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    मानिक सरकार घाट पर कटाव रोकने के लिए डाले गए 2000 जीओ बैग पानी में समाए, नावों से लाया जा रहा बालू

    Updated: Mon, 01 Dec 2025 10:32 AM (IST)

    भागलपुर के मानिक सरकार घाट पर कटाव रोकने के लिए जीओ बैग डालने का काम शुरू किया गया है। पहले दिन दो हजार बैग डाले गए, पर गहराई के कारण वे पानी में समा ...और पढ़ें

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    मानिक सरकार घाट किनारे गंगा का कटाव रोकने के लिए किया जा रहा प्रयास। (जागरण फोटो)

    जागरण संवाददाता, भागलपुर। पिछले दो दिनों से मानिक सरकार घाट पर हो रहे कटाव को रोकने के लिए रविवार से जीओ बैग डालने का काम शुरू हो गया। पहले दिन करीब दो हजार जीओ बैग डाले गए। गहराई की वजह से सभी जीओ बैग पानी के अंदर ही समा जा रहे।

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    बाढ़ नियंत्रण प्रमंडल के अनुसार नदी के तट के समीप पानी की गहराई करीब सात फीट है। उसके पांच कदम आगे गहराई 15 फीट है। कटाव निरोधी कार्य शुरू होने से मोहल्ले के लोगों ने राहत की सांस ली है।

    बाढ़ नियंत्रण प्रमंडल के कनीय अभियंता अमित कुमार दलबल के साथ सुबह से ही तैयारी में जुट गए थे। दोपहर से कटाव के समीप नदी तल में बालू भरे जियोबैग डालने की शुरुआत की गई।

    अभियंता ने बताया कि नदी के निचले हिस्से में जियो बैग डालने से मिट्टी के खिसकने का खतरा नहीं रहेगा। इससे कटाव नियंत्रित रहेगा। पर नदी के बीच धारा में गहराई अधिक होने से कटाव के खतरे की संभावना बनी रहेगी।

    उनके मुताबिक कटाव निरोधी कार्य के लिए जीओ बैग डालने का कार्य तीन दिनों तक चल सकता है। नाथनगर दियारा क्षेत्र के घाट से जीओ बैग में बालू भर कर लाए जा रहे हैं। उसके लिए दो नावों को लगाया गया है।

    50 मीटर लंबाई में हुआ है कटाव

    घाट किनारे लगभग 50 मीटर लंबा और 22 फीट चौड़ा कटाव हुआ है। कटाव की गहराई 30 फीट तक है। इस कारण घाट से सटे कई आवासीय भवनों के धराशायी होने का डर सताने लगाने था।

    बोल्डर बिछाने से रुकता कटाव

    स्थानीय निवासी ई. रवि कुमार ने बताया कि जिला प्रशासन से नदी के तट पर बोल्डर बिछाने की मांग की गई थी। इससे कटाव का स्थायी निदान हो सकता है। जीओ बैग डालने का फायदा अधिक समय तक नहीं मिलेगा। इस पर प्रशासन को विचार करना चाहिए।