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    भागलपुर : दियारा में नीलगाय और जंगली सूअर, नष्ट कर रहे पौधे, कृष‍ि विभाग ने कहा- मुआवजा नहीं दे पाएंगे... Sorry

    Updated: Wed, 17 Dec 2025 04:04 PM (IST)

    भागलपुर के दियारा क्षेत्र में नीलगाय और जंगली सूअर पौधों को नष्ट कर रहे हैं, जिससे किसानों को नुकसान हो रहा है। कृषि विभाग ने स्पष्ट किया है कि वे इस ...और पढ़ें

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    बिहपुर के जमालपुर बहियार में नीलगाय व जंगली सुअर का झुंड

    जागरण टीम, भागलपुर। नीलगायें इनदिनों किसानों के लिए घोघा, अजगैवीनाथ धाम व बिहपुर के दियारा इलाके में मुश्किल पैदा कर रही हैं। एक तो किसानों को प्रकृति का समुचित साथ नहीं मिल रहा, खाद में अतिरिक्त खर्च पर रहा है। दूसरी तरफ बीज के अंकुरण को ही नील गायें खा जा रही हैं। ऐसे में किसानों की समस्या बढ़ गई है। घोघा इलाके में नीलगाय के आतंक से किसान परेशान हैं। इस इलाके में नीलगाय की संख्या सैकड़ों में है।

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    मकई का अंकुरण व सब्जियों के पौधे को बड़ा होने से पहले ही खा जा रहीं

    किसानों ने खेतों में परवल, टमाटर व मक्का की बुआई की है। मक्के का अंकुरण व सब्जियों के पौधे (बीचड़े) बड़े होने के पहले ही नीलगाय चारा के रूप में चट कर जा रही हैं। नीलगाय खाने से कई गुणा ज्यादा फसलों को बर्बाद करती हैं। झुंड में जब आड़ा तिरछा दौड़ती हैं तो अपने पीछे फसलों को नष्ट करते जाती हैं। दियरा के किसान प्रमोद मंडल, हरिप्रसाद मंडल, नरेश मंडल, योगेश मंडल, राजेश मंडल, प्रशांत मंडल आदि कहते हैं कि बीते 20 वर्षों से भी ज्यादा समय से हमलोग नीलगाय से परेशान हैं। कहां से आई, कैसे आई यह किसी को ज्ञात नहीं है। बचाव के लिए कई किसानों ने तार से घेराबंदी कर बैट्री चालित झटका मशीनें भी लगाई लेकिन वह भी कारगर नहीं है।

    किसानों को नहीं मिल रहा विभाग व जनप्रतिनिधियों का अपेक्षित सहयोग


    अजगैवीनाथ धाम के मोतीचक दियारा, महेशी सहित अन्य गांव में इन दिनों नीलगायों का आतंक है। यहां नीलगायों की झुंड खेतों में लगे गेहूं, चना, तिलहन, सब्जी समेत अन्य फसलों को बर्बाद कर रही हैं। किसान रजनीकांत आनंद ने बताया कि लगातार नीलगायों की झुंड खेतों पर पहुंच रही हैं, जो गेंहू व मक्के की फसल को बर्बाद कर रही हैं। किसान रतजगा कर रहे हैं। बावजूद झुंड में आई नीलगाय कुछ न कुछ फसल को बर्बाद कर ही देती हैं। परेशानी से निजात के लिये किसान जनप्रतिनिधियों से मिले लेकिन काफी लंबी प्रकिया से गुजरने की बात कह पल्ला झाड़ रहे हैं। मोतीचक दियारा के किसान नवीन, सचिदानंद मंडल, गुलशन मंडल ने बताया कि नीलगाय एक साथ झुंड में निकलती हैं और कई एकड़ की फसल को तहस-नहस कर देती हैं। विभागीय सूत्रों के मुताबिक किसानों को इससे हुई फसल क्षति के मुआवजा का कोई प्रावधान नहीं है। हैरत है कि नीलगाय से हुई क्षति का कोई आंकड़ा भी कृषि विभाग के पास नहीं है।

    बिहपुर में जंगली सुअर भी कर रहा फसलों को तहस-नहस


    बिहपुर प्रखंड के जमालपुर व मड़वा बहियार में किसान इन दिनों नीलगाय और जंगली सूअर के आतंक से परेशान हैं। किसान सुनील सिंह, मुकेश मंडल व अरुण सनगही आदि ने बताया कि अभी खेतों में गेंहू व मकई की खेती हो रही है। इसी दौरान नीलगाय व जंगली सुअर पूरी फसल को बर्बाद कर रही हैं। किसानों ने सक्षम पदाधिकारियों से दोनों जानवरों के आतंक से निजात दिलाने की मांग की है। बताया गया कि बीते कुछ वर्षों में इन जंगली जानवरों की संख्या में जिस तेजी से वृद्धि हुई है। किसानों की मेहनत व आजीविका दोनों को संकट में डाल दिया है। इस बाबत मुखिया नीना रानी व अरुणा देवी का कहना है कि पंचायत स्तर से डीएम एवं डीएफओ को आवेदन दिया जाता है l अधिकारी द्वारा शूटर भेजकर इन जंगली पशुओं को मारने का प्रावधान है।