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    Bhagalpur News: भागलपुर को मिला सैटेलाइट सिटी का तोहफा, शहर में बढ़ेंगे रोजगार के अवसर

    Updated: Wed, 26 Nov 2025 01:42 PM (IST)

    भागलपुर को स्मार्ट सिटी के बाद अब सैटेलाइट सिटी का तोहफा मिलने जा रहा है। इससे शहर का विकास होगा, नए आवासीय और व्यावसायिक क्षेत्र विकसित होंगे, रोजगार के अवसर बढ़ेंगे, और आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर के साथ बेहतर सुविधाएं मिलेंगी। सैटेलाइट सिटी बनने से भागलपुर के लोगों के जीवन स्तर में सुधार आएगा।

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    भागलपुर को मिला सैटेलाइट सिटी का तोहफा, शहर में बढ़ेंगे रोजगार के अवसर (फाइल फोटो)

    जागरण संवाददाता, भागलपुर। स्मार्ट सिटी के बाद सिल्क नगरी भागलपुर को अब सैटेलाइट सिटी का भी तोहफा मिल गया। सैकड़ों वर्ष पुराने शहर से इतर एक नया भागलपुर दिखेगा। सैटेलाइट सिटी संकीर्ण सड़कों के साथ-साथ जाम, पेयजल और सीवरेज जैसी समस्याओं से पूरी तरह मुक्त होगी। संभावना है कि शहर से सटे नाथनगर के दोगच्छी व जगदीशपुर क्षेत्र में इस सिटी का निर्माण हो सकता है।

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    पूरी योजना के साथ नए इलाकों को विकसित किया जाएगा, ताकि नया शहर सभी सुविधाओं से लैस हो और आने वाले कई दशकों तक इसका फायदा यहां बसने वाले लोगों को मिलता रहे यानी विकास का एक नया कॉरिडोर तैयार होगा।

    दरअसल, नई सरकार ने मंगलवार को सूबे के नौ प्रमंडल मुख्यालय समेत सोनपुर और सीतापूरम में सैटेलाइट टाउनशिप व ग्रीन फील्ड टाउनशिप विकसित करने की योजना को स्वीकृति दे दी है।

    कई वर्षों से नया शहर बसाने की हो रही चर्चा:

    मालूम हो कि वर्तमान भागलपुर शहर की बसावट और समस्याओं के जंजाल से मुक्ति पाने के लिए न्यू टाउनशिप बसाने की योजना पर कई वर्षों से चर्चा हो रही है। इसके लिए नाथनगर के दोगच्छी व जगदीशपुर क्षेत्र में पिछले एक वर्ष से जमीन की तलाश की जा रही है। जमीन लीज पर नहीं मिलने पर सरकार द्वारा जमीन खरीदने की बात भी कही जा रही थी।

    इसके लिए अभी सर्वे भी चल रहा है। गत लोकसभा चुनाव के दौरान उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने हवाई अड्डा परिसर में टाउनशिप बसाने की बात तक कह चुके थे। अब देखना है कि सरकार की योजना किस दिशा में कब तक मूर्त रूप ले लेती है और भागलपुर में आकर बसने की इच्छा रखने वालों को नया भागलपुर का भी सपना साकार होगा।

    अब क्या होगा?

    कैबिनेट से स्वीकृति मिलते ही नगर विकास एवं आवास विभाग इस संबंध में तकनीकी एक्सपर्ट से विचार-विमर्श करेगा। इसके बाद कार्ययोजना तैयार की जाएगी। पूरी योजना को अमीलजामा पहनाने के लिए मुख्य सचिव की अध्यक्षता में फिर कमेटी का गठन किया जाएगा। इसके बाद कार्ययोजना को धरातल पर उतारने का काम शुरू होगा। जहां व्यवस्थित रूप से नया आवासीय व व्यावसायिक क्षेत्र बसाया जा सके।

    जल्द ही इस योजना को लेकर संबंधित विभागों, नगर निगम, शहरी विकास अभिकरण तथा जनप्रतिनिधियों की संयुक्त बैठक बुलाई जाएगी। जिसमें संभावित स्थान, अनुमानित लागत, समय सीमा और क्रियान्वयन की रूपरेखा पर विस्तार से चर्चा होगी।

    राज्य स्तरीय कमेटी के निर्णय के बाद प्रारंभिक स्तर पर जिला प्रशासन शहर व आसपास के बाहरी हिस्सों में उपयुक्त जमीन की तलाश करेगा। मास्टर प्लान की तैयारी और बुनियादी ढांचा विकास के लिए डीपीआर (विस्तृत परियोजना रिपोर्ट) तैयार की जाएगी। इसके बाद चरणबद्ध तरीके से प्लाटिंग, सरकारी व निजी संस्थानों के लिए भूखंड चिह्नित करने, इंडस्ट्रियल व कमर्शियल जोन तय करने और आवासीय जोन को अलग रखने की प्रक्रिया शुरू होगी।

    सैटेलाइट सिटी का विकास पीपीपी (पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप) माडल पर भी किया जा सकता है। निजी निवेश आकर्षित हो सके और स्थानीय स्तर पर रोजगार के नए अवसर तैयार हों। शहर के व्यवसायियों, डेवलपर्स और आम नागरिकों से भी सुझाव मांगे जाएंगे, ताकि स्थानीय जरूरतों के हिसाब से प्लान को अंतिम रूप दिया जा सके।

    उद्देश्य

    सूबे के अधिकतर प्रमंडल मुख्यालय की बसवाट सैकड़ों वर्ष पुरानी है। इस वजह से यहां रह रहे लोग और नये बसने वालों को कई समस्याओं से प्रतिदिन रूबरू होना पड़ता है। प्रस्तावित सैटेलाइट सिटी का उद्देश्य ही मुख्य शहर पर बढ़ते बोझ को कम करना है।

    अभी स्थिति यह है कि बाजार, कार्यालय, शिक्षण संस्थान, अस्पताल से लेकर आवासीय मोहल्ले तक सब कुछ सीमित इलाके में सिमट गया है। इससे जाम, पार्किंग की समस्या, अतिक्रमण और सफाई जैसी दिक्कतें लगातार बढ़ रही हैं।

    फायदे

    नई बसाई जाने वाली सिटी में चौड़ी-चौड़ी सड़कें, पेयजल, सीवरेज, बिजली, हरित क्षेत्र, पार्क, सामुदायिक भवन, स्कूल-कॉलेज, अस्पताल, शॉपिंग कॉम्प्लेक्स और परिवहन की समुचित व्यवस्था होगी।

    यदि योजना धरातल पर समय से उतरती है तो आने वाले वर्षों में भागलपुर शहर न सिर्फ भीड़ और अव्यवस्था से काफी हद तक मुक्त होगा, बल्कि आधुनिक सुविधाओं से युक्त सुव्यवस्थित सैटेलाइट सिटी के रूप में भी सिल्क नगरी को नई पहचान मिलेगी।