New Rail Line: भागलपुर-बड़हरवा के बीच बिछेगी तीसरी और चौथी रेल लाइन, यात्रियों-व्यापारियों को होगा लाभ
भागलपुर और बड़हरवा के बीच तीसरी और चौथी रेलवे लाइन का निर्माण कार्य जल्द ही शुरू किया जाएगा। इससे मालगाड़ियों और यात्री ट्रेनों का संचालन समय पर होगा, जिससे यात्रियों और व्यापारियों को सुविधा मिलेगी। रेलवे को प्रतिवर्ष करोड़ों का लाभ होगा, और सामानों की ढुलाई तेजी से हो सकेगी। इस परियोजना से सेमी हाई स्पीड ट्रेनों का रास्ता भी साफ हो जाएगा।

जागरण संवाददाता, भागलपुर। भागलपुर और बड़हरवा के बीच 4879.63 किलोमीटर लंबी तीसरी और चौथी रेलवे लाइन बिछाने का काम जल्द शुरू होगा। इस रेलखंड पर इन दो लाइनों को बिछाने के बाद उस पर कुल चार लाइनें हो जाएंगी। रेल लाइनों की संख्या बढ़ने से मालगाड़ियों और यात्री ट्रेनों दोनों के संचालन तय समय पर होने लगेंगे। इससे यात्रियों के साथ व्यापारियों को भी सहूलियत होगी।
इस परियोजना से रेलवे को प्रतिवर्ष करीब 550 करोड़ का वित्तीय लाभ होगा तथा 1350 करोड़ का व्यावसायिक लाभ मिलेगा।
इन रेल लाइनों के बनने से खाद्य सामग्रियां, कोयले, पत्थर के बोल्डर, गिट्टियां आदि को समय रहते गंतव्य तक पहुंचाया जा सकेगा। रेलवे की माल ढुलाई में लगने वाले अधिक समय को देखते हुए व्यापारी खाद्य सामग्रियों को कोल्ड स्टोरेज या वेयर हाउस में रखते हैं, ताकि उनका माल खराब नहीं हो। फिर समय के हिसाब से रेलवे को इन वेयर हाउस से सामान दिया जाता है।
वेयर हाउस में सामानों को रखने के लिए व्यापारियों को खर्च उठाना पड़ता है। नई रेल लाइन के बन जाने से सामान लोड करने के बाद गाड़ियों को तुरंत रवाना किया जा सकेगा। पुरानी लाइन के खाली नहीं रहने पर तीसरी और चौथी लाइन से ट्रेनों को आसानी से पास कराया जा सकेगा।
रेलवे की इस परियोजना से भागलपुर से चलाई जाने वाली सेमी हाई स्पीड ट्रेनों का रास्ता साफ हो जाएगा। पुरानी रेल लाइन की स्पीड बढ़ाने के लिए रेलवे ट्रैक किनारे फेंसिंग भी करा रही है। जिससे ट्रेनों के रास्ते में किसी तरह का अवरुद्ध पैदा नहीं हो।
रेलवे की योजना हर रेलखंड पर वंदे भारत, वंदे मेट्रो आदि ट्रेन संचालन की भी है। भागलपुर से बड़हरवा के बीच अभी तेजस एक्सप्रेस सहित दो सेमी हाई स्पीड ट्रेनों का संचालन किया जा रहा है।
रेलवे के अधिकारियों के अनुसार, 128-128 किलोमीटर (कुल 256 किलोमीटर) लंबी दो रेल लाइनों के बनने से कोसी-सीमांचल सहित उत्तर बिहार और पूर्वोत्तर राज्यों के लिए होने वाली माल ढुलाई में रेलवे का समय बचेगा। इस परियोजना से 27.50 प्रतिशत व्यावसायिक लाभ और 11.03 प्रतिशत वित्तीय लाभ का अनुमान है।
बिहार के उत्तर व दक्षिणी क्षेत्र के लिए रेलवे बड़े पैमाने में माल ढुलाई करता है। अभी दो रेल लाइनों से ही सवारी और मालगाड़ियों का संचालन किया जाता है। कई बार सवारी गाड़ियों के कारण मालगाड़ी और उसके पीछे सवारी गाड़ियों को खड़ा करना पड़ता है। दोनों हो हालतों में रेलवे को नुकसान होता है, इसलिए कि रेलवे से यात्रियों और सामान दोनों को समय पर पहुंचाने की अपेक्षा की जाती है।

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