भागलपुर-अगरपुर-कोतवाली फोरलेन सड़क परियोजना तकनीकी मंजूरी में अटकी, टेंडर रद
तकनीकी स्वीकृति नहीं मिलने के कारण भागलपुर-अगरपुर-कोतवाली फोरलेन सड़क का निर्माण अधर में लटक गया है। टेंडर रद कर दिया गया है, अब टीएस मंजूरी के बाद ही ...और पढ़ें

भागलपुर-अगरपुर-कोतवाली फोरलेन सड़क परियोजना तकनीकी मंजूरी में अटकी (प्रतीकात्मक तस्वीर)
जागरण संवाददाता, भागलपुर। तकनीकी स्वीकृति (टीएस) नहीं मिलने के कारण भागलपुर-अगरपुर कोतवाली फोरलेन सड़क का निर्माण अनिश्चितता के दौर में फंस गया है। दो माह से चल रहे टेंडर की प्रक्रिया को भी रद कर दिया गया। अब टीएस को मुख्यालय से मंजूरी मिलने के बाद ही टेंडर की प्रक्रिया अपनाई जाएगी।
ऐसे में भागलपुर से कोतवाली वाया अगरपुर फोरलेन सड़क का निर्माण जल्द शुरू होने की उम्मीदों पर ब्रेक लग गया है। लंबे समय से जिस सड़क के चौड़ीकरण को लेकर तैयारियां चल रहीं थीं वह अब अनिश्चितता के दौर में फंस गई है।
हालांकि, विभागीय अधिकारी जल्द ही सभी बाधाओं को दूर करने का दावा कर रहे हैं। दूसरी ओर, लोहिया पुल से अलीगंज के बीच प्रस्तावित फोरलेन के लिए तकनीकी स्वीकृति मिल गई है। 25 दिसंबर को निविदा की तकनीकी बिड खोली जाएगी।
इस मार्ग से बिजली पोल-तार की शिफ्टिंग के लिए प्राक्कलन भी तैयार हो गया है। जल्द ही बिजली विभाग पथ निर्माण विभाग को प्राक्कलन सौंपेगा।
बता दें कि पांच अक्टूबर को इस परियोजना का शिलान्यास किया गया था। फोरलेन के निर्माण पर करीब 101 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है। निर्माण एजेंसी को पांच सालों तक मेंटेनेंस करना है।
फोरलेन निर्माण कार्य को 24 महीनों की समयावधि में पूरा करने यानी 2027 तक पूर्ण करने की योजना बनाई गई थी। टेंडर प्रक्रिया के पेच से ढाई महीने बीतने के बाद भी यह प्रक्रिया अंतिम रूप नहीं ले पाई। कई बार टेंडर की तिथि बढ़ाई गई।
विभागीय विभागीय अभियंता का कहना है कि टीएस तैयार कर स्वीकृति के लिए भेज दिया गया है। मंजूरी मिलते ही फिर निविदा जारी की जाएगी। तकनीकी स्वीकृति उच्च स्तरीय जांच के बाद मिलती है। इसके बाद टेंडर प्रक्रिया में कम से कम तीन महीने का समय और लगेगा। ऐसे में छह-सात माह की देरी लग सकती है।

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