Bhagalpur News: त्यागपत्र का इंतजार करते रहे पार्षद, कार्यालय में बैठे रहे जिला परिषद अध्यक्ष
भागलपुर जिला परिषद अध्यक्ष पद को लेकर स्थिति स्पष्ट नहीं है। अध्यक्ष मिथुन कुमार के विधायक बनने के बाद इस्तीफे का इंतजार है। 21 पार्षदों ने वित्तीय अनियमितता की आशंका जताते हुए भुगतान रोकने की मांग की है। अनंत कुमार फिर से अध्यक्ष पद की दौड़ में हैं। पद खाली होने पर उपाध्यक्ष को प्रभार मिलेगा और 15 दिनों में चुनाव होगा।

अध्यक्ष मिथुन कुमार।
जागरण संवाददाता, भागलपुर। जिला परिषद अध्यक्ष पद को लेकर ऊहापोह की स्थिति बनी हुई है। जिला परिषद प्रशासन कोई भी निर्णय नहीं ले पा रहा है। मंगलवार को जिला परिषद अध्यक्ष मिथुन कुमार के त्यागपत्र का पार्षद इंतजार करते रहे, लेकिन वे कार्यालय में जमे रहे। कर्मियों, अधिकारियों, पार्षदों व शुभचिंतकों से चर्चा करते रहे।
अध्यक्ष मिथुन कुमार के नाथनगर विधयक बनने के बाद जल्द ही पद खाली होना है। जब तक वे त्यागपत्र नहीं देंगे, तब तक आगे की प्रक्रिया नहीं अपनाई जा सकेगी।
कहा जा रहा है कि कोई व्यक्ति जिला परिषद अध्यक्ष या विधायक किसी एक पद पर ही रह सकते हैं। तब तक अध्यक्ष पद पर रह सकते हैं, जब तक विधायक पद की शपथ नहीं ले सकते हैं। अगर ऐसा होता है तो पूर्व में हुए काम का भुगतान नहीं हो सकता है। नई योजनाओं की प्रशासनिक स्वीकृति नहीं मिल सकती है।
इधर, 21 पार्षदों ने उप विकास आयुक्त को ज्ञापन देकर योजना संबंधित भुगतान रोकने का आग्रह किया है। इसमें पूर्व जिलाध्यक्ष अनंत कुमार उर्फ टुनटुन साह शामिल थे। टुनटुन साह को 23 पार्षदों का समर्थन प्राप्त हो गया है। 21 पार्षदों ने उप विकास आयुक्त को आवेदन देकर कहा है कि मिथुन कुमार उर्फ मिथुन कुमार यादव के नाथनगर विधानसभा सदस्य पद पर निर्वाचित होने से अध्यक्ष का पद रिक्त हो गया है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार सभी वित्त योजनाओं की राशि का गलत तरीके से निकासी एवं भुगतान होने की संभावना बनी हुई है। इसलिए हम सभी जिला परिषद सदस्य आपसे अनुरोध करते हैं कि पुन: अध्यक्ष पद पर आसीन होने तक किसी प्रकार के भुगतान दपर रोक लगाई जाए। जनहीत में वित्तीय पारदर्शिता बनाए रखने और जिला परिषद की राशि का गलत भुगतान होने से राकने की कृपा की जाए।
21 पार्षदों में अधिकांश ऐसे पार्षद हैं, जिन्होंने मिथुन कुमार को अध्यक्ष बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। अनंत कुमार उर्फ टुनटुन साह फिर से जिला परिषद अध्यक्ष की दौड़ में सबसे आगे हो गए हैं। वहीं, कई और पाषर्द जिला परिषद अध्यक्ष पद को लेकर आगे आ रहे हैं। पार्षदों की कीमत तय होने लगी है। एक पार्षद ने दो लाख रुपये कीमत लगाया है। फिलहाल जिला परिषद का माहौल गर्म है।
पद खाली होने के बाद प्रभार मिलेगा उपाध्यक्ष को
जिला परिषद अध्यक्ष पद खाली होने के बाद तत्काल उपाध्यक्ष को अध्यक्ष का प्रभार दिया जाएगा। इसके बाद निर्वाचन आयोग को अध्यक्ष पद के चुनाव के लिए पत्र लिखा जाएगा। नियम के मुताबिक अध्यक्ष का पद खाली होने के 15 दिनों के अंदर चुनाव होना है। अध्यक्ष पद का प्रभार 15 दिनों से अधिक समय तक किसी को नहीं दिया जा सकता है। अभी जिला परिषद के 31 सदस्य हैं।
अध्यक्ष के त्यागपत्र के बाद अध्यक्ष का पद खाली तो होगा ही, साथ ही एक सदस्य की सीट भी खाली होगी। मिथुन कुमार नाथनगर क्षेत्र से जिला परिषद सदस्य हैं। उनका सीट खाली होने के बाद 30 सदस्य रह जाएंगे। 30 सदस्यों के द्वारा ही अध्यक्ष पद का चुनाव किया जाएगा।

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