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    177 KM भागलपुर-दुमका-रामपुरहाट रेल दोहरीकरण में खर्च होंगे 3169 करोड़ रुपये, प्रक्रिया तेज

    Updated: Wed, 08 Oct 2025 09:41 PM (IST)

    भागलपुर-दुमका-रामपुरहाट रेलखंड के 177 किलोमीटर तक दोहरीकरण का कार्य 3169 करोड़ रुपये की लागत से किया जा रहा है। यह परियोजना बिहार, झारखंड और पश्चिम बंगाल को जोड़ेगी, जिससे ट्रेनों की आवाजाही सुगम होगी और देवघर जैसे तीर्थ स्थलों तक पहुंचना आसान होगा। इससे यात्री और मालगाड़ियों की गति बढ़ेगी, रोजगार के अवसर बढ़ेंगे और क्षेत्र का विकास होगा।

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    जागरण संवाददाता, भागलपुर। 177 किलोमीटर भागलपुर-दुमका-रामपुरहाट रेल दोहरीकरण में 3169 करोड़ रुपये खर्च होंगे। सिंगल रेलवे लाइन को दोहरीकरण की प्रक्रिया तेज कर दी गई है। भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। यह बिहार, झारखंड और पश्चिम बंगाल को जोड़ने वाली महत्वपूर्ण परियोजना है। इस परियोजना के मानचित्र को देखे तो यह बिहार से शुरू होकर पश्चिम बंगाल को जोड़ती है।

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    अभी चलने वाली ज्यादातर ट्रेनें भागलपुर से मालदा टाउन और रामपुरहाट होते हावड़ा जाती है। इस दोहरीकरण के बाद कई ट्रेनें भागलपुर से दुमका होते हुए रामपुरहाट होकर चलेगी। कई पैसेंजर, मेल, एक्सप्रेस ट्रेनें इससे होकर गुजर सकेगी और यह देवघर तीर्थ स्थल को जोड़ती है। एक तरह से दक्षिण बिहार को कोलकाता से जिस कनेक्टिविटी की जरूरत है वह इस परियोजना से पूरी हो जाती है।

    प्रधानमंत्री गति शक्ति नेशनल मास्टर प्लान के तहत रेल लाइन का डबलिंग होने से ट्रेनों की संख्या बढ़ने के साथ रफ्तार भी बढ़ेगी। अभी केवल सिंगल ट्रैक पर चलती है। ऐसे में ट्रेनों की संख्या सीमित रहती है और जरा सा दबाव बढ़ते ही घंटों की देरी हो जाती है। अब इस लाइन पर दूसरा ट्रैक बनने से यात्री गाड़ियों की रफ्तार बढ़ेगी। मालगाड़ियों की संख्या भी ज्यादा हो सकेगी।

    हर साल करीब 15 मिलियन टन अतिरिक्त माल, जिसमें कोयला, सीमेंट, खाद और पत्थर जैसी चीजें शामिल हैं, इसी लाइन से ढोई जा सकेंगी। इस रेल लाइन से भागलपुर और बांका जिले के साथ-साथ झारखंड के गोड्डा और दुमका और पश्चिम बंगाल के बीरभूम जिले को भी फायदा होगा। इसके अलावा धार्मिक महत्व के स्थल देवघर और तारापीठ तक पहुंचना भी आसान हो जाएगा।

    रेल डबलिंग से यात्रा सुगम होने के साथ-साथ रोजगार के मौके भी बढ़ेंगे। इसलिए कि मालगाड़ियों की संख्या बढ़ने से कारोबार में तेजी आएगी और नए निवेश की संभावना बनेगी। बता दें कि भागलपुर-हंसडीहा सड़क फोरलेन होना है। जगदीशपुर में न्यू भागलपुर स्टेशन का निर्माण होना है। सड़क और रेल, दोनों परियोजनाएं पूरे क्षेत्र की अर्थव्यवस्था को बदलने की क्षमता रखती हैं।

    पटना और कोलकाता जैसे बड़े शहरों तक आसान कनेक्टिविटी मिलने से व्यापारिक गतिविधियों में तेजी आएगी। वहीं, भागलपुर और दुमका के बीच पड़ने वाले ग्रामीण इलाकों के लोग भी इसका लाभ उठाएंगे। अगर परियोजनाएं योजना के अनुसार पूरी हो गईं, तो भागलपुर और आसपास का इलाका विकास की नई रफ्तार पकड़ लेगा।