Bhagalpur: भागलपुरी सिल्क का लंदन में दिखा जलवा, छह सौ बेटियों ने किया भारतीय कला का प्रदर्शन; दिवाने हुए लोग
Bhagalpur विश्व हैंडलूम दिवस के मौके पर लंदन में सोमवार को भागलपुरी सिल्क तसर मलबरी का जलवा देखने को मिला। भारत की छह सौ बेटियों ने इसे प्रमोट किया। लंदन में यह आयोजन महिलाओं का एक समूह ब्रिटिश वुमन इन साड़ीज कर रहा है। इसके पीछे सोच यह है कि विश्व के लोगों के बीच सिल्क मलबरी व तसर से बनी साड़ियों को प्रमोट किया जा सके।

जागरण संवाददाता, भागलपुर। लंदन में गांधी की प्रतिमा के सामने विश्व हैंडलूम दिवस के मौके पर सोमवार को भागलपुरी सिल्क, तसर, मलबरी का जलवा देखने को मिला। भारत की छह सौ बेटियों ने इसे प्रमोट किया। इतना ही नहीं, वहां मिथिला संस्कृति की भी झलक दिखी। अपनी माटी, सभ्यता और संस्कृति को ये बेटियां लंदन की सड़कों पर पेश कर रही थीं, जिसे देखने के लिए लोग कतार में खड़े थे।
तसर से बनी साड़ियों का हो प्रमोशन
बता दें कि लंदन में यह आयोजन महिलाओं का एक समूह ब्रिटिश वुमन इन साड़ीज कर रहा है। इसके पीछे सोच यह है कि विश्व के लोगों के बीच सिल्क, मलबरी व तसर से बनी साड़ियों को प्रमोट किया जा सके। इससे यहां के बुनकरों को नया बाजार मिलेगा। इस दौरान चैरिटी का भी आयोजन किया गया। इससे जो फंड एकत्रित होगा उसका उपयोग बुनकरों एवं कलाकारों के हित में खर्च किया जाएगा।
तसर साड़ी पहन कर निकलीं तो देखते रह गए लोग
यूके के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक के आधिकारिक आवास ट्राफलगर स्क्वायर से 10 डाउनिंग स्ट्रीट से साड़ी वाकथान के लिए पांच से छह सौ बेटियां पार्लियामेंट स्क्वायर की ओर निकलीं। इसका नेतृत्व डॉ. जया मोदी, डॉ. दीप्ति जैन, चंदा झा और पल्लवी मोदी कर रही थीं। साड़ी वाकथान में चल रही बेटियां सिल्क वस्त्र में लिपटी थीं और कश्मीर से कन्याकुमारी गीत गाते और नाचते हुए चल रही थीं।
लंदन की सड़कों पर लोगों की भीड़ उनका गर्मजोशी से स्वागत कर रही थी। पार्लियामेंट स्क्वायर में गांधी प्रतिमा के सामने राष्ट्र गान गाया और प्रतिमा पर मालार्पण किया। इस कार्यक्रम में भारतीय उच्चायोग, लंदन में हिंदी और सांस्कृतिक अताशे नंदिता साहू भी शामिल हुईं।
कभी सोचा नही था लंदन में सिल्क साड़ी पहन छठ गीत गाते चलूंगी
कार्यक्रम के दौरान डॉ. जया मोदी ने कहा कि डॉ. दीप्ति जैन ने ब्रिटिश वूमेन इन साड़ीज़ आरंभ किया है। यह चैरिटी संगठन है। कार्यक्रम में साड़ी पहनकर जाते हैं, लेकिन कभी सोचा नहीं था कि सड़क पर साड़ी पहनकर छठ गीत और देशभक्ति गीत गाते हुए चलेंगी। भागलपुर तसर, सिल्क को बढ़ावा देने के लिए यह प्रयास है। इससे जुड़कर गौरव महसूस हो रहा है।
वहीं, चंदा झा मधुबनी पेंटिंग से बनी तसर सिल्क पहनकर चल रही थीं। उन्होंने कहा कि साड़ी पहन अपनी परंपरा को बरकरार रखना चाहती हूं। जो हथकरधा उद्योग विलुप्त हो रहा है उसे बचाने का यह प्रयास है। इससे आने वाली पीढ़ी को इस वस्त्र की जानकारी मिल सके। वहीं पल्लवी मोदी ने कहा कि पार्लियामेंट स्क्वायर पर सामा चकेवा बिहार गीत पर नृत्य किया। इस आनंद को जीवन में कभी नहीं भूल सकती।
हमें अपनी बहन और भागलपुर पर गर्व है। वहीं डॉ. दीप्ति जैन ने कहा कि यह आयोजन अपनी परंपरा को विश्व के सामने लाने का एक प्रयास है। सभी ने इसमें आगे बढ़कर सहयोग किया यह बताता है कि हम कहीं भी रहे हमें अपने देश, सभ्यता संस्कृति से हमेशा प्रेम रहता है।
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