्यालय भी खोला है। कार्यालय के रंग-रोगन पर 60 हजार रुपये खर्च हुआ है। इसका रसीद भी साैरभ कुमार को उपलब्ध कराया गया है।
इस तरह कुल 16 लाख 27 हजार रुपये ठगी कर ली गई है। इसके बाद डाटा इंट्री आपरेटर ने उससे योग्यता प्रमाण पत्र की मांग की। इसके बाद नया टोला हसनपुर के कुमार विनय के पुत्र मणिकांत कुमार का योग्यता प्रमाण पत्र उपलब्ध कराया। इसके बाद सौरभ कुमार द्वारा ने मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी के हस्ताक्षर से जारी मणिकांत कुमार के नाम से जिले के सभी प्रखंड में यूआइडीआइ केंद्र संचालित करने की पंजीयन संख्या दी।
उक्त पंजीयन अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी के ज्ञापांक 6292, दिनांक चार जनवरी 22 द्वारा जारी हुआ। इसके बाद डाटा इंट्री आपरेटर ने कोरोना महामारी को लेकर कार्यालय बंद होने की सूचना दी। प्रखंड मुख्यालयों में संचालित कार्यालय के मकान मालिक भाड़ा एवं अन्य खर्च के नाम पर डाटा आपरेटर ने उसे सात लाख ने आइडीआइबीआइ बैंक का चेक दिया परंतु बैंक ने खाता में राशि नहीं होने की बात कही।
सौरभ कुमार को इसकी जानकारी देने पर वह चेक छीनकर फाड़ दिया। इस संबंध में सिविल सर्जन से मिलने पर उन्होंने बताया कि अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी के फर्जी हस्ताक्षर यूआइडीआइ केंद्र संचालित करने का फर्जी पंजीयन जारी किया गया है। इधर प्रभारी अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी डा. अशोक कुमार भारती ने घटना की पुष्टि करते हुए बताया कि सिविल सर्जन के अवकाश से लौटने पर उचित कार्रवाई की जाएगी।
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