भागलपुर : डीएम ने नहीं सुनी तो कमिश्नर ने कर दिया यह बड़ा काम, खुली पोल सभी ने कहा-गजब
भागलपुर में 10 लिपिक लंबे समय से मुख्यालय में जमे थे। अधिवक्ता ने की थी शिकायत। नौ लिपिक का ट्रांसफर और एक को हटाने के लिए कहा गया। 22 जून व 13 जुलाई ...और पढ़ें

जागरण संवाददाता, भागलपुर। वर्षों से जिला मुख्यालय में जमे कर्मचारियों को प्रमंडलीय आयुक्त दयानिधान पांडेय ने स्थानांतरित कर दिया है। सभी कर्मचारियों का मुख्यालय प्रखंड व अंचल कार्यालय बनाया गया है। दरअसल, प्रमंडलीय आयुक्त से व्यवहार न्यायालय के अधिवक्ता एस कुमार ने समाहरणालय संवर्ग के 10 लिपिकों के कई वर्षों से एक ही कार्यालय, शाखा, जिला मुख्यालय में पदस्थापित व कार्यरत रहने की सूचना दी और उन्हें जनहित व न्यायहित में अन्य कार्यालयों में स्थानांतरित करने का अनुरोध किया। अनुरोध पत्र पर विचार करने के बाद 22 जून 22 को निर्देश दिया गया था कि एक ही कार्यालय में तीन वर्ष या उससे अधिक की सेवा पूर्ण करने वाले लिपिकों को जिला से अयंत्र स्थानांतरित किया जाए। इसके बाद दस में से पांच लिपिकों को जिला मुख्यालय, निकटवर्ती अंचल व प्रखंड कार्यालय में ही स्थानांतरित किया गया।
शेष पांच लिपिकों का स्थानांतरण नहीं किया गया। पुन: 13 जुलाई को उक्त 10 लिपिकों को दूरस्थ अंचल व प्रखंड कार्यालय में स्थानांतरित करने का आदेश दिया गया, लेकिन उनका स्थानांतरण नहीं किया गया। किसी कर्मचारी विशेष का एक ही कार्यालय, शाखा, जिला मुख्यालय में लंबी अवधि तक पदस्थापित या प्रतिनियुक्त रहना लोकहित एवं प्रशासनिक दृष्टिकोण से उचित नहीं है। पुन: निर्देश दिया गया कि कार्यहित एवं प्रशासनिक दृष्टिकोण से दस लिपिकों के स्थानांतरण के लिए आदेश निर्गत किए जाएं। हर हाल में दिए गए निर्देश का अनुपालन करना सुनिश्चित किया जाए।
इनके तबादले का जारी हुआ आदेश : राजीव नयन चौधरी, शंकर सुमन, सुदेश चंद्र वर्मा, विपिन कुमार सिंह, हिमांशु शेखर, अभिषेक कुमार झा, नवेन्दु कुमार, रंजन झा, आफताब आलम और मनोज कुमार वर्मा।
यह है मामला
सबौर पंचायत के वार्ड नंबर सात के सदस्य विनय मिश्रा ने आयुक्त के यहां आवेदन दिया था कि सात निश्चय में काम कराने के बदले भुगतान नहीं हो रहा है। आयुक्त को जानकारी मिली की फाइल लिपिक हिमांशु शेखर के पास है। इस संबंध में प्रमंडलीय आयुक्त ने पंचायती राज पदाधिकारी से स्पष्टीकरण मांगा। समर्पित स्पष्टीकरण से स्पष्ट हुआ कि मिश्रा की लंबित राशि का भुगतान करने में जान बूझकर लापरवाही बरती गई। प्रमंडलीय आयुक्त ने इस मामले में डीपीआरओ और क्लर्क हिमांशु शेखर के वेतन में कटौती करने का आदेश दे दिया। पंचायती राज पदाधिकारी को 15 दिनों के अंदर सरकारी प्रावधान के अनुसार भुगतान करने का आदेश दिया। इसके बाद वर्षों से जमे कर्मियों को स्थानांतरित करने का आदेश जारी किया गया।

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