बाबूजी धीरे चलना, इस रास्ते में जरा संभलना... बड़े रोड़े हैं इस राह में; भागलपुर का श्मशान घाट तलाश रहा मुक्ति मार्ग
Bhagalpur News भागलपुर शहर के बरारी इलाके में विक्रमशिला सेतु अंडरपास से श्मशान घाट के रास्ते में दो-चार पहिया वाहन से जाना है तो संभल कर चलिए और जान का जोखिम उठाइए। आप दो पहिया वाहन से गिरकर चोटिल हो सकते हैं। चार पहिया व भारी वाहन का चक्का पाइपलाइन के लिए खोदे गए गड्ढे में फंस सकता है।

जागरण संवाददाता, भागलपुर। Bhagalpur News बरारी के विक्रमशिला सेतु अंडरपास से श्मशान घाट मार्ग में गुजरना है तो संभल कर चलिए। आप दो पहिया वाहन के साथ गिरकर चोटिल हो सकते हैं। चार पहिया व भारी वाहन का चक्का पाइपलाइन के लिए खोदे गए गड्ढ़े में फंस जाएगा। क्योंकि शहर में अनियोजित विकास कार्य हो रहा है। मानकों को दरकिनार कर बुडको आंख मूंद कर बैठी है। कार्य स्थल पर निगरानी तक नहीं करते हैं, जिसका खामियाजा राहगीरों को भुगतना पड़ रहा है।
पाइप बिछाने का कार्य वीए टेक कंपनी द्वारा कराया जा रहा है। इस कार्य को भी कंपनी ने ठेके पर दे रखा है। सोमवार को यहां पाइपलाइन का कार्य करने वाले ठिकेदार से सड़क को मोटरेबल करने को लेकर पूछा तो मनमानी पर उतर आए। इतना ही नहीं जब उन्हें कहा गया कि वीए टेक के प्रोजेक्ट डायरेक्टर शशि मोहन से इसकी शिकायत की जाएगी। इसपर ठिकेदार के लोगों ने कहा कि हम जानते कौन है शशि मोहन। कहीं शिकायत कर दीजिए उससे कोई फर्क नहीं पड़ता।
दरअसल, सोमवार को एक पिकअप वाहन पाइपलाइन के गड्ढे में फंस गई। जिससे काफी देर तक जाम लगा रहा। कुछ देर बाद जेसीबी मंगवाई गई। पीछे से पिकअप वाहन को धक्का देकर बाहर निकाला गया। बुडको की जलापूर्ति योजना के तहत जहां भी पाइप बिछाया जाना है। वहां सड़क को चलने योग्य बनाया जाना है।गड्ढे में पाइप डालने के उपरांत गिट्टी व बालू मिश्रित जेएसबी डालना होता है। लेकिन ठेकेदार ने पैसे बचाने व कमाई के लालच में मिट्टी से गड्ढे को भर दिया। इससे वर्षा के उपरांत मार्ग में आवागमन की समस्या बन गई है।
अभी मिट्टी का गुवार हवा में घुलकर वायु प्रदूषण को बढ़ा रहा है। इसकी चिंता किसी काे नहीं है। जबकि पास में प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड का जोनल कार्यालय बियाडा परिसर में हैं। इनकी भी नजर नहीं जा रही है। मानक के अनुरूप जेसीबी नहीं करने से यह समस्या हुई है। इस मामले में शशि मोहन ने कहा कि संबंधित ठेकेदार से जवाब मांगा जाएगा। उसे हर हाल में मिट्टी हटाकर जेएसबी करना होगा।
बिना निबंधन दौड़ रहा नगर निगम का कचरा वाहन
नगर निगम का ई-रिक्शा शहर के मोहल्ले कचरा उठाव के लिए दौड़ रही है।वो भी बिना परिवहन विभाग से निबंधन कराए बिना ही चलाया जा रहा है। न तो इसका चलाना कट रहा है और न ही परिवहन विभाग निगम पर जुर्माना लगा रहा है। निगम प्रशासन की गाड़ी है तो सब छूट है। दरअसल नगर निगम ने चार वर्ष पहले प्रत्येक वार्ड दो-दो ई-रिक्शा से कचरा उठाव के लिए खरीदारी की थी। जिसमें से कई ई-रिक्शा का उपयोग नहीं हो रहा है। जिसका उपयोग हो रहा है उस गाड़ी में नंबर प्लेट तक नहीं है।
इस मामले को पार्षद संजय सिन्हा द्वारा मंगलवार को नगर निगम में आयोजित सशक्त स्थायी समिति में पूरजोर तरीके से रखेंगे। अपने प्रस्ताव में भी इस मुद्दे को शामिल किया है। संजय सिन्हा ने कहा कि जैम पोर्टल से खरीदी गई ई-रिक्शा यानी टोटो का पंजीकरण किस परिस्थिति में नहीं कराया गया। क्या यह नियम का उल्लंघन नहीं है। यदि टोटो चोरी होने के उपरांत थाने में प्राथमिकी दर्ज कराना होगा तो कैसे होगा। बिना निबंधन के प्राथमिकी तक दर्ज नहीं होगी।
यही घटना वार्ड संख्या 46 में घटित हुई है। जिसका संज्ञान नगर निगम ने अभी तक नहीं लिया है। इससे जनता के पैसे का दुरुपयोग हो रहा है। इस गंभीर मामले पर निगम प्रशासन को विचार करना होगा। एक टोटो के निबंधन अनुमानित 25 हजार रुपये तक खर्च आएगा। उक्त राशि आपूर्ति करने वाली कंपनी को करना था। लेकिन किस परिस्थिति में वाहन की खरीदारी के क्रम में इसका ख्याल नहीं रखा गया है। इसमें दोषी कर्मी की पहचान कर कार्रवाई होनी चाहिए।
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