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    नल है लेकिन जल नहीं! बूंद-बूंद को मोहताज सबौर नगर पंचायत की जनता, हर घर नल से जल योजना बनी मजाक

    Updated: Sun, 28 Sep 2025 11:41 AM (IST)

    भागलपुर के सबौर नगर पंचायत में हर घर नल से जल योजना बुरी तरह विफल हो गई है। कई घरों में नल तो लगे हैं लेकिन पानी नहीं आता। पाइपलाइन जर्जर हैं और जल प्रवाह कम है। पीएचइडी विभाग और नगर पंचायत एक-दूसरे पर जिम्मेदारी डाल रहे हैं जिससे लोग परेशान हैं। मुफ्त आपूर्ति का वादा था पर लोगों को निजी खर्च से व्यवस्था करनी पड़ रही है।

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    सबौर नगर पंचायत में योजना बनी मजाक। फोटो जागरण

    संवाद सहयोगी, भागलपुर। सरकार ने गांव-गांव और कस्बों तक पेयजल पहुंचाने के लिए हर घर नल से जल योजना चला रखी है। कागजों पर भले ही यह योजना पूर्ण सफल मानी जा रही हो। लेकिन सरजमीं पर नजर दौड़ाने पर ऐसा देखने को नहीं मिलता है।

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    सबौर नगर पंचायत पर नजर डालें, वहां यह योजना बदहाली के दौर से गुजरती दिखती है। वहां की हालत यह है कि कई मोहल्लों में नल तो लगे हैं पर उनमें जल का नामोनिशान तक नहीं है। कहीं पाइप लाइन जगह-जगह से लीकेज है, तो कहीं जल प्रवाह का दबाव इतना कम है कि नलों में एक बूंद भी पानी नहीं गिरता है।

    पीएचइडी विभाग द्वारा उनकी मरम्मत व समस्या समाधान के लिए सबौर नगर पंचायत को और सबौर नगर पंचायत के अधिकारियों द्वारा उसकी जिम्मेदारी पीएचइडी पर डाले जाने से यहां के नागरिकों की स्थिति दो पाटों के बीच में फंसे होने जैसी हो गई। इधर, नवरात्र जैसे समय में जल के अभाव में लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।

    उपभोक्ता खुद उठा रहे बोझ

    नल जल योजना शुरू होने के दौरान लोगों को मुफ्त आपूर्ति का सपना दिखाया गया था। लेकिन यहां हकीकत उलट है। कुछ उपभोक्ताओं को निजी खर्च से मोटर और पाइप लगाकर घरेलू जल आपूर्ति की व्यवस्था करनी पड़ी है।

    वहीं कई लोग आज भी आसपास के घरों या चापाकल के भरोसे हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि शिकायत करने पर या तो संबंधित अधिकारी सुनते ही नहीं या एक-दूसरे विभाग पर जिम्मेदारी डालकर पल्ला झाड़ लेते हैं।

    जिम्मेदारों के बयानों में तालमेल नहीं

    पीएचइडी विभाग के जेई रोशन कुमार का कहना है कि नगर पंचायत सबौर में स्थाई जेई की नियुक्ति कर दी गई है। इससे संबंधित मामले की देखरेख करना उनकी जिम्मेदारी है।

    दूसरी ओर नगर पंचायत के जेई गौतम कुमार का कहना है कि पीएचइडी और नल जल योजना से संबंधित समस्याओं को देखने का उन्हें किसी प्रकार का आदेश प्राप्त नहीं हुआ है।

    लोग पूछ रहे आखिर जिम्मेदार कौन? इस स्थिति में सबसे बड़ा सवाल यह खड़ा हो गया है कि सबौर के लोगों को पानी कौन देगा? विभागीय समन्वय के अभाव में योजना ठप है और उपभोक्ताओं की पीड़ा बढ़ती जा रही है। अगर यही हाल रहा तो हर घर नल से जल योजना का उद्देश्य अधूरा ही रह जाएगा।

    नगर में रहने वाले लोगों की हर समस्या का समाधान नगर पंचायत को ही करना है। परंतु नल-जल योजना सहित पीएचइडी विभाग से संचालित कोई भी योजना अब तक नगर पंचायत को हैंडओवर नहीं किया गया है। अभी समस्या का समाधान पीएचइडी विभाग को ही करना है। - ज्योति कुमारी, कार्यपालक पदाधिकारी, नगर पंचायत सबौर