Bhagalpur News: नेपाल, बंगाल, असम से पहुंचे हजारों कांवरिया... सुल्तानगंज से पैदल चल पड़े बाबाधाम Shravani Mela 2025
Bhagalpur News नेपाल बंगाल और असम से श्रावणी मेला 2025 के सहभागी सुल्तानगंज की उत्तरवाहिनी गंगा से गंगाजल भरने आए हजारों कांवरिया व्यवस्था की परवाह किए बिना पैदल ही बाबाधाम चल पड़े हैं। हजारों कांवरिया ने कहा कि अभी न तो शौचालय और न ही पानी की व्यवस्था पर्याप्त है। वर्ष दर वर्ष से कांवर यात्रा की ये परंपरा जारी है।

संवाद सूत्र, अजगैवीनाथ धाम। Bhagalpur News विश्व प्रसिद्ध श्रावणी मेला में अब कम दिन शेष है। मेला की औपचारिक शुरुआत 11 जुलाई से है। लेकिन बंगाल, असम सहित पड़ोसी देश नेपाल से आए हजारों कांवरियों का अजगैवीनाथ धाम से बाबाधाम पैदलयात्रा का सिलसिला शुरू हो गया है। जैसे-जैसे सावन नजदीक आ रहा है, वैसे-वैसे कांवरियों की संख्या में वृद्धि देखी जा रही है। जिसके कारण कच्ची कांवरिया पथ में पैदल चलने वाले कांवरियों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है।
जिला प्रशासन को भी पता है कि वर्षों से श्रावणी मेला से एक पखवाड़े पूर्व कांवरियों का आना शुरू हो जाता है। औपचारिक शुरुआत से पूर्व आने वाले कांवरियों के लिए केवल शौचालय और पेयजल की सुविधा बहाल करा दी जाए तो पड़ोसी देश नेपाल सहित पड़ोसी राज्य बंगाल, असम, ओडिशा के हजारों श्रद्धालुओं को एक सुखद अनुभव होगा। हालांकि इन कांवरियों को प्रशासन का नहीं बाबा भोलेनाथ का ही सहारा है।
भागलपुर जिला प्रशासन के द्वारा 30 जून तक कार्य पूरा करने का सख्त निर्देश सभी विभागों को दिया गया था। लेकिन किसी विभाग के द्वारा तय समय तक काम पूरा नहीं किया जा सका। इसके बाद 30 जून को नप सभागार में जिलाधिकारी ने श्रावणी मेला से संबंधित अधीनस्थ अधिकारियों के साथ बैठक कर तीन जुलाई तक सभी कार्य पूर्ण करने का निर्देश दिया था।
डीएम के निर्देश की दूसरी डेडलाइन समाप्ति तक युद्ध स्तर से तैयारी के बावजूद भी गंगा घाट सहित कांवरिया पथ में सरकारी व्यवस्था पूरी तरह दुरुस्त नहीं हो सकी है। कांवरिया पथ के अलावा पीएचईडी, चिकित्सा, बिजली, शौचालय और सरकारी धर्मशाला का भी काम दिन-रात किया जा रहा है। लेकिन काम की गुणवत्ता को देखने से स्पष्ट है कि यह सावन तक के लिए ही कारगर सिद्ध होगा। खासकर पीएचइडी के द्वारा ना तो शौचालय को दुरुस्त किया जा सका है ना तो प्याऊ को।
पीएचइडी के द्वारा सभी शौचालय प्याऊ व स्नानघर को रंग रोगन कर चकाचक बना दिया गया है। लेकिन शौचालय में शीट, कमोड और दरवाजा अभी तक नहीं लग पाया है। कच्ची कांवरिया पथ में चापानल के सहारे पानी की व्यवस्था की गई है। जिससे कांवरिया अपनी प्यास बुझा रहे हैं। नेपाल से गंगाजल भरने आए कांवरिया निलेश मेहता, राजू मेहता, श्रीमंत सिंघिया ने बताया कि सावन में अधिक भीड़ हो जाने के कारण हम लोग अभी ही सपरिवार देवघर जा रहे हैं। लेकिन गंगा घाट पर ना तो शौचालय की व्यवस्था है ना ही पीने की पानी की। कम से जिला प्रशासन के द्वारा शौचालय व शुद्ध पानी की व्यवस्था मेला के पूर्व करानी चाहिए थी।
रेल मार्ग से पहुंच रहे हैं हजारों श्रद्धालु
विश्व प्रसिद्ध श्रावणी मेला में रेल मार्ग से सबसे अधिक कांवरिया अजगैवीनाथ धाम पहुंचते हैं। इन दिनों सुबह की सभी टेनों से भर भर के श्रद्धालु अजगैवीनाथ धाम पहुंच रहे हैं। खासकर डाउन हावड़ा -जमालपुर, अप हावड़ा - गया, डाउन मुजफ्फरपुर-भागलपुर इंटरसिटी में कांवरियों की काफी भीड़ देखी जा रही है। जैसे-जैसे सावन नजदीक आ रहा है वैसे-वैसे कांवरियों की संख्या बढ़ती जा रही है।
खुले में शौच करने को विवश हैं कांवरिया
आषाढ़ अमावस्या के बाद दिन प्रतिदिन कांवरियों की संख्या में बढ़ोतरी देखी जा रही है। सड़क मार्ग के अलावा रेल मार्ग से अधिक संख्या में श्रद्धालु अजगैवीनाथ धाम पहुंच रहे हैं। लेकिन स्टेशन के आसपास पर्याप्त संख्या में शौचालय की व्यवस्था नहीं होने के कारण कांवरिया खुले में पटरी किनारे शौच करने को भी विवश हैं। ऐसे में बड़े हादसे की आशंका से इंकार नहीं किया जा सकता।
कांवरिया पथ में नाला निर्माण का कार्य अधूरा
विश्व प्रसिद्ध श्रावणी मेला में महज एक सप्ताह दिन शेष रह गए हैं। सड़क निर्माण कंपनी के द्वारा अपर रोड एवं थाना रोड में नाला निर्माण का कार्य चल रहा है। मेला के औपचारिक शुभारंभ के पूर्व तैयार करना मुश्किल ही नहीं असंभव है। ऐसे में आने वाले कांवरियों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। विदित हो कि सड़क निर्माण होने के कारण सड़क संकरी हो गई है जिस कारण दिन प्रतिदिन जाम की स्थिति बनी रहती है।
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