BPSC Teacher: सॉफ्टवेयर में गड़बड़ी या विभागीय लापरवाही? 3000 बीपीएससी शिक्षक इंक्रीमेंट से वंचित
भागलपुर जिले में बीपीएससी द्वारा नियुक्त लगभग 3000 शिक्षक वेतन वृद्धि से वंचित हैं जिससे उन्हें आर्थिक नुकसान हो रहा है। शिक्षा विभाग के सॉफ्टवेयर में खराबी के कारण इंक्रीमेंट रुका हुआ है जबकि अन्य जिलों में यह प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। शिक्षक विभागीय लापरवाही का आरोप लगा रहे हैं और जल्द समाधान की मांग कर रहे हैं। विभाग समस्या का समाधान करने का प्रयास कर रहा है।

जागरण संवाददाता, भागलपुर। जिले में करीब 3000 से अधिक बीपीएससी टीआरई-1 और 2 से बहाल शिक्षक आज भी अपने हक से वंचित हैं। शिक्षा विभाग के सॉफ्टवेयर में तकनीकी खराबी का हवाला देकर उनका इंक्रीमेंट रोक दिया गया है। इस देरी के कारण प्रत्येक शिक्षक को अब तक 4000 से 4500 रुपये का सीधा आर्थिक नुकसान हो चुका है।
वहीं, राज्य सरकार ने सभी राज्यकर्मियों और शिक्षकों को 55 प्रतिशत महंगाई भत्ता और समय पर इंक्रीमेंट देने की घोषणा की थी। नियोजित शिक्षकों को यह लाभ बिना देरी के मिल गया। वहीं, बीपीएससी से चयनित शिक्षकों को अब तक केवल 50 प्रतिशत ही मिल रहा है।
नियमानुसार टीआरई-1 से बहाल शिक्षकों का पहला इंक्रीमेंट 01 जुलाई 2024 और दूसरा 01 जुलाई 2025 से मिलना था। वहीं टीआरई-2 से बहाल शिक्षकों का पहला इंक्रीमेंट 01 जनवरी 2025 से लागू होना था। वहीं राज्य के अधिकांश जिलों - जमुई, सहरसा, पूर्णिया, कटिहार, दरभंगा, समस्तीपुर, पश्चिम चंपारण, मुजफ्फरपुर और पटना - में यह प्रक्रिया पूरी हो चुकी है, लेकिन भागलपुर इस मामले में पिछड़ गया है।
इस संबंध में जब स्थापना शाखा से बात की गई तो वहां के कर्मचारियों ने बताया कि यह ऑटोमेटिक सॉफ्टवेयर से जेनरेट होता है, लेकिन यहां पर ऐसा कुछ नहीं दिख रहा है। महंगाई भत्ता भी ऑटोमेटिक बढ़कर मिलता है लेकिन बीपीएससी शिक्षकों को लेकर पोर्टल पर यह अपडेट नहीं हो पाया है। वहीं स्थापना शाखा का कहना है कि इंक्रीमेंट से जुड़े कई आवेदन लंबित पड़े हैं, इसलिए बीते दिनों डीपीओ स्थापना ने यह निर्देश दिया है कि अन्य जिलों में यह लाभ कैसे लागू हुआ, उसकी जानकारी ली जाए।
इसके बाद इसी सप्ताह भागलपुर में भी प्रक्रिया शुरू की जाएगी। वहीं, बहाली प्रक्रिया के बाद दो डीपीओ स्थापना बदले गए हैं। इसके बावजूद समस्या का समाधान नहीं हो पाया है। शिक्षकों का कहना है कि यह सिर्फ तकनीकी खराबी नहीं, बल्कि विभागीय लापरवाही है, जिसकी सजा उन्हें भुगतनी पड़ रही है। विभाग अगर कोशिश करता तो यह कब का हो गया रहता।
बीपीएससी अध्यापकों की ज्वाइनिंग के दो साल बीत जाने बाद भी उनको इंक्रीमेंट का लाभ नहीं दिया जा रहा है। यह पूरी तरह से शिक्षा विभाग की विद्यालय अध्यापकों के प्रति उदासीनता को दर्शाता है। उनका महंगाई भत्ता भी अपडेट नहीं किया गया है। यह अध्यापकों के प्रति लापरवाह और भेदभावपूर्ण रवैया है जिससे शिक्षकों को प्रतिमाह 2000 से अधिक रुपए का नुकसान हो रहा है। शिक्षा विभाग को इस पर जल्द विचार करना चाहिए। - अमित विक्रम, शिक्षक नेता
इंक्रीमेंट को लेकर क्या समस्या है, इस पर डीपीओ स्थापना से बात की जाएगी। वास्तविक स्थिति जानने के बाद जल्द ही इसका समाधान निकाला जाएगा। जिससे शिक्षकों को इसका लाभ मिल सके। - राजकुमार शर्मा, डीईओ
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