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    भागलपुर के पद्मश्री डॉ. ने 96 साल की उम्र में बना डाली नशामुक्ति की दवा, PM मोदी बोले- डॉक्टर साहब, आप तो...

    आज लोगों में नशे की लत बढ़ती जा रही है। कई लोग नशा छोड़ना चाहते हैं लेकिन उनसे छूटता ही नहीं। इसी को ध्यान में रखकर बिहार के भागलपुर जिले के पीरपैंती निवासी पद्मश्री डॉ. दिलीप कुमार सिंह ने 96 वर्ष की उम्र में नशामुक्ति की कारगर दवा तैयार की है। संयोग यह कि उनका पहला मरीज प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के गुजरात स्थित गांव वडनगर का आया है।

    By Jagran NewsEdited By: Mohit TripathiUpdated: Sun, 24 Sep 2023 05:00 AM (IST)
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    भागलपुर के डॉ. दिलीप सिंह ने 96 की उम्र में बनाई नशामुक्ति की दवा।

    मिहिर, भागलपुर: आज लोगों में नशे की लत बढ़ती जा रही है। कई लोग नशा छोड़ना चाहते हैं, लेकिन उनसे छूटता ही नहीं। इसी को ध्यान में रखकर बिहार के भागलपुर जिले के पीरपैंती निवासी पद्मश्री डॉ. दिलीप कुमार सिंह ने 96 वर्ष की उम्र में नशामुक्ति की कारगर दवा तैयार की है।

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    संयोग यह कि उनका पहला मरीज प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के गुजरात स्थित गांव वडनगर का आया है। इस दवा से अबतक वहां के आधा दर्जन लोगों को फायदा पहुंच चुका है। दवा का बिहार एवं दूसरे राज्यों के लगभग 300 से अधिक लोगों पर प्रयोग किया गया।

    प्रधानमंत्री ने भी की प्रशंसा

    पेंटेंट कार्यालय, कोलकाता में आवेदन देने के बाद उनके पेटेंट को मंजूरी मिल गई है। जल्द ही इसका प्रमाण-पत्र भी मिल जाएगा। चिकित्सक अब इसका अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पेटेंट कराने की तैयारी में जुट गए हैं। प्रधानमंत्री ने दवा की खोज को लेकर चिकित्सक की प्रशंसा भी की है।

    दो साल की मेहनत के बाद होमियोपैथ और एलोपैथ दवाओं के कंपोजीशन को मिलाकर यह मिश्रण तैयार किया गया है। इस दवा से हर तरह के नशा से तीन महीने में मुक्ति मिल सकती है।

    डॉ. दिलीप ने क्या कहा

    डॉ. दिलीप ने बताया कि नशे के कारण कई परिवार उजड़ जाते हैं। उन्होंने स्वयं ऐसे कई परिवारों को देखा है। लोग शराब, गुटखा, खैनी, अफीम, चरस समेत कई प्रकार का नशा करते हैं।

    इसी कारण उन्होंने दो वर्ष तक शोध किया। इसके बाद नशामुक्ति पाउडर बनाया। बिहार के विभिन्न इलाके के नशे के आदी लोगों को दवा दी गई। परिणाम उत्साह बढ़ाने वाले मिले।

    तीन माह भोजन में दवा मिलाकर उन्हें खिलाई गई। इससे वे नशे से दूर हो गए। पीड़ित परिवारों ने भी पत्र लिख और कई ने खुद आकर इसके प्रभाव के बारे में बताया।

    112 देश के लोगों को होगा फायदा

    डॉ. दिलीप ने बताया कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पेटेंट होने के बाद 112 देश के लोगों को दवा का फायदा मिल सकेगा। दावा किया कि यह विश्व में पहली ऐसी नशामुक्ति की दवा होगी, जिसे सभी जगहों के लोग उपयोग में लाएंगे। आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों को दवा मुफ्त में दी जाएगी।

    उन्होंने बताया कि एक कार्यक्रम में शामिल होने के बाद वे तत्कालीन राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मिलने गए थे। उन्होंने दवा व उनकी लिखी किताब के बारे में पूछा। राष्ट्रपति ने कहा कि आप की लिखी पुस्तक काफी रोचक होती है। इसी क्रम में वे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से भी मिलने गए। पीएम ने गर्मजोशी से स्वागत किया।

    PM मोदी बोले- डॉक्टर साहब, आप तो...

    डॉ. दिलीप ने उन्हें अपनी दवा के बारे में जानकारी दी। पीएम ने खुश होकर कहा कि डॉक्टर साहब, आप तो हमारे गांव तक पहुंच गए हैं। आपने जो काम किया, वह देश में किसी ने नहीं किया। गृहमंत्री के गांव में रहने वाले कई लोगों ने भी दवा की मांग की थी।

    मालूम हो कि डॉ. दिलीप ने 1980 में अपने गांव पीरपैंती में लोगों को खरीदकर पोलियो की वैक्सीन उपलब्ध कराई थी। इसी कारण उन्हें पद्मश्री भी मिला है।

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