Updated: Sat, 31 May 2025 12:23 AM (IST)
भागलपुर में विक्रमशिला से कटरिया तक गंगा नदी पर डबल लाइन रेल पुल बनेगा। 1153 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाला यह पुल तीन साल में पूरा होगा। इस पुल के बनने से विक्रमशिला से नवगछिया तक सीधी ट्रेन सेवा मिलेगी जिससे तीन घंटे की बचत होगी। यह बिहार का पांचवां रेल पुल होगा और क्षेत्र के विकास में सहायक होगा।
जागरण संवाददाता, भागलपुर। भागलपुर के विकास की दिशा में एक बड़ा कदम उठाते हुए विक्रमशिला से कटरिया तक गंगा नदी पर डबल लाइन रेल पुल के निर्माण की तैयारी तेज हो गई है। इस बहुप्रतीक्षित परियोजना का टेंडर फाइनल कर दिया गया है और जल्द ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इसका शिलान्यास करेंगे।
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रेल मंत्रालय की ओर से इस परियोजना की जिम्मेदारी इंडियन रेलवे कंस्ट्रक्शन कंपनी लिमिटेड (इरकॉन) को सौंपी गई है। बटेश्वर स्थान के पास बनने वाला यह रेल पुल लगभग 4 किलोमीटर लंबा और 13 मीटर चौड़ा होगा। परियोजना की लागत 1,153 करोड़ रुपये है और इसे तीन साल में पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है।
पूरे प्रोजेक्ट की कुल लागत 2,178.38 करोड़ रुपये है। इस पुल के बन जाने से ट्रेनें विक्रमशिला से कटरिया होते हुए नवगछिया तक सीधा पहुंच सकेंगी, जिससे लगभग तीन घंटे की समय बचत होगी।
गोड्डा के सांसद निशिकांत दुबे ने एक्स पर इस परियोजना की जानकारी साझा करते हुए बताया कि यह पुल देवघर-गोड्डा होते हुए उनके गांव विक्रमशिला और भवानीपुर को जोड़ेगा। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव का आभार भी प्रकट किया।
वर्तमान में भागलपुर में गंगा नदी पर विक्रमशिला सेतु, उसके समांतर निर्माणाधीन पुल, सुल्तानगंज-अगुवानी पुल और विजय घाट पुल जैसे बड़े पुल मौजूद हैं। अब यह नया रेल पुल भागलपुर का पहला और बिहार का पांचवां रेल पुल होगा। 26.23 किलोमीटर लंबी इस नई डबल रेल लाइन के लिए दो सौ हेक्टेयर से अधिक भूमि का अधिग्रहण किया जा रहा है।
रेलवे अधिकारियों के अनुसार, पुल की ज्यादातर जमीन गंगा नदी क्षेत्र में होने के कारण भूमि अधिग्रहण में अधिक कठिनाई नहीं होगी। यह परियोजना वर्ष 2016-17 के बजट में शामिल की गई थी, लेकिन अब जाकर इसे मूर्त रूप दिया जा रहा है। पुल का निर्माण वाई आकार में होगा, जिससे उत्तर में कटरिया और नवगछिया तथा दक्षिण में विक्रमशिला और शिवनारायणपुर स्टेशन से रेल संपर्क संभव होगा।
इस परियोजना से न केवल उत्तर और दक्षिण बिहार के बीच कनेक्टिविटी मजबूत होगी, बल्कि कोसी, सीमांचल, अंग और झारखंड के इलाकों से भी भागलपुर का सीधा रेल संपर्क स्थापित हो सकेगा। यह पुल पूर्वोत्तर राज्यों के लिए भी एक वैकल्पिक रेल कॉरिडोर साबित होगा।
परियोजना के पूरा होने के बाद भागलपुर से नई ट्रेनों का संचालन संभव होगा, जिससे यात्रियों को बेहतर सुविधा और तेज गंतव्य प्राप्त होगा। यह पुल पूरे क्षेत्र के आर्थिक और सामाजिक विकास का नया द्वार खोलेगा।
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