Updated: Wed, 17 Sep 2025 02:14 PM (IST)
भागलपुर में विक्रमशिला खुदाई स्थल के निकट केंद्रीय विश्वविद्यालय की स्थापना के लिए भूमि अधिग्रहण प्रक्रिया शुरू हो गई है। शिक्षा विभाग ने 4.29 एकड़ भूमि के अधिग्रहण का प्रस्ताव भेजा है। भूमि की कीमत निर्धारण के लिए समिति का गठन किया जाएगा। विश्वविद्यालय निर्माण के लिए 215 एकड़ भूमि चिह्नित की गई है और सरकार ने मुआवजे के लिए करोड़ों रुपये स्वीकृत किए हैं।
जागरण संवाददाता, भागलपुर। विक्रमशिला खुदाई स्थल के निकट केंद्रीय विश्वविद्यालय की स्थापना हेतु भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया आरंभ हो गई है। इस संदर्भ में भू-अर्जन विभाग ने रैयतों की सूची जारी की है। शिक्षा विभाग के सचिव अजय यादव ने समाहर्ता को विधिवत अधियाचना उपलब्ध कराई है, जिसमें 4.29 एकड़ भूमि के अधिग्रहण के लिए आवश्यक दस्तावेज और नक्शा शामिल है।
विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
पत्र में यह भी उल्लेख किया गया है कि यह भूमि विक्रमशिला खुदाई स्थल के निकट स्थित है, जहां भविष्य में खुदाई की संभावनाएं हैं।
भूमि की कीमत निर्धारण के लिए बनेगी छह सदस्यीय समिति:
भूमि की कीमत निर्धारण के लिए एक छह सदस्यीय समिति का गठन किया जाएगा। भू-अर्जन विभाग की टीम रैयतों का सर्वेक्षण कर रही है। रैयतों के नामों की सूची प्रकाशित होने के बाद, 60 दिनों तक दावा-आपत्ति ली जाएगी। इस प्रक्रिया के दौरान, जिलाधिकारी के स्तर पर समिति का गठन किया जाएगा, जो भूमि की कीमत का निर्धारण करेगी।
मूल्य निर्धारण के बाद, वाजिब रैयतों को नोटिस भेजा जाएगा और भुगतान की प्रक्रिया आरंभ की जाएगी। वर्तमान में, 19 (1) के तहत सर्वेक्षण कार्य जारी है।
14 जून को जारी की गई थी अधिसूचना:
भूमि अधिग्रहण के संबंध में धारा 11(1) के तहत अधिसूचना 14 जून को जारी की गई थी। रैयतों से 30 दिनों तक दावा-आपत्ति ली गई। प्रस्तावित परियोजना और भूमि अधिग्रहण से जुड़े सामाजिक लागत और लाभों का आकलन तकनीकी विशेषज्ञ समिति द्वारा किया गया है।
विभाग ने अधिसूचना की प्रतियां पोर्टल पर अपलोड कर दी हैं, जिससे कोई भी व्यक्ति अपने गांव या प्रभावित खसरे के आधार पर संबंधित अधिसूचना की जानकारी प्राप्त कर सकता है।
विश्वविद्यालय के निर्माण के लिए 215 एकड़ भूमि चिह्नित:
विक्रमशिला विश्वविद्यालय के निर्माण के लिए लगभग 215 एकड़ भूमि चिह्नित की गई है। इसमें अंतिचक में 92 एकड़ 70 डिसमिल और मलकपुर में 84 एकड़ 33 डिसमिल भूमि शामिल है।
इसके अतिरिक्त, 28 एकड़ 33 डिसमिल भूमि बिहार सरकार की है। सभी भूमि कृषि योग्य है, जिसमें आम बागान भी शामिल है। रैयती भूमि पर कोई आवास नहीं है, जबकि बिहार सरकार की भूमि पर कुछ स्थानों पर झोपड़ियां हैं।
अंतिचक की भूमि के लिए मुआवजे की राशि 54 करोड़ 81 लाख 63 हजार 142 रुपये और मलकपुर के लिए 33 करोड़ 18 लाख 18 हजार 213 रुपये निर्धारित की गई है, जिसे राज्य सरकार ने स्वीकृत किया है। केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय द्वारा विक्रमशिला विश्वविद्यालय परिसर के निर्माण के लिए स्कूल ऑफ प्लानिंग एंड आर्किटेक्चर, नई दिल्ली को नियुक्त किया गया है।
इसके निदेशक प्रोफेसर डॉ. वीरेंद्र कुमार पाल और प्रोफेसर अभिजीत रस्तोगी ने 15 सितंबर 2024 को प्रस्तावित स्थल का दौरा किया। डीपीआर के अनुमोदन के बाद, प्रधानमंत्री पैकेज के अंतर्गत विक्रमशिला विश्वविद्यालय परिसर का निर्माण आरंभ होगा।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।