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    Bhagalpur News: सहानुभूति में की शादी अब बनी संकट, महिला सिपाही ने पति को पहचानने से किया इनकार

    Updated: Fri, 19 Dec 2025 02:20 AM (IST)

    भागलपुर में एक महिला सिपाही द्वारा सहानुभूति में की गई शादी अब संकट बन गई है। महिला सिपाही ने अपने पति को पहचानने से इनकार कर दिया है, जिससे स्थिति गं ...और पढ़ें

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    सांकेतिक तस्वीर

    संवाद सहयोगी, नाथनगर। विधवा महिला सिपाही से सहानुभूति में की गई शादी अब एक युवक के लिए गंभीर संकट बन गई है। पति का आरोप है कि नौकरी में बहाली के बाद पत्नी का व्यवहार बदल गया और अब वह सार्वजनिक रूप से अपने ही पति को पहचानने से इनकार कर रही है। न्याय की गुहार लेकर युवक थाने से लेकर वरिष्ठ अधिकारियों तक भटक रहा है, लेकिन हर जगह से उसे अदालत जाने की सलाह ही मिल रही है।

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    दरअसल, आरा निवासी देव भारती गुरुवार को अपनी पत्नी से मिलने नाथनगर पहुंचे थे, लेकिन सिटीएस में प्रशिक्षणरत महिला सिपाही ने उन्हें पहचानने और मिलने से इनकार कर दिया। देव का कहना है कि उन्होंने वर्ष 2022 में रिश्तेदारी में ही विवाह किया था।

    उस समय महिला बिहार पुलिस में सिपाही थी और एक मामले में निलंबित चल रही थी। वह पहले से शादीशुदा थी और पति के निधन के बाद मानसिक व आर्थिक संकट में थी। पारिवारिक आग्रह पर उन्होंने उसका सहारा बनते हुए विवाह किया।

    देव के अनुसार शुरुआती दिनों में दांपत्य जीवन सामान्य रहा, लेकिन वर्ष 2023 में पत्नी की नौकरी में बहाली के बाद व्यवहार में बदलाव आने लगा। वह घंटों फोन पर किसी अन्य युवक से बात करने लगी। विरोध करने पर अक्सर विवाद होने लगा।

    उन्होंने बताया कि वर्ष 2024 में वे पटना में किराए के कमरे में पत्नी के साथ रहने लगे। दिन में वे काम पर जाते थे, इसी दौरान पत्नी कथित तौर पर दूसरे युवक को कमरे पर बुलाती थी। आपत्ति जताने पर झगड़े होते रहे। एक दिन पत्नी ने मारपीट कर उनका सिर फोड़ दिया और उलटे थाने में शिकायत दर्ज करा दी। इसके बाद से दोनों अलग रहने लगे और पत्नी ने उनका मोबाइल नंबर भी ब्लाक कर दिया।

    देव भारती का कहना है कि वर्तमान में उनकी पत्नी सिटीएस में प्रशिक्षण ले रही है। बुधवार को जब वे वहां पहुंचे तो पत्नी ने सार्वजनिक रूप से उन्हें पहचानने से इनकार कर दिया। सिटीएस प्रशासन से भी उन्होंने गुहार लगाई, लेकिन कोई मदद नहीं मिली। इसके बाद वे एसएसपी कार्यालय पहुंचे, जहां उन्हें मामले को आपसी विवाद बताते हुए अदालत जाने की सलाह दी गई। पटना में भी वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों से संपर्क करने पर भी यही जवाब मिला।

    देव ने बताया कि वे या तो पत्नी के साथ सम्मानजनक जीवन जीना चाहते हैं या फिर कानूनी रूप से तलाक लेकर आगे का रास्ता तय करना चाहते हैं। फिलहाल उनकी जिंदगी अधर में लटकी है। पत्नी के कारण उन्हें नौकरी छोड़नी पड़ी और वे दर-दर भटकने को मजबूर हैं।

    उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि ससुराल पक्ष उन्हें झूठे मुकदमे में फंसाने की धमकी दे रहा है। इधर, सिटीएस के प्राचार्य लाल बाबू यादव ने कहा कि उन्हें इस मामले की कोई जानकारी नहीं है और न ही कोई व्यक्ति उनसे इस संबंध में मिलने आया है।