Bihar Bhumi: जमीन मालिकों के लिए राहत, सरकार ने दूर कर दी 4 सबसे बड़ी टेंशन; 3 चरणों में चलेगा कैंपेन
बिहार में भूमि संबंधी कार्यों को सरल बनाने के लिए राजस्व महा-अभियान शुरू किया गया है। इस अभियान के तहत टीम रैयतों के घर जाकर दस्तावेज प्राप्त करेगी और त्रुटियों का निवारण करेगी। इसका उद्देश्य लोगों को सरकारी कार्यालयों के चक्कर से मुक्ति दिलाना और राजस्व सेवाओं को उनकी दहलीज तक पहुंचाना है। अभियान तीन चरणों में पूरा किया जाएगा।

संवाद सहयोगी, भागलपुर। बिहार में भूमि संबंधी कार्यों को सरल और पारदर्शी बनाने के उद्देश्य से राजस्व महा-अभियान की शुरुआत हो चुकी है। इसी क्रम में भागलपुर जिले के अभियान प्रभारी पटना से आए वरिष्ठ अधिकारी आशुतोष कुमार ने शुक्रवार को सबौर अंचल में कर्मचारियों को अभियान की रूपरेखा से अवगत कराया। इस अवसर पर सीओ सौरव कुमार ने कार्य के दौरान आने वाली कठिनाइयों को रखा, जिस पर जिला प्रभारी ने समाधान भी सुझाया।
जिला प्रभारी ने कर्मचारियों से कहा कि सरकार को आप पर पूर्ण भरोसा है और आपके परिश्रम के परिणाम ही जनता तक जाएंगे। छोटी-छोटी त्रुटियों के निवारण के लिए लोग अंचल कार्यालय से लेकर पटना मुख्यालय तक चक्कर काटते हैं, इसे खत्म करने के लिए यह विशेष महा-अभियान चलाया जा रहा है।
अभियान के जिला प्रभारी ने स्पष्ट किया कि इस अभियान की सफलता कर्मचारियों के समर्पण और तत्परता पर निर्भर है। उन्होंने अपील की कि सभी संबंधित अधिकारी और कर्मचारी इस कार्य को मिशन मोड में पूरा करें, ताकि हर रैयत को समय पर और सही दस्तावेज उपलब्ध हो सकें।
अभियान का उद्देश्य और दायरा
अभियान के तहत टीम सीधे रैयतों के घर पहुंचेगी, आवश्यक फार्मेट उपलब्ध कराएगी और संबंधित दस्तावेज मौके पर ही प्राप्त करेगी। इस पहल का मुख्य उद्देश्य लोगों को सरकारी कार्यालयों के चक्कर से मुक्ति दिलाना और राजस्व सेवाओं को लोगों की दहलीज तक पहुंचाना है।
तय कार्यक्रम के अनुसार, टीम हर गांव और शहर के मोहल्लों में जाएगी, सवालों का समाधान करेगी और अभिलेखों की सत्यापन प्रक्रिया पूरी करेगी।
जमीन मालिक इन बातों का ध्यान रखें
टीम के आगमन पर भूमि मालिक अपने पहचान पत्र, पुराने कागजात, खाता-खेसरा संख्या और अन्य आवश्यक अभिलेख तैयार रखें, ताकि मौके पर सत्यापन और दस्तावेजी प्रक्रिया सुगमता से पूरी हो सके।
4 प्रमुख समस्याओं का होगा समाधान
- छुट्टी हुई जमाबंदी का निपटारा।
- ऑनलाइन जमाबंदी में खाता, खेसरा, रकबा या रैयत के नाम में हुई त्रुटियों का सुधार।
- मृत रैयत के नाम हटाकर वंशजों का नाम दर्ज करना।
- बंटवारे के अनुसार नई जमाबंदी तैयार करना।
अभियान के लाभ
- कार्यालयों में भीड़ और समय की बचत।
- दस्तावेज उपलब्ध कराने में पारदर्शिता।
- ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में राजस्व सेवाओं की आसान पहुंच।
- शिकायतों और विसंगतियों का त्वरित निपटारा।
तीन चरणों में होगा क्रियान्वयन
- पहला चरण (16 अगस्त तक): अंचलाधिकारी माइक्रो प्लान तैयार करेंगे।
- दूसरा चरण (16 अगस्त–20 सितंबर): टीम घर-घर जाकर आवेदन और दस्तावेज एकत्र करेगी।
- तीसरा चरण (30 अक्टूबर तक): प्राप्त आवेदनों का निपटारा और अंतिम रिपोर्ट तैयार की जाएगी।
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