Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Bihar New Rail Line: नई रेल लाइन से होगा भागलपुर का विकास, किसानों और पर्यटकों को मिलेगी सुविधा

    भागलपुर में गोड्डा-पीरपैंती रेल लाइन और विक्रमशिला-कटरिया पुल बनने से विकास होगा। उद्योग पर्यटन और रोजगार को बढ़ावा मिलेगा। किसानों को अपने उत्पाद बाजार में बेचने में आसानी होगी। विक्रमशिला विश्वविद्यालय और गंगा पार के श्रद्धालुओं को सुविधा मिलेगी। कटिहार और पूर्णिया से सीधा जुड़ाव होगा और मालगाड़ियों का दबाव कम होगा। सबौर के पास वाई-लेग सेक्शन बनेगा जिससे कार्बन उत्सर्जन कम होगा।

    By Alok Kumar Mishra Edited By: Rajat Mourya Updated: Tue, 26 Aug 2025 08:58 PM (IST)
    Hero Image
    गोड्डा-पीरपैंती लाइन बिछने व विक्रमशिला-कटरिया न्यू डबल लाइन रेल पुल निर्माण से क्षेत्र के चहुमुखी विकास का खुलेगा द्वार

    जागरण संवाददाता, भागलपुर। गोड्डा-पीरपैंती नई रेल लाइन बिछने और भागलपुर के पास गंगा पर 26.23 किलोमीटर लंबी विक्रमशिला-कटरिया न्यू डबल लाइन रेल पुल के बनने से कनेक्टिविटी बढ़ने के साथ आसपास के चहुमुखी विकास का द्वार खुलेगा। उद्योग और पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    रोजगार के साधन भी बढ़ने के साथ ही क्षेत्र में आर्थिक उन्नति आएगी। छोटे-छोटे उद्योग लगाने और उसके उत्पाद को लाने ले जाने की सुविधाएं भी बढ़ेंगी। किसान भी अपने उत्पाद को बाजार में सही समय पर भेज सकेंगे। बड़े बाजारों में अपनी फसलों या अन्य नकदी उत्पादों की बेहतर कीमत मिलेगी।

    विक्रमशिला-कटरिया न्यू डबल लाइन रेल पुल के बनने से प्राचीन विक्रमशिला विश्वविद्यालय के उत्खनन स्थल के लगभग डेढ़ किलोमीटर की दूरी पर भवानीपुर स्टेशन होगा। जिससे पर्यटकों को भग्नावशेषों तक पहुंचने में आसानी होगी। प्रसिद्ध बटेश्वर स्थान में सावन माह में गंगा पार के श्रद्धालुओं को आने जाने की सुविधा काफी सुलभ हो जाएगी।

    वर्तमान रेलवे लाइन पर स्थित विक्रमशिला स्टेशन उत्खनन स्थल से लगभग पांच किलोमीटर की दूरी पर है। सुविधाओं का भी अभाव है। पांच किलोमीटर की दूरी ग्रामीण सड़क पर तय करनी होती है।

    केंद्रीय विक्रमशिला विश्वविद्यालय की स्थापना इसी इलाके में होनी है। इसके लिए भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया भी शुरू हो गई है। विद्यार्थियों को चौतरफा रेल सुविधा उपलब्ध होगी। इस इलाके का एक बड़ा दियारा क्षेत्र कटिहार के मनिहारी ब्लाक में पड़ता है। जबकि किसान भागलपुर जिले में निवास करते हैं। ऐसे में उन्हें प्रखंड मुख्यालय आने जाने में सुविधा होगी।

    लूप लाइन को कटिहार लाइन से सीधा जुड़ा होगा। इसके साथ ही गोड्डा-पीरपैंती रेल लाइन के बिछने से झारखंड के बड़े इलाके से भी यह लाइन जुड़ेगी। इस रेल पुल के दोनों तरफ वन वे मोटरसाइकिल परिचालन की व्यवस्था हो, तो यह इलाके के लिए वरदान से कम नहीं होगा।

    कटिहार पूर्णिया जैसे शहर का सीधा जुड़ाव हो जाएगा। एनटीपीसी से उत्सर्जित फ्लाई ऐश ,झारखंड के पत्थर व्यवसाय, ललमटिया से निकलने वाले कोयले के ट्रांसपोर्टेशन को नया मार्ग मिलेगा। वर्तमान में जो भी गंगा पार करने के विकल्प हैं इस रेल पुल से दूरी काफी कम हो जायेगी।

    साहिबगंज-भागलपुर-जमालपुर रेलखंड में मालगाड़ियों का कम होगा दवाब:

    गोड्डा-पीरपैंती रेल लाइन बिछने और विक्रमशिला-कटरिया न्यू डबल लाइन रेल पुल बनने से बाढ़ आदि परिस्थितियों में ट्रेनों के संचालन के लिए वैकल्पिक मार्ग मिलने से ट्रेनों को रद करने की जरूरत नहीं पड़ेगी। नियमित और समय पर ट्रेनों का संचालन संभव हो पाएगा। इससे यात्रियों को ट्रेनों सुविधा मिलेगी।

    साहिबगंज-भागलपुर-जमालपुर रेलखंड में मालगाड़ियों का 50 प्रतिशत तक दवाब कम होगा। नॉर्थ-ईस्ट जाने वाली मालगाड़ी भी भागलपुर से मुंगेर किऊल होकर चल रही है। विक्रमशिला-कटारिया रेल लाइन पुल के बनने के बाद नॉर्थ-ईस्ट के लिए एक और रास्ता मिल जाएगा। भागलपुर जिले के लोगों को नई ट्रेनें मिलेंगी।

    सबौर के पास बनेगा वाई-लेग सेक्शन:

    कटरिया को मालदा मंडल में भागलपुर विक्रमशिला से जोड़ा जाएगा। इसी के साथ एक वाई-लेग सेक्शन सबौर के पास बनना है। इससे 95 करोड़ किलोग्राम कार्बन का कम उत्सर्जन होगा।

    पूर्व रेलवे के सीपीआरओ ने बताया कि गोड्डा-पीरपैंती नई रेल लाइन के लिए भू-अर्जन की कार्रवाई चल रही है। जल्द ही रेल लाइन बिछाने का कार्य शुरू होगा। मध्य पूर्व रेलवे के सीपीआरओ सरस्वती चंद्रा ने कहा कि जल्द ही न्यू डबल लाइन रेल पुल के निर्माण शुरू होगा। भू-अर्जन की प्रक्रिया चल रही है।

    विक्रमशिला-कटारिया डबल लाइन रेल पुल बनने और गोड्डा-पीरपैंती रेल लाइन के बनने से एडिशनल रूट मिलेगा। इससे कनेक्टिविटी बढ़ने के साथ क्षेत्रीय विकास को बढ़ावा मिलेगा। इससे क्षेत्र के लोगों की आर्थिक उन्नति भी होगी। - शिव प्रसाद कुमार, मालदा एडीआरएम