Bhagalpur News: चेहरे और दिल की धड़कन से चलेगा पता, कितने कांवड़िया पहुंचे बाबा दरबार
11 जुलाई से शुरू हो रहे श्रावणी मेले में इस बार कांवड़ियों की गिनती चेहरे और दिल की धड़कन से होगी। राठौड़ साल्यूशंस द्वारा सेंसर युक्त मशीनें लगाई जाएंगी। कृष्णगढ़ मोड़ सहित कई स्थानों पर ई-पीपुल काउंटिंग मशीनें लगेंगी। इन मशीनों से प्रतिदिन की रिपोर्ट प्रशासन को मिलेगी जिससे भीड़ प्रबंधन में मदद मिलेगी। इसके अतिरिक्त पीटीजेड कैमरे भी लगाए जाएंगे।

जागरण संवाददाता, भागलपुर। विश्व प्रसिद्ध श्रावणी मेले की शुरुआत 11 जुलाई से होगी। इसमें लाखों श्रद्धालु हर रोज अजगैवीनाथ धाम (सुल्तानगंज) से देवघर जल भरकर जाते हैं। प्रत्येक दिन कितने कांवड़ियों ने जल चढ़ाया, इस बार इसकी काउंटिंग चेहरे और कांवड़ियों के दिल के धड़कन दोनों से होगी।
राठौड़ साल्यूशंस द्वारा इस बार चेहरा कैप्चर करने वाला और दिल के धड़कन को पहचानने वाला सेंसर युक्त मशीन इंस्टाल किया जाएगा। इसके लिए वर्क आर्डर भी कर दिया गया। इस बार कृष्णगढ़ मोड़ के पास दो और धांधी बेलारी चौराहे पर दो और बांका के कटोरिया में एक ई पीपुल काउंटिंग मशीन लगाया जाएगा।
राठौड़ साल्यूशंस के आईटी मैनेजर साहिल कुमार ने बताया कि पहले सिर्फ सेंसर युक्त मशीन लगाया जाता था, लेकिन इस बार चेहरा कैप्चर करने वाला भी मशीन लगाया जाएगा। उन्होंने बताया की मशीन का इंस्टालेशन का काम 10 जुलाई तक पूरा कर लिया जाएगा। इसके बाद प्रतिदिन दिन हर घंटे कांवड़ियों की गिनती की रिपोर्ट भागलपुर और देवघर प्रशासन को मिलेगी।
जिला प्रशासन द्वारा इसके लगाने का मकसद यह है कि देवघर में प्रतिदिन कितने कांवरिया मंदिर में दर्शन करने के लिए पहुंचेंगे। इसकी सटीक जानकारी देवघर और स्थानीय जिला प्रशासन को मिलती रहे, ताकि श्रद्धालुओं की भीड़ का प्रबंधन बेहतर तरीके से की जा सके।
भीड़ की निगरानी के लिए चार जगह से होगा लाइव टेलीकास्ट
श्रावणी मेले के दौरान कांवड़ियों की भीड़ की मानिटरिंग करने के लिए चार जगह पर पीटीजेड ( पैन-टिल्ट-जूम कैमरे) लगाए जाएंगे। यह कैमरे सीढ़ी घाट, जहाज घाट, कृष्णगढ़ चौक और ऐके गोपालन इंटर कालेज के पास लगाया जाएगा। इस कमरे के माध्यम से लाइव वेबकास्ट किया जाएगा। इसे कंट्रोल रूम में बैठे पदाधिकारी देख पाएंगे।
क्या है पैन टिल्ट जूम कैमरे की विशेषता?
पैन-टिल्ट-जूम कैमरे की खासियत यह होती है कि यह ऑटोमेटिक रूप से अपनी दिशा बदलते रहता है और आवश्यकता अनुसार, जूम करके इमेज दिखता है। इसकी जूमिंग पावर 300 से 500 मीटर तक होती है। इसके अलावा मेला क्षेत्र पर नियंत्रण करने के लिए 84 अलग कैमरे लगाए जाएंगे।
इसकी संख्या जरूर के अनुसार घटती बढ़ती रहेगी। वहीं भागलपुर सीमा क्षेत्र के अंदर कांवरिया पथ पर पूरे मेला क्षेत्र में नियंत्रण रखने के लिए 19 जगह पर कंट्रोल रूम भी बनाए जाएंगे।
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