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    Bihar Bhumi: जमीन हथियाने के नए हथकंडे अपना रहे ठग, फर्जी कागजात से करा रहे म्यूटेशन

    Updated: Mon, 16 Jun 2025 01:49 PM (IST)

    कहलगांव के श्यामपुर में जमीन के फर्जीवाड़े का मामला सामने आया है। दिलीप कुमार मुखर्जी और प्रदीप कुमार मुखर्जी की जमीन का फर्जी केवाला के आधार पर म्यूटेशन कर दिया गया। जब जमीन मालिक को पता चला तो उन्होंने इसकी शिकायत भूमि सुधार उपसमाहर्ता के न्यायालय में दर्ज कराई। पुलिस में भी शिकायत दर्ज कराई गई है। अंचलाधिकारी ने बताया कि दस्तावेज सत्यापन के लिए कोई ठोस तंत्र नहीं है।

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    जमीन हथियाने के नए हथकंडे अपना रहे ठग, फर्जी कागजात से करा रहे म्यूटेशन (प्रतीकात्मक तस्वीर)

    संवाद सूत्र, कहलगांव।  राज्य सरकार के लाख प्रयासों के बावजूद जमीन के मामलों में फर्जीवाड़ा रुकने का नाम नहीं ले रहा है। जिस तरह फर्जी केवाला के आधार पर अंचल कार्यालय में जमाबंदी कायम की जा रही है यह बिना अंचलकर्मियों के मिलीभगत के संभव नहीं है। मामला कहलगांव के श्यामपुर का है।

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    श्यामपुर निवासी दिलीप कुमार मुखर्जी और प्रदीप कुमार मुखर्जी ने अपने जमीन की कोई रजिस्ट्री नहीं की है, लेकिन कहलगांव अंचल कार्यालय से म्यूटेशन केस नंबर 5336 आर 27/2023-2024 सेल डीड नंबर 1144 दिनांक 9/5/1995 के आधार पर हो गया।  जब जमीन मालिक को पता चला तो उसके होश उड़ गए।

    जमीन मालिक द्वारा जब म्यूटेशन केस का नकल निकाला गया और उसके आधार पर सेल डीड का नकल निकलवाया तो पता चला कि इस सेल डीड नंबर 1144 वर्ष 1995 का निष्पादन बालेश्वर मंडल निवासी ग्राम रमासी थाना सन्हौला जिला भागलपुर द्वारा मोसमात सतिया देवी को मौजा रामासी थाना नंबर 430 थाना और अंचल सन्हौला जिला भागलपुर खाता नंबर 438 खेसरा नंबर 662 रकवा नौ डिसमिल द्वारा निष्पादित किया गया है, जबकि फर्जी केवाला में विक्रेता दिलीप कुमार मुखर्जी प्रदीप कुमार मुखर्जी पिता स्व विश्वनाथ मुखर्जी निवासी श्यामपुर पो लालापुर भदेर थाना कहलगांव जिला भागलपुर और क्रेता किशुन साह पिता स्व टेरू साह निवासी बाराहाट थाना पीरपैंती वर्तमान ईशीपुर बाराहाट जिला भागलपुर हैं

    सेल डीड पर दोनों पक्षों के हस्ताक्षर के साथ दिनांक में वर्ष 1988 दर्ज है। ऐसे फर्जीवाड़े की फेहरिस्त लंबी है। जिससे एक तरफ भूस्वामियों में भय व्याप्त है। यह मामला भूमि सुधार उपसमाहर्ता के न्यायालय में दर्ज कराया गया है।

    दूसरी तरफ, भूमि सुधार उपसमाहर्ता के न्यायालय में अतिरिक्त मुकदमों का बोझ बढ़ रहा है। प्रश्न यह है कि आखिरकार म्यूटेशन केस में दस्तावेज सत्यापन की क्या प्रक्रिया है।

    इस बाबत अंचलाधिकारी कहलगांव ने बताया कि म्यूटेशन केस में जमीन पर जा कर सत्यापन करने और आम खास सूचना जारी करने की प्रक्रिया है। दस्तावेज के सत्यापन के लिए कोई ठोस तंत्र नहीं है। दिलीप कुमार मुखर्जी ने बताया कि इस बाबत कहलगांव थाने में भी आवेदन दिया गया है। साथ ही अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी को भी मौखिक सूचना दी गई है। उन्होंने इस मामले में कारवाई का आश्वासन दिया है।