बड़हरवा से भागलपुर तक बनने वाली तीसरी और चौथी लाइन का अथॉरिटी पत्र जारी, 4879.73 करोड़ रुपये होंगे खर्च
रेल मंत्रालय ने बड़हरवा से भागलपुर तक तीसरी और चौथी लाइन के निर्माण को मंजूरी दी है, जिसके लिए 4879.73 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं। भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया तेज की जाएगी, जिसमें 300 करोड़ रुपये से अधिक खर्च होने का अनुमान है। भागलपुर से जमालपुर तक 65 किलोमीटर की तीसरी लाइन भी 1100 करोड़ रुपये की लागत से बनेगी। इस परियोजना से ट्रेनों के संचालन में सुधार होगा और यात्रियों को सुविधा मिलेगी।

जागरण संवाददाता, भागलपुर। रेल मंत्रालय ने 4879.73 करोड़ की लागत से बड़हरवा से भागलपुर तक बनने वाली तीसरी और चौथी लाइन के लिए अधिकृत पत्र जारी कर दिया है। पूर्व रेलवे के निर्माण विभाग को अधिकृत पत्र जारी करने के बाद लाइनें बिछाने के लिए भू-अर्जन की कार्रवाई में तेजी आएगी। जमीन अधिग्रहण में तीन सौ करोड़ से ज्यादा खर्च होने का अनुमान है।
वहीं, 1100 करोड़ की लागत से भागलपुर से जमालपुर तक 65 किलोमीटर तीसरी लाइन भी बननी है। उसके लिए जमीन अधिग्रहण होना है। दो दिन पहले नाथनगर अंचल के राघोपुर और नूरपुर की ओर जमीन की मापी कराई गई थी। इसके तहत स्टेशन के आसपास के सौ से अधिक घरों के टूटने की नौबत आ सकती है। स्टेशन के आसपास करीब 100 फीट की दूरी तक भू-अर्जन की कार्रवाई होगी।
रेल अधिकारियों ने बताया कि जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया चल रही है। जल्द ही कार्रवाई पूरी कर ली जाएगी। इसके बाद लाइन बिछाने का काम शुरू होगा। मार्च-अप्रैल तक काम शुरू करने की योजना पर काम किया जा रहा है। भागलपुर और बड़हरवा के बीच 129-129 किलोमीटर रेललाइन बिछेगी।
तीसरी और चौथी रेललाइन बिछने के बाद इस मार्ग में चार लाइन हो जाएंगी। इससे पटरियों पर दबाव कमने के साथ ही ट्रेनों के संचालन में भी सुविधा होगी। इससे इस रूट पर ट्रेनों की संख्या बढ़ सकती है। उससे यात्रियों को सहूलियत होगी। इस रूट में प्रतिदिन 40-45 मालगाड़ियां चलती हैं। जिससे इस रूट पर अभी अधिक दबाव है।
रेल पटरियां बढ़ने से गाड़ियों के परिचालन में होगी सहूलियत
दो और पटरियों के बिछने से मालगाड़ियों का संचालन नई रेललाइन से करने की योजना है। अगस्त तक रेललाइन बिछाने का काम शुरू करने की दिशा में पहल की जा रही है। रेल लाइनों की संख्या बढ़ने से एक्सप्रेस, सुपरफास्ट, पैसेंजर ट्रेनों की रफ्तार बढ़ेगी।
वहीं, हावड़ा, नॉर्थ-ईस्ट के साथ अन्य जगहों के लिए भी नई ट्रेनों का प्रावधान किया जा सकेगा। तीसरी लाइन का उद्देश्य है कि इस रेल खंड से मालगाड़ियों का संचालन अलग ट्रैक से कराया जाए। जिससे रेलवे के समय में बचत होगी। अभी एक ही ट्रैक से सवारी और मालगाड़ी दोनों का संचालन कराया जाता है।
लोड ज्यादा रहने से ट्रेनों को समय पर चलाने के लिए रेलवे को ज्यादा मशक्कत करनी होती है। नए ट्रैक पर होने वाले खर्च की भरपाई के लिए भी रेलवे को पैसा निकालना है।
दरअसल, रेलवे की योजना जिस रेलखंड का दोहरीकरण हो चुका है उस रेलखंड में तीसरी लाइन की व्यवस्था कराई जाएगी। ट्रैकों का विस्तार आने वाले समय को ध्यान में रखकर किया जा रहा है। इस काम के पूरा होने से ट्रेनों की रफ्तार भी बढ़ाई जाएगी। यात्री ट्रेनों की संख्या में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। बढ़ती जरूरतों के हिसाब से रेलवे अपने ढांचे को भी उन्नत कर रहा है। रेल लाइनों की संख्या बढ़ाई जा रही है।

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