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    भागलपुर में MDM गबन: 54 प्रधानाध्यापकों से 18.56 लाख रुपये की वसूली, निदेशक ने जारी किए सख्त निर्देश

    Updated: Wed, 24 Dec 2025 05:17 AM (IST)

    भागलपुर में MDM गबन मामले में 54 प्रधानाध्यापकों से 18.56 लाख रुपये की वसूली की जा रही है। शिक्षा निदेशक ने इस संबंध में सख्त निर्देश जारी किए हैं। यह ...और पढ़ें

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    सांकेतिक तस्वीर

    अभिषेक प्रकाश, भागलपुर। जिले के ऐसे प्रधानाध्यापक जो पहले बच्चों के मिड-डेमील का पैसा गटक गए, अब राशि देने में आनाकानी कर रहे हैं, ऐसे प्रधानाध्यापकों से 18 लाख 56 हजार 506 रुपये की वसूली की जाएगी। एमडीएम में हुई अनियमितताओं पर शत-प्रतिशत वसूली के निर्देश देते हुए एमडीएम निदेशक विनायक मिश्रा ने राज्य के 36 जिलों के जिला शिक्षा पदाधिकारी, डीपीओ (एमडीएम) और स्थापना को पत्र जारी किया है।

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    भागलपुर जिले में प्रधानाध्यापकों द्वारा 30 लाख 93 हजार 477 रुपये के एमडीएम गबन का मामला सामने आया था। इसमें से अब तक 12 लाख 36 हजार 971 रुपये की राशि रिकवर की जा चुकी है, जबकि शेष 18 लाख 56 हजार 506 रुपये अब भी बकाया हैं। यह राशि सीधे तौर पर 54 प्रधानाध्यापकों पर जिम्मेदारी के रूप में तय की गई है। हालांकि इन 54 प्रधानाध्यापकों ने डीईओ के सामने खुद को निर्दोष बताने के लिए अपील भी की है। यह मामला 2014 से 2022 तक का है।

    विभागीय सूत्रों के मुताबिक निदेशालय की रिपोर्ट के अनुसार एमडीएम में जो अनियमितता पाई गई है, उसमें ज्यादातर चावल की हेराफेरी, विद्यार्थियों के गलत डाटा प्रदर्शित करने, राशन के समान में हेरा-फेरी करने, एमडीएम नहीं बनाने जैसे मामले हैं।

    इस बाबत जिला मध्याह्न भोजन के डीपीओ ने सोमवार को वीडियो कान्फ्रेंसिंग के जरिए सभी प्रखंड शिक्षा पदाधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए हैं। ताकि जल्द से जल्द राशि की वसूली की जा सके। क्योंकि एमडीएम निदेशालय ने राशि वसूली करते हुए इसे अविलंब एमआइएस पोर्टल पर शुद्ध-शुद्ध अपडेट करने का निर्देश दिया गया है।

    कोसी सीमांचल और पूर्वी बिहार के 13 जिले से एक करोड़ 92 लाख की होगी वसूली

    कोसी–सीमांचल और पूर्वी बिहार के 13 जिलों में मध्याह्न भोजन (एमडीएम) योजना में कुल चार करोड़ 54 लाख 24 हजार 104 रुपये की वसूली होनी थी। इसमें से अब तक केवल दो करोड़ 61 लाख 75 हजार 256 रुपये की ही वसूली हो सकी है। शेष एक करोड़ 92 लाख 45 हजार 893 रुपये अब भी बकाया हैं।

    आंकड़ों के अनुसार, सबसे अधिक बकाया राशि सहरसा में है। अररिया में 51 लाख 28 हजार 327 रुपये जबकि सहरसा में 51 लाख 35 हजार रुपये की वसूली होनी है। इसके अलावा पूर्णिया में 47 लाख 51 हजार, मधेपुरा में 37 लाख 43 हजार और खगड़िया में 20 लाख 38 हजार रुपये बकाया हैं।

    वहीं सबसे कम वसूली सुपौल जिले में निर्धारित की गई है, जहां 3 लाख 54 हजार रुपये ही बकाया हैं। कटिहार में 2 लाख 39 हजार, किशनगंज में 3 लाख 43 हजार, मुंगेर में 4 लाख 7 हजार, बांका में 4 लाख 25 हजार 509, लखीसराय में 5 लाख 14 हजार और भागलपुर में 18 लाख 56 हजार रुपये की वसूली होनी है।

    बच्चों के निवाला गटकने में राज्य के सभी जिलों के हेड मास्टर आगे

    राज्य के 38 जिलों में जांच के बाद एमडीएम में अनियमितता पाए जाने पर वहां के प्रधानाध्यापकों पर कुल 11 करोड़ 59 लाख 93 हजार 58 रुपये का जुर्माना लगाया गया। हैरानी की बात यह है कि अब तक सिर्फ शेखपुरा और शिवहर जिलों के शिक्षकों ने शत प्रतिशत पूरी राशि जमा कराई है। बाकी 36 जिलों के प्रधानाध्यापकों ने अब तक केवल 6 करोड़ 21 लाख 15 हजार 962 रुपये ही आंशिक रूप से जमा कराए हैं।

    अभी भी करीब पांच हजार एचएम ऐसे हैं, जिन पर 5 करोड़ 38 लाख 77 हजार 96 रुपये बकाया हैं और वे राशि जमा कराने में आनाकानी कर रहे हैं। इनमें से 624 एचएम ने जिला शिक्षा पदाधिकारी के समक्ष और 616 एचएम ने सीधे विभाग को आवेदन देकर खुद को बेगुनाह साबित करने की कोशिश की है।