Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Bihar Assembly Election 2025: जेन-जी को लुभाने के लिए डिजिटल प्रचार की जंग, रील्स और मीम्स से बन रहा माहौल

    Updated: Sun, 14 Sep 2025 10:14 AM (IST)

    बिहार विधानसभा चुनाव के नज़दीक आते ही सभी राजनीतिक दल युवाओं को लुभाने के लिए डिजिटल प्रचार में जुट गए हैं। भागलपुर के संभावित उम्मीदवार इंटरनेट मीडिया के ज़रिए युवा मतदाताओं तक पहुँचने की कोशिश कर रहे हैं। इस बार प्रचार का तरीका बदल गया है जिसमें रील्स मीम्स और डिजिटल विज्ञापन शामिल हैं। शिक्षा बेरोज़गारी और स्वास्थ्य जैसे मुद्दों पर ध्यान केंद्रित किया जा रहा है।

    Hero Image
    इंटरनेट मीडिया पर जेन जी को साधने की जंग, वायरल कंटेंट से बढ़ेगा प्रचार

    अभिषेक प्रकाश, भागलपुर। बिहार विधानसभा चुनाव नजदीक आते ही जेन-जी (युवाओं) को साधने में सभी राजनीतिक दल जुट गए हैं। जेन जी को साधने के लिए डिजिटल प्रचार में सभी राजनीतिक दलों ने पूरी ताकत झोंक दी है।

    भागलपुर की सातों विधानसभा क्षेत्र के भावी प्रत्याशी और मौजूदा विधायकों की पीआर टीम इंटरनेट मीडिया के जरिए युवा मतदाताओं तक पहुंच बनाने और उनका मिजाज भांपने में जुट गई है।

    2020 के मुकाबले इस बार इंटरनेट मीडिया पर प्रचार का स्वरूप बिल्कुल बदल चुका है। बीते दो सालों में युवाओं के साथ-साथ हर वर्ग के लोगों के बीच इंस्टाग्राम, एक्स और फेसबुक की पहुंच बढ़ी है, इसलिए अब चुनाव की दिशा इन्हीं प्लेटफार्म से तय होगी।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    जेन-जी को लुभाने की रणनीति में सबसे बड़ा फोकस 15 से 20 सेकंड की रील, ट्रेंडिंग मीम्स, वायरल हैशटैग और डिजिटल विज्ञापन पर है। पीआर टीम की मदद से तय हो रहा है कि किस विधानसभा क्षेत्र में कौन-सा संदेश भेजना है, किस समय कौन-से पोस्ट और वीडियो अपलोड किए जाएं और युवाओं की रुचि के अनुसार कौन-से ट्रेंड अपनाए जाएं।किसानों की समस्या और युवाओं से जुड़े मुद्दों पर होता है।

    फोकस पीआर के रूप में काम करने वाले सलाहकार रित्विक बताते हैं, 2020 में इंस्टाग्राम पर रिल्स का चलन कम था, लेकिन दो सालों में इसका चलन अधिक हो गया है। अब हर डेढ़ माह में ट्रेंड बदल जाता है। युवा जल्दी आकर्षित होते हैं और उसी के अनुसार रणनीति बनानी पड़ती है। शिक्षा, बेरोजगारी, स्टार्टअप, खेल, मानसिक स्वास्थ्य, डिजिटल स्किल डेवलपमेंट, परीक्षा तैयारी और रोजगार जैसे मुद्दों पर विशेष फोकस किया जा रहा है।

    रित्विक बताते हैं, युवा वर्ग अब सिर्फ नारे नहीं देखता, वह समाधान चाहता है। चुनाव प्रचार से जुड़े आशीष कहते हैं, इस बार युवाओं की सक्रियता इतनी बढ़ गई है कि चुनावी माहौल इंटरनेट मीडिया पर पलभर में बदल सकता है। पिछले चुनाव में फेसबुक पोस्ट और टेली कालिंग का सहारा लिया गया था, लेकिन अब रील और मीम से ही माहौल बनाया जा रहा है।

    डिजिटल प्लेटफार्म पर हम युवाओं की समस्याओं को लेकर छोटे-छोटे वीडियो, इन्फोग्राफिक, और लाइव सेशन कर रहे हैं। शिक्षा और रोजगार पर सुझाव देना, मानसिक स्वास्थ्य पर संवाद करना और खेल प्रतिभाओं को आगे लाने की दिशा में योजनाओं को साझा करना युवाओं को सीधे कनेक्ट कर रहा है।

    जनसुराज से जुड़े एक भावी प्रत्याशी ने बताया कि उनकी पीआर टीम विधानसभा क्षेत्र के शिक्षा, रोजगार, स्वास्थ्य, किसानों की समस्या और युवाओं से जुड़े मुद्दों पर फोकस कर काम कर रही है। डिजिटल माध्यम से इन मुद्दों को उठाकर युवाओं और आम मतदाताओं से सीधे संवाद किया जा रहा है।

    डिजिटल प्रचार पर भी लाखों रुपये होते हैं खर्च

    इंटरनेट मीडिया पर डिजिटल प्रचार पर लाखों रुपये खर्च होते हैं। आशीष ने बताया कि चुनाव से लेकर मतगणना तक का डिजिटल प्रचार पैकेज लाख रुपये से शुरू हो गया है। जेन जी की पसंद को ध्यान में रखते हुए ट्रेंडिंग गानों, मीम की भाषा और आकर्षक वीडियो कंटेंट पर काम होता। चुनाव में किस मैदान में क्या बोलेंगे, किस वक्त कौन-सा पोस्ट वायरल होगा इसकी पूरी योजना पहले से तैयार की जाती है।

    वहीं रित्विक का कहना है कि एक दिन के कंटेट पर सात से आठ हजार खर्च होता है। युवाओं का विश्वास जीतने के लिए डिजिटल प्रचार में आक्रामकता जरूरी है। सही समय पर सही संदेश देने से युवाओं का मन जीता जा सकता है। यही इस चुनाव की सबसे बड़ी कुंजी है।