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    Bhagalpur News: सफाईकर्मियों ने वेतन न मिलने पर किया हंगामा, मेन गेट बंद कर अधिकारियों को बनाया बंधक

    By Jitendra Kumar Edited By: Rajesh Kumar
    Updated: Tue, 15 Jul 2025 01:22 PM (IST)

    भागलपुर में नाला सफाईकर्मियों ने वेतन न मिलने पर नगर निगम में हंगामा किया। उन्होंने अधिकारियों को बंधक बनाकर प्रदर्शन किया जिससे मतदाता पुनरीक्षण कार्य बाधित हो गया। पुलिस के हस्तक्षेप के बाद स्थिति सामान्य हुई। एजेंसी और निगम प्रशासन ने भुगतान में देरी के कारणों पर स्पष्टीकरण दिया और जल्द भुगतान का आश्वासन दिया।

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    भागलपुर में नाला सफाईकर्मियों ने वेतन न मिलने पर नगर निगम में हंगामा किया। फाइल फोटो

    जागरण संवाददाता, भागलपुर। बरसात से पहले नाला सफाई का काम करने के बावजूद ढाई माह से वेतन नहीं मिलने से नाराज गैंगकर्मियों का गुस्सा सोमवार को फूट पड़ा। उन्होंने तीन घंटे तक हंगामा किया। दोपहर करीब दो बजे उन्होंने नगर निगम का मुख्य द्वार बंद कर दिया और अधिकारियों व कर्मचारियों को बंधक बना लिया।

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    तीन घंटे तक सभी निगम परिसर में कैद रहे। किसी को भी अंदर आने-जाने की इजाजत नहीं थी। प्रदर्शनकारियों ने मतदाता विशेष सघन पुनरीक्षण कार्य को भी बाधित कर दिया और निगम प्रशासन, सफाई एजेंसी व स्वास्थ्य विभाग के खिलाफ नारेबाजी करने लगे।

    इससे अफरा-तफरी मच गई। मतदाता फार्म व अन्य दस्तावेज सुरक्षित करने के लिए कर्मचारी इधर-उधर भागते रहे। निगम कर्मचारियों ने उन्हें समझाने का प्रयास किया लेकिन वे किसी की बात सुनने को तैयार नहीं थे।

    स्थिति नियंत्रण से बाहर होते देख उपनगर आयुक्त ने स्थानीय पुलिस को सूचना दी। जिसके बाद पुलिस व सैप के जवान वहां पहुंचे। एक-दो कर्मचारियों को पकड़कर उनकी ही भाषा में समझाया गया। इसके बाद अन्य प्रदर्शनकारी शांत हुए। 

    18 अप्रैल से काम कर रहे मजदूर

    मानसून से पहले शहरी क्षेत्र में नालों की सफाई के लिए विशेष अभियान चलाया गया था। इसके तहत वार्ड 14 से 51 के बीच 55-55 मजदूरों से नालों की सफाई के लिए साइन और सीबीएस एजेंसी को मंजूरी दी गई थी। 18 अप्रैल से सफाई का काम शुरू हुआ। निगम ने खुद वार्ड 1 से 13 तक सफाई का काम करवाया। तत्कालीन नगर आयुक्त के तबादले और नए नगर आयुक्त के अवकाश पर होने के कारण भुगतान लंबित हो गया।

    किसने क्या कहा?

    सीबीएस निदेशक केशव ने बताया कि अप्रैल से जून तक नालों की सफाई का काम हुआ। मई तक काम करने के बाद जुलाई के पहले सप्ताह में निगम को करीब 17 लाख रुपये की मांग का पत्र सौंपा गया। एजेंसी का करीब साढ़े तीन महीने का भुगतान लंबित है।

    इतना ही नहीं, निगम प्रशासन ने भुगतान से चार प्रतिशत की कटौती भी कर ली। उन्होंने कहा कि एजेंसी के खाते में राशि ट्रांसफर होते ही मजदूरों का तुरंत भुगतान कर दिया जाएगा। हालांकि, उन्होंने कुछ समस्याओं का भी जिक्र किया। बताया कि कई कर्मचारियों के बैंक खाता नंबर अभी तक उपलब्ध नहीं कराए गए हैं।

    नियमानुसार, केवल 10 प्रतिशत राशि ही नकद दी जा सकती है। ऐसे में जिन कर्मचारियों के पास बैंक खाता नंबर होगा, उन्हें भुगतान किया जाएगा।

    गैंग कर्मचारियों का मानदेय बैंक में भेज दिया गया है। शुक्रवार से शनिवार तक सफाई एजेंसी के माध्यम से कर्मचारियों के खाते में राशि ट्रांसफर कर दी जाएगी।

    - विनय प्रसाद यादव, जनसंपर्क अधिकारी, नगर निगम

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