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    Bhagalpur News: सैंडिस में मिलेगा देश के 28 राज्यों का व्यंजन, तालाब में नौकायन की सुविधा

    Updated: Thu, 25 Sep 2025 03:20 PM (IST)

    भागलपुर के सैंडिस कंपाउंड में अब 28 राज्यों के व्यंजनों का स्वाद मिलेगा। यहाँ तालाब का सौंदर्यीकरण होगा और नौकायन की सुविधा भी उपलब्ध होगी। सुबह 8 बजे से शाम 4 बजे तक प्रवेश शुल्क लगेगा लेकिन टहलने वालों और खिलाड़ियों को छूट मिलेगी। परिसर में सफाई और सुरक्षा के लिए 250 कैमरे भी लगाए जा रहे हैं।

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    सैंडिस में मिलेगा देश के 28 राज्यों का व्यंजन, तालाब में नौकायन की सुविधा

    जागरण संवाददाता, भागलपुर। शहर का सैंडिस कंपाउंड परिसर की बदहाल व्यवस्था अब धीरे-धीरे पटरी पर लौटने लगी है। बंगलुरू के 56 भोग स्टॉल के मॉडल पर सैंडिस कंपाउंड में भी शहरवासियों को सुविधा मिलेगी। लेकिन, यहां का थीम थोड़ा अलग होगा। जिसमें देश के 28 राज्यों के अलग-अलग व्यंजन का स्वाद ले सकेंगे।

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    एक ही परिसर में पूरे देशभर के खानपान का स्वाद लेने का शहरवासी को अवसर मिलेगा। बिहार का लिट्टी-चोखा, पंजाब का मक्की दी रोटी, गुजरात का ढोकला, महाराष्ट्र का बड़ा पाव व राजस्थान का दाल बाटी चूरमा व दक्षिण भारत के व्यंजन का स्वाद चख सकेंगे। जयप्रकाश उद्यान के नेहरू स्मारक के आसपास सन्नाटा पसरा रहता है। यहां 28 राज्यों का स्टॉल होगा। इसका मॉडल अस्थायी होगा।

    दरअसल, गत सप्ताह प्रमंडलीय आयुक्त ने समीक्षा बैठक में सुझाव दिए थे। जिसके बाद नगर आयुक्त शुभम कुमार ने एजेंसी को कार्ययोजना तैयार करने को कहा है। आउट सोसिंग एजेंसी सेन एंड पंडित ने इस दिशा में कार्य शुरू कर दिया है।

    नगर आयुक्त शुभम कुमार बताते है कि शहरवासी की सुविधा के लिए इंडोर हाल के पास तालाब के सुंदरीकरण को लेकर अमृत मिशन 2.0 से निविदा की गई। इस कार्य के लिए संवेदक का चयन कर लिया गया है। जल्द ही यहां कार्य शुरू होगा। इसके साथ नेहरू स्मारक के पश्चिमी दिशा में बड़े तालाब का सुंदरीकरण किया जाएगा। यहां पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए इको-फ्रेंडली माहौल में नौकायन की व्यवस्था होगी। सैंडिस कंपाउंड में बेहतर माहौल देने का प्रयास है।

    पार्क के रखरखाव को जरुरी प्रवेश शुल्क

    सुबह आठ बजे से शाम चार तक प्रवेश शुल्क लग रहा है। साथ ही शहरवासी के हित में सुबह व शाम टहलने वाले लोगों के साथ खिलाड़ियों को प्रवेश शुल्क से मुक्त रखा गया है। इससे जहां राजस्व में वृद्धि होगी और सैंडिस कंपाउंड निखरेगा। बिजली पर वार्षिक खपत की भरपाई हो सकेगी।

    सैंडिस के रखरखाव में मदद मिलेगी। लोगों का मानना है कि इस अवधि में बच्चे स्कूल जाते और आमजन अपने रोजमर्रा में व्यस्त रहते हैं। प्रवेश शुल्क से कोई व्यवधान नहीं हुआ है। बल्कि नशेड़ियों पर लगाम लगेगा।

    सैंडिस परिसर में बिखरी थी गंदगी, अब हुआ चकाचक

    10 माह से रखरखाव नहीं होने से परिसर जंगल व झाड़ के साथ कूड़ा व कचरे से पट गया था। परिसर में असमाजिक तत्वों के साथ नशेड़ियों ने अपना ठिकाना भी बना रखा था। नतीजा, सैंडिस परिसर से ग्रील, एसी और शौचालय में लगे संसाधनों की चोरी हो गई। लाइट, लोहे के गार्डर आदि तक खोल लिया गया। कई बार चोर को पकड़ा गया। छेड़खानी की घटनाएं हो रही थी, लेकिन अब रखरखाव की व्यवस्था के लिए एजेंसी को तीन वर्ष के लिए कमान संभाल लिया है।

    एजेंसी के प्रोजेक्ट मैनेजर विश्वजीत सिंह ने कहार कि 15 दिनों के सफाई अभियान में झाड़ियों व गंदगी की सफाई बाद सूरत बदल गई।शहरवासी को साफ सुथरा वाक-वे मिल रहा है। खराब लाइट दुरुस्त की गई। 90 में से 20 सुरक्षा गार्ड तैनात होने से परिसर की निगरानी है। स्मैक सेवन करने वालों पर लगाम लगा है। सुरक्षा का माहौल उपलब्ध कराने को 250 कैमरे भी लगाए जा रहे हैं।

    कहते हैं प्रबुद्धजन, सुविधा के लिए सहयोग जरूरी

    पटना के इको पार्क, एसके पुरी पार्क व व जू में प्रवेश शुल्क व पास की व्यवस्था है। सुविधा के अनुरूप शुल्क लगना चाहिए। क्योंकि सुबह 10 बजे के बाद लवर्स पार्क बन जाता है। शाम चार बजे के बाद प्रवेश शुल्क नहीं लेने का स्वागत करते है। लेकिन सुबह आठ बजे केे समय को बढ़ाकर नौ बजे तक करना चाहिए। कुछ लोग विलंब से पार्क में जाते हैं। हम भी 10 रुपये शुल्क देकर टहलने जा रहे हैं। इस चार्ज से कोई दिक्कत नहीं है। पार्क के रखरखाव के लिए चार्ज जरूरी है। - दीपक राकेश, जाेनल मैनेजर बैंक आफ इंडिया, भागलपुर

    शहर का एक मात्र पार्क जहां सैंडकों की संख्या में लोग स्वास्थ्य लाभ के लिए पहुंचते है। गत दिनों रखरखाव नहीं होने गंदगी पसरी रहती थी। शौचालय तक गंदा रहता था। एजेंसी के आने से व्यवस्था में सुधार हो रहा है। अधिकांश लोग सुबह व शाम में ही जुटते हैं। शाम चार बजे के बाद निशुल्क प्रवेश का स्वागत करते हैं। नगर आयुक्त ने शहरवासी के हित में निर्णय लिया। रखरखाव के लिए प्रवेश शुल्क लेना ही चाहिए। साथ नियमित अभ्यास वालों को मासिक पास जारी करना चाहिए। - डॉ. शांतनु कुमार घोष, चिकित्सक