Bhagalpur News: भागलपुर जिला परिषद अध्यक्ष मिथुन कुमार का इस्तीफा, चुनाव जीतने के बाद पद छोड़ा
भागलपुर जिला परिषद के अध्यक्ष मिथुन कुमार ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने यह त्यागपत्र जिलाधिकारी को सौंपा है, क्योंकि वे 2025 में नाथनगर विधानसभा क्षेत्र से विधायक चुने गए हैं। विरोधी गुट के पार्षदों ने उन पर अनियमितताओं का आरोप लगाते हुए योजनाओं का विवरण मांगा है और उनके कार्यकाल में हुए टेंडर की जांच की मांग की है।

भागलपुर जिला परिषद अध्यक्ष मिथुन कुमार का इस्तीफा
जागरण संवाददाता, भागलपुर। जिला परिषद (Bhagalpur Zila Parishad) की प्राथमिक सदस्यता व अध्यक्ष पद से मिथुन कुमार ने गुरुवार को त्यागपत्र दे दिया है। उन्होंने अपना त्यागपत्र जिलाधिकारी को सौंपा है। जिलाधिकारी ने आगे की कार्रवाई की जिला पंचायती राज पदाधिकारी को भेज दिया है।
सौंपे गए त्यागपत्र में कहा गया है कि भागलपुर जिला अंतर्गत जिला परिषद क्षेत्र संख्या 15-नाथनगर दक्षिण क्षेत्र का जिला परिषद सदस्य व वर्तमान जिला परिषद अध्यक्ष के रूप में निर्वाचित एवं कर्तव्यरत हूं। मैंने बिहार विधानसभा आम निर्वाचन 2025 में 158-नाथनगर विधानसभा क्षेत्र से प्रत्याशी के रूप में भाग लिया व 14 नवंबर को संपन्न मतगणना पश्चात उक्त निर्वाचन क्षेत्र से निर्वाचित हुआ।
मतगणना परिणाम उपरांत निर्वाची पदाधिकारी 158-नाथनगर विधानसभा क्षेत्र सह अपर समाहर्ता द्वारा मुझे निर्वाचन का प्रमाण पत्र दिया गया। 27 नवंबर के अपराहन में जिला परिषद सदस्य व 15-नाथनगर दक्षिण क्षेत्र व जिला परिषद अध्यक्ष के पद से पदत्याग समर्पित कर रहा हूं। मेरे त्यागपत्र को स्वीकृत करते हुए संबंधितों को सूचित करने की कृपा की जाए।
जिलाधिकारी ने आगे की कार्रवाई के लिए जिला पंचायती राज पदाधिकारी को भेज दिया है। जिला पंचायती राज पदाधिकारी मामले राज्य निर्वाचन आयोग को अवगत कराएगा। विधायक बनने के 14 दिनों बाद अध्यक्ष पद से मिथुन कुमार ने त्यागपत्र दिया है।
इधर, विरोधी गुट के 20 पार्षद उप विकास आयुक्त सह जिला परिषद के मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी से मिलकर नवनिर्वाचित विद्यायक जिला परिषद अध्यक्ष मिथुन कुमार द्वारा अबतक अध्यक्ष पद से त्यागपत्र नही देने एवं इनके अध्यक्ष के रुप में रहे कार्यकाल के दौरान विभिन्न योजनाओं का पूर्ण विवरणी उपलब्ध कराने एवं इनके द्वारा विभिन्न योजनाओं में अनियमितता बरतने के सम्बंध में ज्ञापन सौंपा है।
ज्ञापन में कहा गया है कि जिला परिषद अध्यक्ष मिथुन कुमार को विधायक का प्रमाण पत्र 14 नवंबर 2025 को ही मिल चुका है, लेकिन अबतक इन्होंने नैतिकता के आधार पर त्यागपत्र नहीं सौपा है, जिससे विकास एवं अन्य कार्य बाधित हो रहा है। जिला परिषद के अध्यक्ष के क्षेत्र में सिर्फ छह पंचायतों में ही टेंडर हुआ है। 22 नवंबर को पद का दुरुपयोग अपने जिला परिषद क्षेत्र में टेंडर कराया गया है।
वित्तीय वर्ष 2021-22 से वर्ष 2025-2026 के वित्तीय वर्ष में पंचम, षष्टम एवं 15बीं राज्य वित्त आयोग की कितनी कितनी राशि आई और किस किस मद मे किस किस क्षेत्र में खर्चा हुआ, सूद की राशि किस-किस बैंक से किस किस खाता में कितना-कितना आया और किस मद में कहां खर्च हुआ, आंतरिक संसाधन से कितनी राशि अलग-अलग मद से आया और किस क्षेत्र मे वो किस मद में खर्च हुआ, कंटीजेंसी से कितनी राशि कब-कब आई और इस राशि का किस क्षेत्र में और किस मद में खर्च हुआ, पंचम राज्य वित्त आयोग की राशि अबतक क्यूं पड़ी हुई है व इस राशि का व्यय क्यूं नहीं किया गया, कुल 31 पाषदों की अनुशंसा पर ही विकास की एवं अन्य राशि का वितरण किया जाना चाहिए, लेकिन प्रावधान एवं नियम को ताक पर रखकर अध्यक्ष द्वारा असमान राशि वितरण कर अपने क्षेत्र में बहुत अधिक राशि का कैसे टेंडर करा लिए है, नियमतः हर तीन माह में सामान्य बोर्ड बैठक होनी चाहिए, लेकिन अध्यक्ष ने अपने दो वर्ष के कार्यकाल में सिर्फ दो बार ही बैठक किया, जो अनियमितता का परिचायक है के संबंध में जानकारी मांगी है।
अध्यक्ष के द्वारा किए गए सारे टेंडर की जांच एवं योजनाओं में इनके द्वारा की गई अनियमितताओं की उच्च स्तरीय संयुक्त कमिटी के द्वारा गहन जांच कराने की मांग की गई है। उप विकास आयुक्त से मिलने वालों में पूर्व जिला परिषद अध्यक्ष अनंत कुमार, गैरव राय, धनंजय कुमार, अरुण कुमार दास, मोइन राइन, परवेज आलम सहित 20 सदस्य थे।

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