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    भागलपुर-मुंगेर मरीन ड्राइव के लिए जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू, जिला प्रशासन को एलएपी सौंपा गया

    Updated: Tue, 02 Dec 2025 09:28 PM (IST)

    मुंगेर से भागलपुर के बीच मरीन ड्राइव का निर्माण जल्द शुरू होगा। बीएसआरडीसीएल ने जिला प्रशासन को जमीन अधिग्रहण का प्रस्ताव सौंपा है। अगले 15 दिनों में ...और पढ़ें

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    जागरण संवाददाता, भागलपुर। मुंगेर से भागलपुर के बीच बनने वाले मरीन ड्राइव का काम जल्द शुरू होने वाला है। मंगलवार को बिहार स्टेट रोड डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन लिमिटेड (बीएसआरडीसीएल) की टीम ने जिला प्रशासन को एलएपी (लैंड एक्यूजिशन प्रपोजल) सौंप दिया। बीएसआरडीसीएल के अधिकारियों के अनुसार अगले 15 दिनों में जमीन अधिग्रहण के लिए जिला प्रशासन को पत्र भेजा जाएगा।

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    इसके बाद भू-अर्जन विभाग जमीन चिह्नित करने की कार्रवाई शुरू करेगा। अब जिला प्रशासन की भूमिका अहम होगी। राजस्व अभिलेख, खाता-खेसरा और सीमांकन के आधार पर आगे की कार्रवाई तय होगी। भू-अर्जन के दौरान यह पता चल पाएगा कि किस-किस जगह सरकारी भूमि उपलब्ध है और किस-किस जगह जमीन का अधिग्रहण करना होगा।

    भू-अर्जन की प्रक्रिया शुरू होने के बाद सामाजिक प्रभाव आकलन (एसआइए) की प्रक्रिया पूरी की जाएगी। इस दौरान भूमि अधिग्रहण से प्रभावित होने वाले परिवारों, किसानों और व्यापारियों पर पड़ने वाले असर का आकलन किया जाएगा।

    नक्शा नहीं मिलने से अटका था काम

    एसआइए की रिपोर्ट के आधार पर सेक्शन-11 के तहत अधिसूचना जारी की जाएगी और आधिकारिक रूप से भूमि अधिग्रहण की कार्रवाई शुरू होगी। बीएसआरडीसीएल के अधिकारियों के अनुसार अगले सात दिनों के अंदर मुंगेर जिला प्रशासन को भी एलएपी सौंप दिया जाएगा।

    पहले आठ किलोमीटर इलाके का नक्शा उपलब्ध नहीं हो पा रहा था, जिसकी वजह से जमीन अधिग्रहण संबंधी प्रपोजल नहीं दिया जा सका था। अब नक्शा मिल चुका है और सभी आवश्यक दस्तावेज लगभग तैयार कर लिए गए हैं। विभागीय अधिकारी के अनुसार मरीन ड्राइव का निर्माण दोनों जिलों में एक साथ शुरू होगा।

    जैसे-जैसे जमीन उपलब्ध होती जाएगी, वैसे-वैसे निर्माण कार्य आगे बढ़ता जाएगा। इसके पीछे तर्क है कि किसी एक क्षेत्र के कार्य रुकने से पूरी परियोजना अटके नहीं। मरीन ड्राइव निर्माण के लिए बीएसआरडीसीएल को फॉरेस्ट क्लीयरेंस और एनवायरमेंट क्लीयरेंस भी लेना होगा।

    दोनों जिलों के लिए सभी प्रक्रियाएं समान

    • राजस्व सर्वे
    • भूखंड चिह्नांकन
    • सार्वजनिक आपत्तियां
    • सामाजिक प्रभाव आकलन
    • मुआवजा निर्धारण
    • भू-अधिग्रहण और हस्तांतरण

    कार्य एजेंसी का हो चुका चयन

    मरीन ड्राइव परियोजना के लिए निविदा प्रक्रिया पूरी की जा चुकी है और कार्य एजेंसी का चयन भी हो चुका है। अब फील्ड में मशीनरी और श्रमिकों की तैनाती तभी होगी जब जमीन का हस्तांतरण प्रशासन द्वारा किया जाएगा। विभाग ने फिलहाल सर्वे, माप-जोख, वर्क-बाउंड्री और मार्ग निर्धारण का प्रारंभिक खाका तैयार कर लिया है।

    विभागीय अधिकारी के अनुसार, वन विभाग को औपचारिक पत्र भेज दिया गया है, साथ ही पोर्टल पर तकनीकी आग्रह भी दर्ज कर दिया गया है। पर्यावरणीय अनुमति के लिए भी आवश्यक तकनीकी रिपोर्ट और मूल्यांकन शीघ्र ही जमा किया जाएगा। इन अनुमतियों के पूरा होने के बाद निर्माण की राह पूरी तरह साफ हो जाएगी।

    दो चरणों में निर्माण

    • पहला चरण : सफियाबाद से सुल्तानगंज (35 किमी)
    • दूसरा चरण : सुल्तानगंज से सबौर (40.80 किमी)

    लागत

    • पहले चरण: 4450.17 करोड़ रुपये
    • दूसरे चरण : 3842.48 करोड़ रुपये

    जमीन अधिग्रहण के लिए प्रस्ताव जिला प्रशासन को सौंप दिया गया है। अगले 15 दिनों में अधियाचना भी जिला प्रशासन को सौंप दिया जाएगा। फॉरेस्ट क्लीयरेंस के लिए वन विभाग को लिखा गया है। नक्शा तैयार कर लिया गया है। मुंगेर जिला प्रशासन को सात दिनों के अंदर प्रस्ताव सौंपा जाएगा। दोनों जिलों में एक साथ काम शुरू होगा। -अभिषेक कुमार, डीजीएम बिहार स्टेट रोड डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन लिमिटेड, पटना