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    Bihar Teacher News: शिक्षकों को मिलने वाली है एक और जिम्मेदारी, बच्चों को मिलेगा इसका फायदा

    Updated: Fri, 01 Aug 2025 01:48 PM (IST)

    भागलपुर में सड़क दुर्घटनाओं में स्कूली बच्चों की बढ़ती संख्या को देखते हुए शिक्षा विभाग ने जागरूकता अभियान चलाने का निर्णय लिया है। प्रत्येक स्कूल में एक नोडल शिक्षक नामित होंगे जो छात्रों को सड़क सुरक्षा के बारे में जानकारी देंगे। शिक्षकों को ई-लर्निंग मॉड्यूल के माध्यम से प्रशिक्षित किया जाएगा। निजी स्कूलों में परिवहन व्यवस्था को सुरक्षित बनाने पर विशेष ध्यान दिया जाएगा।

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    शिक्षक बनेंगे सड़क सुरक्षा सिपाही, बच्चों को मिलेगा सुरक्षा कवच

    जागरण संवाददाता, भागलपुर। प्रत्येक वर्ष सड़क दुर्घटना में सैकड़ों नौनिहाल (बच्चे) की असमय मौत हो जाती है। मोर्थ (सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय) के अनुसार सड़क हादसों में मरने वाले कुल लोगों में 10 प्रतिशत स्कूली बच्चों की संख्या होने की बात सामने आई है। इसको लेकर शिक्षा विभाग पूरी तरह से अलर्ट मोड में आ गया है।

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    एससीईआरटी द्वारा अब राज्य भर के सरकारी और निजी स्कूल में स्कूली बच्चों की सुरक्षा को लेकर सड़क सुरक्षा जागरूकता और प्रशिक्षण अभियान चलाया जाएगा। प्रत्येक स्कूल में एक नोडल शिक्षक नामित कर उन्हें प्रशिक्षण दिया जाएगा। नोडल शिक्षक विद्यालय के छात्रों को चेतना सत्र के बाद सड़क दुर्घटना से बचाव को लेकर टिप्स देंगे।

    इस दौरान सड़क सुरक्षा गीत, सड़क सुरक्षा को लेकर लघु फिल्म के माध्यम से बचाव के उपाय बताए जाएंगे। इसके अलावा स्कूल के पास सेफ जोन भी बनाया जाएगा। इसको लेकर परिवहन विभाग के अपर मुख्य सचिव ने सभी जिला पदाधिकारी और जिला शिक्षा पदाधिकारी को निर्देश दिया है।

    खासकर निजी स्कूलों में बच्चों को स्कूल लाने-ले जाने वाले वाहनों में अक्सर ओवरलोडिंग, सीट बेल्ट का अभाव, असुरक्षित ड्राइवर और नियमों की अनदेखी देखने को मिलती है। ऐसे में यह अभियान भागलपुर में भी स्कूली परिवहन व्यवस्था को सुरक्षित और जिम्मेदार बनाने की दिशा में अहम कदम साबित हो सकता है।

    ई-लर्निंग मॉड्यूल के जरिए प्रशिक्षण मिलेगा:

    इस अभियान के तहत शिक्षकों को केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय और स्कूल शिक्षा एवं साक्षरता विभाग द्वारा तैयार किए गए ई-लर्निंग मॉड्यूल के जरिए प्रशिक्षण मिलेगा। इसमें विशेष तौर पर स्कूली बच्चों के लिए सड़क सुरक्षा नियम, वाहन चालन के दौरान सावधानियां, बच्चों को बस में चढ़ाने और उतारने की प्रक्रिया और किसी भी आकस्मिक स्थिति में त्वरित प्राथमिक उपचार की जानकारी दी जाएगी।

    खास बात यह है कि इसमें आई आरटीई (इंस्टीट्यूट ऑफ रोड ट्रैफिक एजुकेशन) की तकनीकी मदद ली जा रही है।

    दो प्रमुख पाठ्यक्रम

    आईआरटीई एपसी: 32 और एपसी-063 के अंतर्गत शिक्षकों को सुरक्षा, स्वास्थ्य और ट्रैफिक नियमों की विस्तृत जानकारी दी जाएगी।

    बीते कुछ सालों में स्कूली बच्चों की सड़क दुर्घटना की लिस्ट

    • 28 अप्रैल को नाथनगर प्रखंड के रसीदपुर दियारा में ट्रैक्टर पलटने से एक बच्चे की मौत हो गई थी जबकि आधा दर्जन बच्चे घायल हो गए थे।
    • 11 जुलाई को स्कूल से घर लौटते समय तेज रफ्तार की बाइक ने पांच साल की बच्ची बेबी कुमारी को कुचल दिया था। इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई थी। बच्ची कक्षा एक में पढ़ती थी।
    • दिसंबर 2024 में स्कूल से लौट रहे छठी क्लास में पढ़ने वाले दो बच्चों की मौत सड़क दुर्घटना में लोदीपुर बाईपास के समीप हो गई थी। मृतक की पहचान 12 वर्षीय रक्षित वर्मा और बबलू कुमार के रूप में हुई थी।
    • 2022 में तिलकामांझी थाना क्षेत्र के हवाई अड्डे के समीप स्कूली वैन में ट्रक ने धक्का मार दिया था। जिसमें माउंट असीसि के तीन बच्चे जख्मी हो गए थे।
    • 2 7 जुलाई 2022 को रंगरा थाना अंतर्गत मदरौनी चौक के समीप मैजिक और ट्रैक्टर में टक्कर होने से मैजिक पर सवार 10 स्कूली बच्चे गंभीर रूप से घायल हो गए थे।