भागलपुर में आवास भत्ता घोटाले की खुल रही परतें, पुलिसकर्मियों समेत कई अधिकारियों पर गिरेगी गाज
भागलपुर में आवास भत्ता घोटाले की परतें खुलने लगी हैं। नवगछिया पुलिस केंद्र के सार्जेंट हरिओम कुमार और कांस्टेबल शशि शर्मा पर भत्ता हड़पने का आरोप है। रेंज आईजी ने जांच के आदेश दिए हैं। आरोप है कि पुलिसकर्मियों ने ऑडिट टीम को धोखा देकर गलत तरीके से भत्ता लिया। इस मामले में अन्य पुलिसकर्मियों की भूमिका भी संदिग्ध है जिनकी जांच की जा रही है।

जागरण संवाददाता, भागलपुर। खाकी महकमे में आवास भत्ता घोटाले की फाइल दबाने की साजिश रचने वालों के चेहरे जल्द ही बेनकाब होंगे। नवगछिया पुलिस केंद्र के सब-इंचार्ज सार्जेंट हरिओम कुमार और कांस्टेबल शशि शर्मा ने आवास भत्ता सूची से नाम हटवाकर और उसका ऑडिट कराकर तीन साल का भत्ता गबन कर लिया है।
मामला संज्ञान में आने के बाद रेंज आईजी विवेक कुमार ने नवगछिया एसपी को मामले की जांच कर कार्रवाई से अवगत कराने को कहा है। इस संबंध में रेंज आईजी ने नवगछिया एसपी को यह भी निर्देश दिया है कि अगर आवास भत्ता में इस तरह की गड़बड़ी करने वाले अन्य पुलिसकर्मी और अधिकारी हैं तो उनकी भी जांच कर कार्रवाई करें।
मालूम हो कि नवगछिया पुलिस केंद्र में अजीबोगरीब खेल खेलने वालों ने निजी लाभ के लिए एसपी को भी बदनाम किया है। पुलिस केंद्र में बने सरकारी 8 एलएच आवास में 37 महीने से रह रहे सब-इंचार्ज सार्जेंट हरिओम कुमार और लेखा शाखा में तैनात कांस्टेबल शशि शर्मा ने किराए में ही फर्जीवाड़ा कर लिया है।
आठ लोगों को आवंटित 8 एलएच आवासों की ऑडिट रिपोर्ट आने के बाद नवगछिया एसपी प्रेरणा कुमार ने 31 जुलाई 2025 को आवंटित आवासों में रहने वाले पुलिसकर्मियों और पदाधिकारियों को उनके वेतन से किराया लेने को कहा था। जून 2022 से अप्रैल 2025 तक की अवधि में आवंटित छह आवासों में रहने वालों से निर्धारित मानक किराया वसूलने का आदेश दिया गया था।
उक्त आदेश के बाद छह पुलिसकर्मी सहायक अवर निरीक्षक योगेश कुमार साह, परिचारी सोमजीत कुमार, हवलदार राकेश कुमार, चालक सिपाही दीपक कुमार सिंह, पुलिस अवर निरीक्षक लाइन बाबू कामेंद्र प्रताप सिंह और चालक हवलदार मिथलेश बैठा के वेतन से निर्धारित मानक किराया लिया गया।
आवंटित छह आवासों से किराया वसूली के दौरान खेल किया गया। दरअसल, पुलिस केंद्र और पुलिस कार्यालय नवगछिया का 16 मई 2025 से 27 मई 2025 तक ऑडिट किया गया था।
ऑडिट के दौरान पुलिस केंद्र में 8 एलएच आवास के फ्लैट नंबर एक में रहने वाले लेखा शाखा के हवलदार शशि शर्मा और जीपी प्रभारी यानी उपकरण शाखा के प्रभारी सार्जेंट हरिओम कुमार ने 8 एलएच आवास में क्रमशः मकान नंबर एक और चार में रहने की बात छिपाते हुए छह आवासों की सूची ऑडिटिंग टीम के समक्ष पेश की थी। जिसके आधार पर ऑडिट टीम ने रिपोर्ट में उन छह आवासों का किराया बताया था।
ऑडिटिंग टीम को धोखा देने के बाद इन दोनों आवासों को छिपाने का मामला नवगछिया एसपी के संज्ञान में भी नहीं आ सका। पुलिस केंद्र में आवंटित आवासों में ऐसा खेल खेलने वाले और भी कई पुलिसकर्मी और पुलिस पदाधिकारी हैं, जिन्होंने विभाग को धोखा दिया है और मकान किराए में हेराफेरी की है। ऐसा खेल खेलने वालों के चेहरे जांच की आंच में उजागर होंगे।
पुलिस कार्यालय में तैनात लेखाकार अनिल कुमार ने भी ऐसी अनियमितताओं पर सवाल उठाए हैं और कहा है कि ऑडिट के अनुसार तैयार की गई सूची के आधार पर ही आवास भत्ता काटा गया है। उन्होंने कहा कि ऑडिट के समय टीम के सामने ऐसे नाम सूची में शामिल नहीं किए गए होंगे, तभी ऐसी गलती हुई होगी।
आरोपी बनाए गए ग्राम पंचायत प्रभारी सार्जेंट हरिओम और लेखा कांस्टेबल शशि शर्मा ने स्वीकार किया कि वे अभी भी आवंटित आवास संख्या चार और एक में रह रहे हैं।
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