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    Bihar Dakhil Kharij: बिहार में दाखिल-खारिज में चल रहा बड़ा 'खेल', कई सीओ पर लटकी कार्रवाई की तलवार

    Updated: Tue, 27 Aug 2024 02:48 PM (IST)

    जगदीशपुर अंचल में दाखिल-खारिज (Bihar Dakhil Kharij) के मामले में बड़ा खुलासा हुआ है। एक ही मामले में दो बार रिजेक्ट होने के बाद तीसरी बार आवेदन को मंजूरी दे दी गई। इस मामले ने जिले में हड़कंप मचा दिया है। जिलाधिकारी ने मामले की जांच के आदेश दिए हैं। साथ ही सात सीओ का वेतन भी बंद कर दिया गया है।

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    स्वीकृत से अधिक अस्वीकृत किए जा रहे दाखिल-खारिज के मामले।

    नवनीत मिश्र, भागलपुर। जगदीशपुर अंचल में दाखिल-खारिज के मामले (Bihar Land News) में दबरदस्त खेल चल रहा है। एक मामले में दो बार केस रिजेक्ट करने के बाद तीसरी बार उसे पास कर दिया जाता है। केस नंबर 1291/2023-2024, खाता नंबर 103, प्लॉट नंबर 607, मीरा देवी के आवेदन को 25 अप्रैल 2023 को रिजेक्ट कर दिया गया। इसके बाद केस नंबर 9289/2023-2024, खाता नंबर 103, प्लाट नंबर 607, मीरा देवी के आवेदन को चार नवंबर 2023 को रिजेक्ट कर दिया गया।

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    केस नंबर 731/2024-2025, खाता नंबर 103, प्लॉट नंबर 607, मीरा देवी के आवेदन को दो मई 2024 स्वीकृत कर दिया गया। यह तो एक बानगी है। जिले में ऐसे कई मामले हैं, जबकि नियम है कि अंचल से केस अस्वीकृत होने के बाद भूमि सुधार उपसमाहर्ता के न्यायालय में अपील दायर किया जाता है, लेकिन अंचल ने दो बार केस रिजेक्ट करने के बाद उसे तीसरी बार में स्वीकृत कर दिया गया। यह अपने आप में अजूबा केस है।

    स्वीकृत से अधिक आवेदन किए गए अस्वीकृत

    जगदीशपुर अंचल में लगातार स्वीकृत से अधिक आवेदन को अस्वीकृत किया जा रहा है। प्रमंडलीय आयुक्त व जिलाधिकारी के लगातार निर्देश के बावजूद इस पर लगाम नहीं लग पा रहा है। राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के अपर मुख्य सचिव ने भी इस मामले में सख्त निर्देश दिए हैं। इसके बावजूद स्थिति जस की तस है।

    जगदीशपुर सदर अंचल में 85057 आवेदन में से 39864 आवेदन को स्वीकृत किया गया और 42890 आवेदन को अस्वीकृत कर दिया गया। यहां 35 दिनों से 743 और 75 दिनों से 636 मामले लंबित है। इस मामले को जिलाधिकारी ने गंभीरता से लिया है और भूमि सुधार उपसमाहर्ता को जांच करने के आदेश दिए हैं।

    सात सीओ का वेतन बंद करने का आदेश

    जिले के चार अंचलों में दाखिल-खारिज के 45 प्रतिशत से अधिक आवेदनों को रद कर दिया गया है। जिलाधिकारी ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए भूमि सुधार उपसमाहर्ता को जांच करने के आदेश दिए हैं। जांच के दौरान देखा जाएगा कि आखिर क्यों केस को रिजेक्ट किया गया है। भूमि सुधार उपसमाहर्ता से एक सप्ताह के अंदर जांच कर रिपोर्ट देने के लिए कहा गया है।

    अनुमंडल पदाधिकारी को भूमि सुधार उपसमाहर्ता की जांच की निगरानी करने के लिए कहा गया है। जगदीशपुर में 50.43 प्रतिशत, सुल्तानगंज में 47.62 प्रतिशत, गोराडीह में 47.56 प्रतिशत, गोपालपुर अंचल में 45.20 प्रतिशत आवेदनों को अस्वीकृत किया गया है।

    भूमि सुधार उपसमाहर्ता को निर्देश दिया गया है कि वे अंचल द्वारा दाखिल-खारिज से संबंधित अस्वीकृत मामले की जांच करें। पहले आओ, पहले पाओ के नियमों का अंचलाधिकारी के स्तर से पालन हुआ है कि नहीं, इसकी भी निष्पक्ष जांच करें और रिपोर्ट दें।

    दाखिल-खारिज के लिए स्वीकृत 14320 आवेदनों के निष्पादन में देरी के मामले को जिलाधिकारी ने गंभीरता से लिया है। 75 दिनों से अधिक समय से 3876 मामले लंबित हैं। इस मामले में सात अंचलाधिकारी का वेतन बंद कर दिया गया है। जिलाधिकारी ऐसे अंचलाधिकारी पर कार्रवाई करने के आदेश दिए हैं।