'सांसद पप्पू यादव को JDU में बुलाकर...', नीतीश कुमार के फेमस MLA की क्या है नई रणनीति?
बिहार की राजनीति में जेडीयू विधायक गोपाल मंडल ने पप्पू यादव को जेडीयू में शामिल होने का न्योता दिया। साथ ही उन्होंने अपने बेटे को नाथनगर विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ाने की तैयारी भी शुरू कर दी है। पप्पू यादव ने इस प्रस्ताव पर चुटकी ली जिससे बिहार की राजनीति में व्यक्तिगत संबंधों और अवसरों का महत्व दिखता है।

जागरण संवाददाता, भागलपुर। बिहार की राजनीति में दिलचस्प राजनीतिक घटनाक्रम तेजी से उभर रहे हैं। जदयू के फायरब्रांड विधायक गोपाल मंडल और पूर्णिया के निर्दलीय सांसद पप्पू यादव के बीच हाल ही में हुई बातचीत और प्रस्ताव ने राजनीतिक गलियारों में नई हलचल पैदा कर दी है।
गोपालपुर विधायक गोपाल मंडल ने खुद स्वीकार किया कि वह पप्पू यादव से मिलने गए थे, और वजह यह थी कि वह सांसद को जदयू में शामिल होने का न्योता देने गए थे। उन्होंने इसके पीछे भावनात्मक कारण बताया, हम उन्हें सम्मान देना चाहते थे।
आगे कहा कि जब पटना में विपक्ष द्वारा निकाले गए जुलूस के दौरान उन्हें राहुल गांधी और तेजस्वी यादव के ट्रक पर चढ़ने से रोका गया, तो हम विरोध नहीं कर सके। वह हमारे मित्र हैं, इसलिए हम खुद उनके पास जदयू में शामिल होने का न्योता देने गए थे। वैसे, इस मुलाकात का दूसरा पहलू और भी दिलचस्प है।
विधायक गोपाल मंडल अब अपने बेटे को नाथनगर विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ाने की जमीन तैयार कर रहे हैं। उन्होंने कहा, मेरा बेटा बाढ़ कटाव पीड़ितों के मुआवजे के लिए भूख हड़ताल पर था, अब उनके ठीक होते ही हम नाथनगर के हर प्रखंड में नीतीश कुमार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तस्वीरों वाले उनके पोस्टर लगाएंगे।
मंडल ने यह भी स्पष्ट किया कि अगर उनकी पार्टी उन्हें टिकट नहीं देती है, तो उनका बेटा किसी भी दल से चुनाव लड़ सकता है। इससे साफ है कि वह न सिर्फ पार्टी के भीतर अपने बेटे के लिए समर्थन जुटा रहे हैं, बल्कि अन्य राजनीतिक संभावनाओं के द्वार भी खुले रखे हैं।
इस पूरे घटनाक्रम पर जब पप्पू यादव से विधायक के बयान के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने हंसकर बात टाल दी और चुटकी लेते हुए कहा, "हम चाहते हैं कि विधायक का बेटा कांग्रेस में शामिल होकर नाथनगर से चुनाव लड़े।" यह बयान दर्शाता है कि बिहार की राजनीति में व्यक्तिगत संबंध, सम्मान और अवसर, ये तीन तत्व पार्टी की नीतियों से ज्यादा महत्व रखने लगे हैं।
एक तरफ गोपाल मंडल अपने सम्मान की बात करके पप्पू यादव को जेडीयू में लाने का प्रस्ताव दे रहे हैं, तो दूसरी तरफ अपने बेटे की राजनीतिक पारी की जमीन भी तैयार कर रहे हैं। इस मुलाकात को महज शिष्टाचार नहीं, बल्कि आगामी विधानसभा चुनाव से पहले राजनीतिक मोहरों को व्यवस्थित करने की शुरुआत माना जा रहा है। आने वाले समय में यह गठबंधन कभी भी नई दिशा ले सकता है।
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