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    Bihar Chunav 2025: ऐन चुनाव लटक गया ताला, जदयू-भाजपा सबका एक ही हाल, टिकट की चाबी मिलेगी तभी खुलेगा

    By Sanjay Singh Edited By: Alok Shahi
    Updated: Sat, 11 Oct 2025 07:45 AM (IST)

    Bihar Chunav 2025: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की घोषणा के बाद राजनीतिक दलों के पार्टी कार्यालयों पर ताला लटक गया है। हालांकि, यहां उम्मीदवारों के एलान के बाद एक बार फिर से चहल-पहल बढ़ेगी, लेकिन वर्तमान में यहां इक्के-दुक्के कार्यकर्ता भी नजर नहीं आ रहे। जदयू-भाजपा सबका एक ही हाल है। समर्थकों का मानना हे कि टिकट की चाबी मिलेगी तभी कार्यालय का ताला खुलेगा।

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    Bihar Chunav 2025: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के दौरान भागलपुर में जदयू और भाजपा कार्यालय में ताला लगा है।

    जागरण संवाददाता, भागलपुर। Bihar Chunav 2025 बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के बीच भागलपुर में शुक्रवार को नीतीश कुमार की पार्टी जदयू के पार्टी कार्यालय का नज़ारा कुछ अलग ही था। सुबह से ही कार्यालय में सन्नाटा पसरा हुआ था और मुख्य द्वार पर ताला लटका था। जानकारी मिली कि जिले के सभी बड़े नेता टिकट की दौड़ में पटना में गए हुए हैं। इस कारण कार्यालय पूरी तरह से बंद पड़ा है। सूत्रों के अनुसार, पटना में नेताओं की बैठकों और समन्वय के चलते टिकट वितरण के महत्वपूर्ण निर्णय लिए जा रहे हैं। इस समय कार्यकर्ताओं और समर्थकों के बीच उत्सुकता है कि आखिर किसको टिकट मिलेगा। इस बीच पार्टी कार्यालय में सन्नाटा पसरा है और अंदर की गतिविधियां पूरी तरह ठप हैं। स्थानीय स्तर पर यह माना जा रहा है कि जैसे ही टिकट का फैसला हो जाएगा और नेता पटना से लौटेंगे, कार्यालय में फिर से चहल-पहल शुरू हो जाएगी। पार्टी कार्यकर्ताओं के अनुसार टिकट मिलने के बाद नेताओं के आने-जाने का सिलसिला शुरू होगा और कार्यालय चुनावी गतिविधियों का केंद्र बन जाएगा। इसलिए फिलहाल ताला लगे कार्यालय के बाहर सन्नाटा है, लेकिन आने वाले समय में इ जगह फिर से हलचल से भर जाएगी।

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    थाना-पुलिस से शीर्ष अफसर तक सबकी गतिविधियों पर नजर

    बिहार विधानसभा चुनाव 2025 का बिगुल बजते ही निर्वाचन आयोग ने निष्पक्ष मतदान सुनिश्चित करने के लिए अपनी पूरी तैयारी शुरू कर दी है। आयोग ने स्पष्ट कर दिया है कि चुनाव के दौरान किसी प्रत्याशी या दल विशेष के पक्ष में काम करने वाले पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों की गतिविधियों पर उसकी पैनी नजर रहेगी। इसके लिए आयोग ने सर्विलांस टीमों का गठन किया है, जो जिले के प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में भ्रमणशील रहकर निगरानी करेंगी। थानास्तर से लेकर सेक्टर और वरीय प्रशासनिक अधिकारियों तक, सभी की गतिविधियों पर टीम की नजर रहेगी।

    पक्षपात करने वाले अधिकारी बुरे फंसेंगे

    यदि कोई अधिकारी मतदाताओं को प्रभावित करने, किसी प्रत्याशी को फायदा पहुंचाने या विरोधी दलों के खिलाफ काम करते पाए गए तो आयोग तुरंत कार्रवाई करेगा। सर्विलांस टीम मौके पर ही जांच कर रिपोर्ट भेजेगी और जरूरत पड़ने पर आन द स्पाट कार्रवाई भी की जाएगी। चुनाव के दौरान प्रत्याशियों या उनके समर्थकों की ओर से मतदाताओं को पैसे, शराब या सामूहिक भोज के माध्यम से प्रभावित करने की कोशिश पर भी टीम कड़ी निगरानी रखेगी। यदि ऐसी गतिविधियों में किसी पुलिस या प्रशासनिक पदाधिकारी की मिलीभगत पाई गई, तो संबंधित अफसर के खिलाफ तत्काल कार्रवाई की जाएगी।

    उम्मीदवारों के चुनाव प्रचार की भी कड़ी निगरानी

    आयोग ने चुनाव प्रचार के दौरान प्रत्याशियों के तय वाहनों की संख्या पर भी सख्ती बरतने के निर्देश दिए हैं। सर्विलांस टीम यह देखेगी कि कोई प्रत्याशी अनुमति से अधिक वाहन तो नहीं चला रहा और क्या स्थानीय अफसर इस पर जानबूझकर चुप्पी साधे हुए हैं। ऐसे मामलों में भी आयोग सीधे कार्रवाई करेगा। प्रत्याशियों के जनसंपर्क अभियानों और देर रात तक चलने वाली बैठकों पर भी टीम नजर रखेगी। अगर किसी क्षेत्र में प्रशासनिक पदाधिकारी या पुलिसकर्मी की संदिग्ध मौजूदगी पाई गई, तो तुरंत जांच की जाएगी।

    मतदाता बिना डर-भय के डालें वोट

    चुनाव आयोग का उद्देश्य है कि मतदाता बिना किसी दबाव या प्रभाव के अपने मताधिकार का प्रयोग करें। आचार संहिता लागू होने से पहले हुए तबादलों पर भी आयोग की नजर है। ऐसे अधिकारियों की भूमिका पर विशेष निगरानी रखी जाएगी जिनका तबादला हाल में हुआ है और जिन पर किसी राजनीतिक प्रभाव के तहत काम करने की आशंका है। इसीलिए हर स्तर पर निगरानी और जवाबदेही सुनिश्चित की जा रही है ताकि चुनाव प्रक्रिया पर जनता का विश्वास कायम रहे।