Updated: Tue, 08 Jul 2025 03:13 PM (IST)
भागलपुर के नाथनगर में आधुनिक आयुर्वेद कॉलेज बनाने की योजना जमीन की कमी के कारण अटकी हुई है। दो अरब 65 करोड़ रुपये की यह परियोजना पाँच एकड़ जमीन के अभाव में तीन साल से रुकी है। कॉलेज प्रशासन जमीन हस्तांतरण के लिए प्रयासरत है लेकिन फाइल मुख्यालय में लंबित है। नालंदा दरभंगा और बेगूसराय में ऐसे कॉलेज बन रहे हैं पर भागलपुर का इंतजार जारी है।
जागरण संवाददाता, भागलपुर। नाथनगर स्थित श्री यतींद्र नारायण अष्टांग आयुर्वेद महाविद्यालय को मॉडर्न आयुर्वेदिक कॉलेज बनाने की योजना धरातल पर नहीं उतर पाई है। दो अरब 65 करोड़ रुपये की योजना महज पांच एकड़ जमीन के अभाव में तीन साल से अटकी हुई है। कॉलेज के लिए जमीन हस्तांतरण की फाइल पथ निर्माण विभाग के मुख्यालय में अटकी पड़ी है।
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इस कारण भागलपुर को आयुर्वेद चिकित्सा की आधुनिक सुविधा अब तक नहीं मिल पाई है। कॉलेज के पास तीन एकड़ जमीन पहले से मौजूद है। शेष दो एकड़ सरकारी जमीन कॉलेज के समीप ही उपलब्ध है। यह जमीन पथ निर्माण विभाग का है।
कॉलेज प्रशासन ने जमीन हस्तांतरण के लिए सीओ, पथ निर्माण विभाग और डीएम से मंजूरी लेकर फाइल मुख्यालय भेज दी गई थी, लेकिन अब तक अपर मुख्य सचिव का हस्ताक्षर नहीं हुआ। प्राचार्य डॉ. सीबी. सिंह 12 से अधिक बार पत्राचार कर चुके हैं और हर महीने पटना कार्यालय के चक्कर लगा रहे हैं।
नालंदा, दरभंगा और बेगूसराय में मॉडर्न आयुर्वेद कॉलेज का निर्माण शुरू हो चुका है, लेकिन भागलपुर की योजना फाइलों में दबी है। जमीन मिलते ही कॉलेज परिसर में नौ मंजिला मॉडर्न अस्पताल बनेगा। इसमें 100 बेड, ओपीडी, इनडोर, ओटी, जांच व दवा काउंटर की सुविधा होगी।
नक्शा बीएमएसआईसीएल द्वारा तैयार कर लिया गया है। अस्पताल बनने के साथ ही कॉलेज को मान्यता मिल जाएगी और यहां से छात्र आयुर्वेदिक चिकित्सक बनकर निकलेंगे।
जमीन के लिए प्रयास जारी है। उम्मीद है जल्द कॉलेज को भूमि मिल जाए। इसके बाद भागलपुर को बेहतर चिकित्सा सुविधा मिलेगी। - डॉ. सीबी. सिंह, प्राचार्य, आयुर्वेदिक कॉलेज, नाथनगर
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