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    Bihar: भितरघात ने बढ़ाई भाजपा की टेंशन... भागलपुर सीट बनी बड़ी चुनौती, अपनों ने की मुखालफत तो होगा बड़ा नुकसान

    Updated: Tue, 23 Sep 2025 01:15 AM (IST)

    Bihar Politics जैसे-जैसे बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के दिन नजदीक आ रहे हैं भाजपा में टिकटार्थियों की भीड़ बढ़ती ही जा रही है। दावेदारों की पटना-दिल्ली की दौड़ शुरू हो गई है। एक दर्जन से अधिक दावेदार सिर्फ भागलपुर सीट पर ताल ठोक रहे हैं। चौक-चौराहों पर होर्डिंग की बाढ़ सी आ गई है।

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    Bihar Politics: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के लिए भाजपा में टिकटार्थियों की भीड़ बढ़ती ही जा रही है।

    नवनीत मिश्र, भागलपुर। Bihar Politics, Bihar Chunav 2025 भागलपुर विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ने के लिए भाजपा में टिकटार्थियों (उम्मीदवारों) की भीड़ लग गई है। टिकट के लिए एक दर्जन से अधिक नेता पटना-दिल्ली की दौड़ लगा रहे हैं। सबकी एक ही आस- टिकट मिल जाए। पटना से दिल्ली तक बड़े नेताओं के दरवाजे पर दस्तक दे रहे हैं। सबसे दिलचस्प यह है कि किसी बड़े नेता के यहां एक उम्मीदवार पहुंचता है तो यह जानकारी मिलते ही दो-तीन दावेदार और हाजिरी लगाने पहुंच जाते हैं। वहीं, भागलपुर शहर की सड़कें भी ऐसे संभावित उम्मीदवारों के लिए चुनावी अखाड़ा बन गया है। होर्डिंग्स वार सा छिड़ गया है। होर्डिंग के जरिये भी उम्मीदवार खुद को दूसरे से बेहतर बनाने के प्रयास में जुटे हुए हैं। 

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    शहर में उम्मीदवारों की होर्डिंग की बाढ़ आ गई है। शहर में जिनकी होर्डिंग नहीं लगी है, वे भी चुनचाप टिकट की इच्छा रखकर भाजपा के शीर्ष नेताओं के दरबारों में चक्कर लगा रहे हैं। करीबियों से पैरबी लगा रहे हैं। प्रधानमंत्री के करीबी लोगों तक पहुंच रहे हैं। सभी को उम्मीद है कि इस बार भागलपुर विधानसभा से उन्हें ही टिकट मिलेगा। कई दावेदारों ने जनसंपर्क भी शुरू कर दिया है। गरीबों व आम मतदाताओं के सुख-दुख में साथ रहने की बात कर रहे हैं।

    कई नेताओं ने तो एनडीए के कार्यकर्ता सम्मेलन में अपनी शक्ति का प्रदर्शन भी किया था। ऐसे नेताओं को आशा थी कि प्रदेश अध्यक्ष सम्मेलन में शामिल होंगे और वे हमारी शक्ति को देखेंगे। हालांकि प्रदेश अध्यक्ष कार्यक्रम में नहीं आए। ऐसे नेताओं ने कार्यकर्ता सम्मेलन के लिए काफी मेहनत की थी और लाजपत पार्क सहित शहर में भी होर्डिंग लगवा दिया।

    कार्यकर्ता सम्मेलन के दौरान अपने को विधायक पद का उम्मीदवार समझ रहे नेताओं ने अलग-अलग सड़कों पर शक्ति प्रदर्शन किया। सभी नेताओं के साथ महिलाओं की संख्या अधिक थी। ढोल-नगाड़ों के बीच सभी अलग-अलग टोलियों में लाजपत पार्क पहुंचे। इनमें रोहित पांडेय, पवन मिश्रा, अर्जित शाश्वत चौबे, बंटी यादव, विजय साह, डा. प्रीति शेखर, प्रशांत विक्रम, दिलीप मिश्रा सहित कई मंडल अध्यक्ष भी थे। इस कारण लाजपत पार्क में भारी भीड़ उमड़ पड़ी।

    कई दावेदार अपने कार्यकर्ताओं के माध्यम से नारे लगवाते रहे। मंच से पूर्व केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे ने टिकट लेने वालों को हाथ उठाने की बात कही तो होर्डिंग वाले नेताजी ने हाथ नहीं उठाया, लेकिन कई ऐसे पुराने कार्यकर्ता थे, जिन्होंने हाथ उठाया। हाथ उठाने वाले लोग वैसे थे, जिन्होंने वर्षों से पार्टी की सेवा करते आ रहे हैं। टिकट किसे मिलेगा, यह तो अगले महीने ही पता चलेगा, लेकिन इतना तो तय है कि जिसे भी टिकट मिलेगा, उन्हें खुद की शक्ति के आधार पर मैदान में उतरना होगा।

    जिन्हें टिकट मिलेगा, वे तो अपने प्रचार में जुट जाएंगे, लेकिन जिन्हे टिकट नहीं मिलेगा, उनके द्वारा भीतरघात किए जाने की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता है। ऐसे में एक बार फिर भागलपुर विधानसभा सीट जीतना भाजपा नेतृत्व के लिए बड़ी चुनौती होगी। हालांकि भाजपा जिलाध्यक्ष संतोष कुमार का कहना है कि भाजपा का परिवार बड़ा है। किसी में कोई नाराजगी नहीं है। संगठन को शिरोमणि मानने वाले ही संगठन का सिरोधार करते हैं। संगठन के ही किसी व्यक्ति को टिकट मिलेगा और सारे लोग मिलकर उन्हें जीताने का काम करेंगे।