Bhagalpur Ambala Bus Fare: भागलपुर-अंबाला बस रूट पर किराए में बड़ी छूट, सस्ती होगी त्योहारी यात्रा
त्योहारी सीजन में घर लौट रहे बिहार के लोगों के लिए खुशखबरी है। भागलपुर से अंबाला रूट पर बस का किराया कम हो गया है। बिहार राज्य पथ परिवहन निगम एसी और नॉन-एसी बसों पर छूट दे रहा है। एसी स्लीपर बस पर 1113 रुपये और नॉन-एसी बस पर 632 रुपये की छूट मिलेगी। टिकट बुकिंग BSRTC की वेबसाइट पर शुरू हो गई है।

जागरण संवाददाता, भागलपुर। त्योहारी सीजन में घर लौटने वाले प्रवासी बिहारवासियों के लिए राहत भरी खबर है। अब भागलपुर से अंबाला रूट समेत कई मार्गों पर बस यात्रा पहले से काफी सस्ती हो गई है। बिहार राज्य पथ परिवहन निगम (बीएसआरटीसी) ने एसी और नॉन-एसी बसों के किराए में विशेष रियायत देने का निर्णय लिया है।
क्षेत्रीय प्रबंधक पवन शांडिल्य ने बताया कि एसी स्लीपर बस का कुल किराया 3,603 रुपये है, लेकिन यात्रियों को केवल 2,490 रुपये ही भुगतान करना होगा। यानी प्रत्येक यात्री को 1,113 रुपये की सीधी छूट मिलेगी। वहीं, नॉन-एसी बसों का किराया 2,122 रुपये तय है, जिसमें यात्रियों को 632 रुपये की छूट दी जाएगी और केवल 1,490 रुपये देने होंगे।
यात्रियों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए टिकट बुकिंग की शुरुआत सोमवार से निगम की आधिकारिक वेबसाइट https://bsrtc.bihar.gov.in पर कर दी गई है। यह सुविधा 20 सितंबर से 30 नवंबर तक उपलब्ध रहेगी। इस दौरान दुर्गापूजा, दीपावली और छठ जैसे बड़े त्योहारों पर दूसरे प्रदेशों से अपने घर लौटने वाले लोगों को सुरक्षित और सस्ती यात्रा सुनिश्चित की जाएगी।
पवन शांडिल्य ने बताया कि बीएसआरटीसी पीपीपी मोड में 50 से 60 सीटों वाली एसी, नॉन-एसी और एसी स्लीपर बसों का संचालन करेगा। ये बसें बिहार से दिल्ली, उत्तर प्रदेश, झारखंड, हरियाणा और पश्चिम बंगाल के विभिन्न शहरों तक चलेंगी। उन्होंने कहा कि सरकार ने यात्रियों की जेब पर बोझ कम करने के लिए यह निर्णय लिया है, ताकि किसी को त्योहार पर घर आने में परेशानी न हो।
परिवहन विभाग में महालेखाकार टीम का ऑडिट जारी
भागलपुर परिवहन विभाग के आय-व्यय की जांच के लिए पटना से आई महालेखाकार की टीम पिछले आठ दिनों से ऑडिट कार्य में जुटी हुई है। टीम प्रतिदिन कार्यालय पहुंचकर यहां हो रही आय-व्यय की विस्तृत जानकारी ले रही है। ऑनलाइन दर्ज होने वाले राजस्व के आंकड़ों की भी बारीकी से जांच की जा रही है।
टीम के सदस्य विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों से आवश्यक दस्तावेज व विवरण मांग रहे हैं। हर एक फाइल को खंगाला जा रहा है, ताकि यह देखा जा सके कि कहीं गड़बड़ी तो नहीं हुई। बताया गया कि यह ऑडिट टीम हर दो से तीन साल में एक बार विभाग का निरीक्षण करती है और रिपोर्ट तैयार करती है।
जिला परिवहन पदाधिकारी जनार्दन कुमार ने पुष्टि की कि महालेखाकार की टीम एक सप्ताह से कार्यालय में मौजूद है और आने वाले कुछ दिनों तक ऑडिट का कार्य जारी रहेगा। उन्होंने कहा कि जांच पूरी होने के बाद ही यह स्पष्ट हो पाएगा कि विभागीय कार्यों में कोई अनियमितता सामने आती है या सब कुछ सही है।
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