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    क्यों छिन रही ट्रेन : किसी भी सूरत में नहीं जाने देंगे भागलपुर-रांची एक्सप्रेस, सड़क पर उतरे लोग Bhagalpur News

    By Dilip ShuklaEdited By:
    Updated: Mon, 23 Sep 2019 09:15 AM (IST)

    लोगों ने कहा कि भागलपुर रांची एक्‍सप्रेस ट्रेन हमेशा भागलपुर से हाउसफुल रहती है। ऐसे में इस ट्रेन का शिफ्ट करना समझ से परे है।

    क्यों छिन रही ट्रेन : किसी भी सूरत में नहीं जाने देंगे भागलपुर-रांची एक्सप्रेस, सड़क पर उतरे लोग Bhagalpur News

    भागलपुर [जेएनएन]। भागलपुर-रांची एक्सप्रेस सहरसा शिफ्ट करने का मामला धीरे-धीरे तूल पकड़ता जा रहा है। इस जन आंदोलन में व्यापारी वर्ग भी ताकत के साथ कूद गए हैं। व्यापारियों ने साफ कह दिया है कि किसी भी सूरत में ट्रेन को भागलपुर से नहीं जाने दिया जाएगा। यह ट्रेन भागलपुर की शान है। व्यापारियों को इससे काफी सहूलियत होती है। इसके जाने से बहुत बड़ा नुकसान होगा। व्यापारियों ने बैठक कर इस मामले में सीएम और रेल मंत्री को हस्तक्षेप करने की बात कही है।

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    चैंबर ऑफ कामर्स के अध्यक्ष अशोक भिवानीवाला ने मालदा मंडल के प्रभारी डीआरएम से भी बात की। मालदा मंडल के प्रभारी डीआरएम पीके मिश्रा ने भी पत्र लिखकर इस ट्रेन को सहरसा नहीं शिफ्ट करने की बात कही है। दरअसल, किसी ट्रेन का परिचालन रद करने या रूट बदलने के पीछे कुछ सालों का राजस्व और उपयोगिता रिपोर्ट मांगी जाती है। दोनों उपयोगिता रिपोर्ट सही नहीं होने पर ही रेल मंत्रालय कुछ निर्णय ले सकता है। यह ट्रेन हमेशा भागलपुर से हाउसफुल रहती है। ऐसे में इस ट्रेन का शिफ्ट करना समझ से परे है। सांसद अजय मंडल को इसके लिए आगे आने की जरूरत है।

    हस्ताक्षर अभियान में लोगों ने बढ़चढ़ कर लिया हिस्सा

    शहर में नागरिक सेवा समिति की ओर से खलीफाबाग चौक पर चलाया गया। इसमें लोगों ने बढ़चढ़ कर हिस्सा लिया। करीब 40 लोगों ने आवेदन पर हस्ताक्षर किए। राहुल राजीव ने कहा की भागलपुर से धीरे-धीरे यात्री सुविधाएं कम हो रही है। डॉ. जयंत जलद ने कहा कि इसके लिए पुरजोर तरीके से आंदोलन चलाया जाएगा। हस्ताक्षर अभियान में समिति के अध्यक्ष रिजवान खान ने कहा कि सभी हस्ताक्षर पीएम और रेल मंत्री को भेजा जाएगा। इस मौके पर हबीब मुर्शिद खान, दाऊद अली अजीज ने भी बातें रखीं।

    अग्रवाल सम्मेलन ने भी किया कड़ा ऐतराज

    ट्रेन को सहरसा ले जाने के मसले पर जिला अग्रवाल सम्मेलन ने भी बैठक की। इसमें रेलवे के इस फैसले का कड़ा विरोध किया गया। अध्यक्ष कुंज बिहारी झुनझुनवाला ने कहा कि मालदा मंडल का पहला सबसे ज्यादा राजस्व देने वाला स्टेशन है। रेलवे एक तरफ सुविधाएं बढ़ाने की बात करती है। वहीं, दूसरी ओर ट्रेन को छिन रही है। इसका कड़ा विरोध किया जाएगा। बैठक में संजय जैन, बनवारी लाल खेतान, लक्ष्मी नारायण डोकानिया, नवनीत सर्राफ, अशोक बंसल, सत्यनारायण पोदार, नीरज भिवानीवाला, पुनीत चौधरी, आलोक सिंघानिया, किसन भालोटिया सहित कई थे।

    राजद ने जताई आपत्ति

    युवा राजद के प्रदेश प्रवक्ता अरुण कुमार यादव ने भी तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। रेल मामले में भागलपुर की अपेक्षा पर केंद्र सरकार का कड़ा विरोध किया है। इन्होंने कहा कि रेलवे निर्णय वापस नहीं लिया तो राजद आंदोलन करेगा।

    हमारी ट्रेन को हटाना उचित नहीं है। 2002 से शहरवासियों के लगातार अनुरोध पर यह ट्रेन मिली थी। भागलपुर का अच्छा खासा व्यापार और शैक्षणिक गतिविधियां रांची से जुड़ा है। डीआरएम से बात की गई है। उन्होंने इसके लिए पत्र लिखा है। इसे हर हाल में रोकना होगा। चैंबर इसके लिए डिप्टी सीएम, सीएम और रेल मंत्री से भी मिलेगा। -अशोक भिवानी वाला, अध्यक्ष चैंबर ऑफ कॉमर्स

    यहां जनप्रतिनिधियों को कुछ करने की जरूरत है। ताकि इस ट्रेन को रोका जा सके। सभी सगठनों और जनप्रतिनिधियों को सामूहिक रूप से संघर्ष करने की आवश्यकता है। मालदा मंडल में भागलपुर सबसे ज्यादा राजस्व देने वाला स्टेशन है। इस ट्रेन को तीन दिन भागलपुर और चार दिन सहरसा कर देना चाहिए। -रमण कर्ण, नागरिक विकास समिति

    भागलपुर से चलने वाली भागलपुर रांची एक्सप्रेस ट्रेन यहां से हटाकर सहरसा से चलाने का निर्णय गलत है। भागलपुर के साथ रेलवे ने हमेशा सौतेला व्यवहार हुआ है। इस ट्रेन को हटाने से भागलपुर ही नहीं सुल्तानगंज, कहलगांव बरियापुर के लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ेगा। रेलवे इस निर्णय को वापस ले। -अभिषेक जैन, चैंबर ऑफ कॉमर्स

    भागलपुर मालदा मंडल का सबसे ज्यादा राजस्व देने वाला स्टेशन है। रेलवे के इस निर्णय का पुरजोर विरोध किया जाएगा। भागलपुर के साथ-साथ बांका जिले के लोगों को रांची जाने में परेशानी होगी। वनांचल एक्सप्रेस पहले से ही फुल रहती है। रेलवे को अविलंब फैसला लेने की जरूरत है। -संजय लाठ, इलाहाबाद बैंक

    सहरसा से रांची के लिए रेलवे दूसरी ट्रेन चलाए। भागलपुर की ट्रेन को वहां ले जाने को कोई औचित्य नहीं है। रेलवे को इस पर गंभीरता से विचार करना चाहिए। एक-एक कर रेल सुविधाएं कम हो रही है। इस निर्णय का पूरा शहर विरोध करेगा। यहां के लोगों को एकजुट होकर आंदोलन कराने की जरूरत है। -प्रशांत मिश्रा, बैंक ऑफ इंडिया

    भागलपुर से धीरे-धीरे सबकुछ छिन रहा है। पहले घोषणा के बाद मंडल कार्यालय का प्रस्ताव रद किया गया। इसके बाद यहां से ट्रेनें जा रही है। भागलपुर में स्मार्ट सिटी का काम पेपर पर हो रहा है। धरातल पर कोई काम नहीं दिखा है अब तक। जब जनप्रतिनिधि कमजोर होते हैं शायद ऐसा दुर्भाग्य भागलपुर से जुड़ा हुआ है। -अनिल कड़ेल, स्वर्ण व्यवसायी।

    मारवाड़ी युवा मंच इस फैसले का पुरजोर विरोध करता है। रेलवे ने निर्णय नहीं बदला तो युवा वर्ग इसके लिए आंदोलन करेगा। भगालपुर से सब कुछ ही छिन रहा है। नई ट्रेनें तो नहीं चली। पर, पुरानी गाडिय़ों को यहां से हटाकर दूसरे जगह ले जाना सरासर गलत और अनुचित है। रेलवे को इस पर गंभीरता से विचार करनी चाहिए। -अश्विनी जोशी मोंटी

    भागलपुर से इस ट्रेन की उपयोगिता काफी है। रेल मंत्रालय का निर्णय सरासर गलत है। सहरसा से रांची के लिए नई ट्रेन चलाए। यहां से ट्रेन को ले जाना औचित्य नहीं है। धनबाद, बोकारो और रांची के लिए अब सिर्फ वनांचल एक्सप्रेस बच जाएगी। ऐसे में रेलवे को गंभीरता से विचार करनी चाहिए। -कुंज बिहारी झुनझुनवाला, व्यवसायी