Bihar: बिहार विजिलेंस ने युवक को जबरन बना दिया फर्जी शिक्षक... पुलिस की जांच में हुआ चौंकाने वाला खुलासा; जानें पूरा मामला
Bihar News बिहार निगरानी अन्वेषण ब्यूरो ने भागलपुर के एक शिक्षक राजेश मिश्रा की जिंदगी तबाह कर दी। शिक्षक के शैक्षणिक प्रमाणपत्र को निगरानी ब्यूरो ने शुरुआती जांच में फर्जी बताकर नौकरी से हटवाकर उसपर केस दर्ज कराया। बाद में पुलिस की जांच में शिक्षक सच्चा निकला। दोबारा निगरानी ने की जांच तो प्रमाणपत्र सत्य पाए गए। निगरानी एसपी ने भागलपुर एसएसपी को कार्रवाई के लिए नई जांच रिपोर्ट भेजी।

कौशल किशोर मिश्र, भागलपुर। Bihar News पटना उच्च न्यायालय के निर्देश पर फर्जी प्रमाणपत्र से शिक्षक की नौकरी करने वालों पर कार्रवाई की गाज गिराने वाला निगरानी अन्वेषण ब्यूरो अपने अनोखे अनुसंधान के कारण खुद ही कठघरे में खड़ा है। भागलपुर के नाथनगर प्रखंड स्थित मध्य विद्यालय जितुआरपुर में तैनात शिक्षक राजेश कुमार मिश्रा के प्रमाणपत्र को अपनी ही जांच में फर्जी बताने वाले निगरानी ने अब पलटी मार दी है। ब्यूरो की ताजा जांच में शिक्षक को सच्चा करार दिया है। निगरानी अन्वेषण ब्यूरो के एसपी ने भागलपुर एसएसपी को नए सिरे से जांच रिपोर्ट भेजकर शिक्षक के प्रमाणपत्र को सही बताया गया है।
पूर्व में इस मामले में निगरानी के पुलिस निरीक्षक ईश्वर चौधरी ने मामले में जांच रिपोर्ट सौंपते हुए 28 अप्रैल 2025 को मधुसूदनपुर थाने में धोखाधड़ी समेत अन्य आरोप में केस दर्ज करा दिया। दर्ज केस में शिक्षक राजेश को नामजद आरोपित बनाया। इस केस के अनुसंधान में जब मधुसूदनपुर थाने के अवर निरीक्षक राहुल कुमार ने शिक्षक राजेश की तरफ से प्रखंड शिक्षक की नौकरी के समय प्रस्तुत किया गया शैक्षणिक प्रमाण पत्र की जांच स्टेट बोर्ड ऑफ टीचर एजुकेशन असम से कराई तो इसे सत्य पाया।
इसके बाद अवर निरीक्षक राहुल कुमार ने वरीय पुलिस पदाधिकारी को केस की प्रगति की जानकारी दी कि उक्त आरोपित शिक्षक का प्रमाणपत्र सत्य है। उधर जब मधुसूदनपुर थाने में दर्ज केस में अनुसंधानकर्ता राहुल कुमार की जांच में जब प्रमाणपत्र सत्य पाया गया तो निगरानी ब्यूरो ने फिर से जांच कराई। अबकी बार जांच में आरोपित शिक्षक राजेश का प्रमाणपत्र सत्य पाया गया।
निगरानी एसपी ने एसएसपी को भेजी दोनों जांच रिपोर्ट
निगरानी अन्वेषण ब्यूरो के एसपी ने भागलपुर एसएसपी हृदय कांत को निगरानी की तरफ से कराई गई दोनों जांच रिपोर्ट भेज दी है। निगरानी एसपी ने 17 जुलाई 2025 को मिले प्रमाण पत्र की सत्यापन रिपोर्ट का हवाला दे जानकारी दी है कि फिर से कराई गई जांच में आरोपित शिक्षक का प्रमाण पत्र सही पाया गया है। जबकि पूर्व में निगरानी के पुलिस निरीक्षक ईश्वर चौधरी की जांच में शिक्षक राजेश के प्रमाण पत्र को राज्य शिक्षा अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद एससीईआरटी, असम के कार्यालय से फर्जी बताया गया था।
उसके बाद ईश्वर चौधरी के लिखित बयान पर मधुसूदनपुर थाने में 28 अप्रैल 2025 को केस संख्या 65-25 दर्ज कराया था। जिसके अनुसंधान में जब मधुसूदनपुर थाने के अवर निरीक्षक राहुल कुमार की जांच में प्रमाण पत्र सत्य पाया गया। निगरानी जांच में भी प्रमाण पत्र सत्य बताया गया। निगरानी एसपी ने प्रमाण पत्र का सत्यापन रिपोर्ट भी एसएसपी को आगे की कार्रवाई के लिए भेज दिया है।
फर्जी शिक्षक के ठप्पे और वेतन नहीं मिलने के दर्द से राहत
लंबे समय से शिक्षक की नौकरी कर रहे राजेश मिश्रा पर कथित रूप से फर्जी शिक्षक के ठप्पे ने मानसिक पीड़ा तो दी ही, वेतन बंद हो जाने से आर्थिक तंगी का भी सामना करना पड़ रहा है। परिवार के आठ सदस्यों वाले परिवार के भरण-पोषण की जिम्मेदारी भी उन्हीं के कंधे पर। विपरीत परिस्थिति में कई करीबी भी कन्नी काटने लगे। ताजा जांच रिपोर्ट से शिक्षक को बड़ी राहत मिली है।
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