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    भागलपुर : दो दारोगा पंकज कुमार और मिथिलेश कुमार निलंबित, DIG ने कहा-महिला की हत्‍या के बाद आपकी भूमिका संदिग्‍ध थी

    By Dilip Kumar ShuklaEdited By:
    Updated: Wed, 22 Jun 2022 09:22 AM (IST)

    भागलपुर गौराचौकी में मिली महिला की सिरकटी लाश मामले में तत्कालीन दो थानाध्यक्ष निलंबित। कजरैली थानाध्यक्ष रहे पंकज कुमार और मधुसूदनपुर थानाध्यक्ष रहे ...और पढ़ें

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    भागलपुर : 19 अक्टूबर 2020 को हुआ था रूबी देवी का नूरपुर से अपहरण, बहियार से मिली थी लाश।

    जागरण संवाददाता, भागलपुर। भागलपुर जिले के कजरैली थाना क्षेत्र के गौराचौकी स्थित बेलसिरा के चौपारण बहियार में अज्ञात महिला की सिर कटी लाश की पहचान मामले में घोर लापरवाही बरतने मामले में तत्कालीन कजरैली थानाध्यक्ष पंकज कुमार और मधुसूदनपुर थानाध्यक्ष मिथिलेश कुमार को डीआइजी ने निलंबित कर दिया है। रेंज डीआइजी विवेकानंद के निर्देश पर एसएसपी बाबू राम ने दोनों पुलिस पदाधिकारियों को निलंबित कर दिया है। समीक्षा के क्रम में डीआइजी ने दोनों पुलिस पदाधिकारियों की लापरवाही इंगित करते हुए निलंबित कर दिया था। वर्तमान में पंकज कुमार मधुसूदनपुर थानाध्यक्ष के रूप में तैनात थे जबकि मिथिलेश कुमार हाल तक निलबन का दंश झेल रहे थे। कुछ दिनों पूर्व ही निलंबन मुक्त होते हए डीआइयू सेल में तैनात किये गए थे।

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    नाथनगर के नूरपुर की रहने वाली थी रूबी देवी

    नाथनगर अंचल के मधुसूदनपुर थानाक्षेत्र स्थित नूरपुर निवासी शंभू शर्मा की पत्नी रूबी देवी का अपहरण 19 अक्टूबर 2020 को कर लिया गया था। अपहरण के कुछ दिनों बाद कजरैली थाना क्षेत्र के गौराचौकी स्थित चौपारण बहियार में सिरकटी लाश बरामद की गई थी। जिसकी पहचान रूबी देवी के रूप में बाद में हुई थी। मामले में केस दर्ज करने, डीएनए जांच कराने और रूबी के स्वजनों की तरफ से साड़ी की पहचान से शव की शिनाख्त करने जैसी बातें सामने आती रही।

    दोनों थानाध्यक्ष की भूमिका पीडि़त पक्ष के थी खिलाफ

    रूबी देवी के अपहरण के बाद दस दिनों तक पति उसकी बरामदगी के लिए थाने के चक्कर लगाता रहा लेकिन तब मधुसूदनपुर थानाध्यक्ष रहे मिथिलेश कुमार ने उसकी एक नही सुनी। दस दिनों बाद शव कजरैली थानाक्षेत्र में बरामद हुई तो वहां बरामदगी बाद शिनाख्त और केस दर्ज करने को लेकर दो थानों में काफी समय तक पीडि़त पक्ष भटकता रहा था। समीक्षा के क्रम में डीआइजी ने दोनों थानाध्यक्ष रहे अवर निरीक्षकों की तब की भूमिका को गलत मानते हुए उनकी लापरवाही को इंगित किया और कार्रवाई कर दी।